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ये सब मानते हैं,
कि बहुत कुछ होना बाकी है,
पर बहुत कम ये सोचते हैं,
कि बहुत कुछ करना बाकी है!!
कुछ भरोसे में हैं,
कि कुछ होगा,
कुछ भरोसा दिला रहे हैं,
कि कुछ होकर रहेगा।
कुछ उम्मीद में हैं,
कि कुछ हो सकता है,
कुछ मना रहे हैं
कि कुछ हो जाये।।
पर ये सब बस देख रहे हैं कि,
कुछ होता है या नहीं!
पर इनसे कुछ न होगा।
क्यूंकि ये आम लोग हैं।
पर,
ज़रा दूजे किसम के कुछ लोग,
कुछ कर रहे थे,
और कुछ लोग
कुछ कर रहे हैं,
साथ ही, कुछ लोग,
कुछ करने वाले हैं
जो हुआ है,
करने से हुआ है,
जो हो रहा है,
करने से हो रहा है
जो होगा,
वो भी करने से होगा।
क्यूंकि,
न्यूटन का पहला नियम,
एक सार्वभौम सत्य है,
कि,
स्वतः कुछ भी नहीं होता!
अगर कुछ होता है,
तो
किसी के कुछ करने से होता है!!
अब ये जो किया जा रहा है,
वह आपके लिए सही है,
या गलत??
ये तय करनेवाला कोई और नहीं,
सिर्फ आप होंगे,
क्यूंकि आप में से प्रत्येक,
निर्विवाद रूप से
विधि की एक अद्वितीय कृति हैं!!
सो,
या तो करने वाले बनो,
या महज़,
नतीजा भुगतने वाले,
कम से कम,
इतना तो आप,
कर ही सकते हो!!
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