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अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे!!!! date 17 feb 2013

PAHAL - An Initiative by Shyam Dev Mishra
PAHAL - An Initiative by Shyam Dev Mishra
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मुझे साफ़-साफ़ कहने में कोई संकोच नहीं कि वर्तमान समयमें कोर्ट में सिर्फ और सिर्फ 1 सवाल हल होना बाकी है कि सरकार द्वारा UPTET-2011 में तथाकथित धांधली उसके द्वारा दिए गए प्रमाणके आधार पर सिद्ध होती है या नहीं। और अगर हाँ, इस सवाल के साथ सरकार को फटकार की दोषियों को चिह्नित करके उनके खिलाफ अबतक कार्यवाही क्यूँ नहीं की गई। कोर्ट NCTE या मानव संसाधन विकास मंत्रालय नहीं है जो यह तय करने में लग जाये कि TET-मेरिट बेहतर है या गुणांक क्यूंकि यह तय करनाकोर्ट के अधिकार-क्षेत्र में सामान्यतया नहीं आता।
खंडपीठ ने अपने 4 फ़रवरी के आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए 30.11.2011 के विज्ञापन सेशुरू हुई प्रक्रिया पर उस समय प्रभावी नियम यानि 12वाँ संशोधन और चयन का आधार यानि TET-मेरिट लागू होगी ना कि प्रक्रिया शुरूहोने के बहुत बाद चयन के आधार को लेकर सरकार के मन में उपजे विचार (AFTERTHOUGHT) के आधार पर किया गया 15वाँ संशोधन और उसमे दिया गया चयन का आधार यानि गुणांक!
मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, बेसिक शिक्षा सचिव, अतिरिक्त महाधिवक्ता सहितउत्तर प्रदेश में सत्ताधारी समाजवादी पार्टी की समूची सरकार और रमाबाई नगर पुलिस सहित समूचे सचिवालय और प्रशासनिक अमले को इस मामले में जो करना था वो करचुके हैं, जवाब में हम सबनेभी जो करना था, कर दिया है, जो करना बाकी रह गया है, खंडपीठ कर देने को तत्पर दिख रही है।
जहां तक अब कोर्ट में अपनी पूंछ दबती देख सरकार द्वारा 72825 पदों में चयन के लिए TET-वेटेज दिए जाने के प्रस्ताव की बात है, खंडपीठ इस अप्रासंगिक और अवयाव्हारिक प्रस्ताव पर विचार तक नहीं करेगी क्यूंकि कोर्ट का काम फैसला करना है न कि बीच का रास्ता निकलकर सम्बंधित पक्षों में न्याय के बुनियादी सिद्धांतों की कीमत पर समझौता करने का। यह बात सत्ता के मद और झूठेअहम् में डूबे और नए-नए मुख्यमंत्री बने इस लड़के और अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और राजनैतिक दबाव में कई बार अपने तत्कालीन आकाओं के तलवे चाटने तक को तैयार हमारे सेवकों (जनसेवक/ ­PUBLIC-SERVANTS) ­ को न समझ में आये तो कोई आश्चर्य नहीं। मुझे तो सिर्फ तब दुःख-मिश्रित-आश ­्चर्य तब हुआ था जब 21वीं सदी में उत्तर-प्रदेश की जनता ने इन्हें अपने सर पे बैठा लिया था। खैर, कोर्ट को अब केवल यह फैसला करना है कि UPTET-2011 में धांधली हुई या नहीं!
सरकार द्वारा 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के पुराने विज्ञापन और उसमे वर्णित चयन-प्रक्रिया को मात्र तथाकथित धांधली के आरोपों के आधार पर रद्द किये जाने को खंडपीठ पहले ही गलत और अस्वीकार्य बता चुकी है। जब खंडपीठ ने 72825 पदों पर भर्ती 12वें संशोधन यानि TET-मेरिट के आधार पर करने के बजाय प्रक्रिया शुरू होने के बहुत बाद किये गए PROSPECTIVE प्रभाव वाले 15वें संशोधन यानि गुणांक से करने के फैसले को मात्र एक AFTERTHOUGHT (उड़ानझल्ला शब्द ठीक रहेगा?) मानकर भर्ती पर लागू किये जाने को साफ़-साफ़ नकार चुकी है तो अब लड़ाई केआखिरी दौर में, लगभग हार चुकी, और घुटनों पर आ चुकी सरकार के इस भर्ती में तथाकथित TET-मेरिट लागू करने के प्रस्ताव या यूँ कहें कि AFTERTHOUGHT (उड़ानझल्ले) को खंडपीठ कितना महत्व देनेवाली है, यह उसके 4 फ़रवरी के आदेश सेखुद-ब-खुद स्पष्ट हो जाता है। TET-मेरिट दिए जाने का यह हालिया प्रस्ताव सरकार द्वारा अपनी साख बचाने का एक असफल और बेतुका प्रयास भर है।
क्या किया जाये कि कुछ लोगो के भाग्य में ही “थूक कर चाटना” लिखा होता है चाहे घुटनों पर आ जाने के बाद भी वो ऐसा करने को आसानी से तैयार न हों। ठीक भी है भाई!!
और हाँ, हिंदुस्तान में छपी आज की खबर की अग्रिम सूचना भाई गणेश दीक्षित औरभाई सुजीत सिंह से बात करके देवेन्द्र सिंह ने कलदिन में ही दी थी, चलो देर आयद, दुरुस्त आयद, थूक कर चाटने से तो अच्छा U-टर्न लेना ही है ……….! ठीक भी है भाई!!!

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