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मोदी-सरकार से अपेक्षा

PAHAL - An Initiative by Shyam Dev Mishra
PAHAL - An Initiative by Shyam Dev Mishra
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याद कीजिये

उजड्डों की तरह चीखते-चिल्लाते, लड़ते-भिड़ते, बाहें समेटते वेल में डटे हुए पचासों दलों के अनियंत्रित आक्रामक माननीय, अपनी-अपनी डफली, अपना-अपना राग, संसद में हफ्तों जारी गतिरोध, लटके हुए विधेयक, संसद की इस फ़िज़ूल कार्यवाही पर रोजाना बर्बाद होता जनता की गाढ़ी कमाई से जुटाया गया पचासों लाख रुपया….और काम के नाम पे बाबा जी का ठुल्लू !!

अब कल्पना करिये

चुनाव-पूर्व राजग (336 सांसद) +
चुनाव-पश्चात् जुड़े सहयोगी (91 सांसद) जिनकी आशा कर सकते हैं
= एकजुट, अनुशासित सत्तापक्ष (427 सांसद)
बनाम
विभाजित विपक्ष (116 सांसद),
सक्षम स्पीकर तथा पीठासीन अधिकारी और
पहले से सुविचारित विधेयक, आवश्यकता भर विमर्श और संशोधन/मंजूरी, क्रियान्वयन को प्राथमिकता…नतीजा देश की खुशहाली और तरक्की!!!

समावेशी राष्ट्रवाद के अंतर्गत भाजपा/राजग जयललिता की आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (37 सीट), ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (34 सीट) और नवीन पटनायक के बीजू जनता दल (20) को साथ लेकर चले तो न सिर्फ राजनैतिक बड़प्पन दिखा सकती है, बल्कि अपनी विस्तारशील राजनैतिक स्वीकार्यता का बोध कराते हुए महत्वपूर्ण विषयों और नीतियों-कार्यक्रमों पर सदन में प्रभावी प्रदर्शन और देश में तदनुसार निष्पादन कर जनाकांक्षाओं पर खरी उतर सकती है। अन्य जनप्रतिनिधि भी सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएं सुहागा।

और फिर 2019 में चुनाव भी तो होने हैं।

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