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घर के अंदर या बाहर…क्या चाह्ते हैं हम?!

A Step Towards...
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सर्दियो ने अभी दस्तक भी नही दे पाई थी कि राजधानी दिल्ली को जहरीली गैसो ने धुंध के रुप मे घेर लिया। प्रत्येक व्यक्ति का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। सांस की गम्भीर बीमारियां हो रही हैं। फिर भी लोग कुछ करना ही नही चाहते। यदि सरकार कदम उठाती है, तो विरोध किया जाता है। विपक्षी दलों के साथ लोग भी विरोध करने लगते है। जब दिल्ली मै “औड-ईवन” चलाया गया था, तो चारो तरफ से विरोध होने लगा। यदि हम अपने आप को ओर भविष्य को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो खुद से व सरकार के द्वरा किये गये प्रयासो मै सहभागिता दिखानी होगी।
दीपावली पर कोर्ट ने पटाखे की बिक्री पर रोक लगाई तो समाज के हर वर्ग से ईसके विरोध की अवाज़े आई, जबकि हर साल प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। किसान अपने खेतो में पराली जला रहे हैं, लोग सफाई के नाम पर जो कूड़ा एकत्र होता है वो घरो के बाहर जला देते हैं। कुछ चीज़ो को हम रोक सकते है‌ जैसे :
– पराली या कूड़ा न जलाना।
– पटाखो को न चलाये – चाहे शादी हो, चुनाव की जीत या किसी मैच में विजयी हो , किसी भी मौके को पटाखे जला कर न मनाए।
साथ ही कुछ बाते अपनाई जाना चहिये जैसे :
– साइकिल को अपनाए – जिससे प्रदूषण को रोकने मै मदद मिलेगी ओर स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
– अपने बच्चो को कारों से स्कूल न छोड़ना चाहिये बल्कि स्कूल बस का उपयोग करे।
– घर से यदि बस या मेट्रो मेट्रो की सुविधा है, तो इसका अधिक इस्तेमाल करे।
– यदि हो सके तो एक ही जगह जाने वाले लोग कार शेयर करे।
– जो पुरानी कारे धुआ देती है उनको सही करवाये।

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