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हमे अंग्रेजी और अंग्रेजी मुहावरों से कब से परहेज होने लगा |हिंग्रेजी हमारी जुबान बन गई है हम कोई भी बात हिंदी में करते है पर अपनी बात को समझाने के लिए बार -बार यू नो- यू नो करते हैं या आई मीन-आई मीन कहते हैं हम अंग्रेजी खाते हैं और अंग्रेजी पहनावा पहन कर गर्व अनुभव करते हैं हमने तो भारतीय संस्कृति छोड़ कर पश्चिम की संस्कृति से प्रेम कर लिया है राहुल गाँधी ने अपने जीवन के अनेक वर्ष विदेश में बिताये है वहीं पढ़े हैं , आज कल चुनाव हैं कैरियर का प्रश्न है इस लिए वह भारत में दिखाई देते हैं नहीं तो ज्यादातर वह विदेश में होते है जब वह देश में होते थे सब को सब जगह दिखायी देते थे कभी अपने काफिले के साथ दलित बस्ती में अपना खाना पानी ले जाकर खाते हुये या किसी बनती हूई इमारत में सफेद कपड़े पहने कंधे पर एक तसले में मिट्टी डलवा कर मजदूरों के साथ उठा कर चैनलों के लिए फोटो खिचवाते हुये उत्तराखंड में भयानक त्रासदी हूई मदद के लिए ट्रक तैयार थे परन्तु उनको हरी झंडी दिखा कर फोटो खिचवाने के लिए राहुल जी विदेश से आये |विदेश जाना कोई जुर्म नहीं है, मदद के ट्रक राहुल जी के बिना भी जा सकते थे|
रामदेव जी संस्कृत पढ़े हैं उन्होंने इस मुहावरे का प्रयोग सून लिया होगा हनीमून खत्म हो गया चलो काम पर लग जाओ अब पिकनिक या मेला झमेला खत्म हो गया बच्चो अब पढ़ने बैठ जाओ |मतलब तो यही है ” hani moon is over “रहा सवाल शादी की बात जब लड़का कुवारा होता है बड़े बूढ़े उसकी शादी की बात करते हैं |क्यों भारतीय लडकियां राहुल के योग्य नहीं हैं लड़की दलित की हो या किसी भी भारतीय की यहाँ पढ़ी लिखी लडकियों की कोई कमी हैं भारत में पीढ़ियों का राज्य बनाना चाहते हैं यदि किसी भारतीय लडकी से शादी की बात कर दी इसमें अपमान की बात कहाँ से आ गई ? केवल दलित समूदाय को भड़का कर उनको अपना वोट बैंक बनाना है और नहीं तो इसे दलितों का अपमान कह कर उन्हें भड़का लो |दलितों को वोट बैंक बनाने के बजाय उनके बच्चों लड़के,लडकियों की शिक्षा लडकियों की सुरक्षा और रोजगार की सोचो |
राम देव जी इसी देश की सन्तान हैं वह समवेदन शील होकर यहाँ की समस्याओं पर सोचते हैं जिस तरह से देश में भ्रष्टाचार नें जड़े जमाई हैं विदेशों में कमिशन खा कर ,उस धन को विदेशी बैंको में जमा किया जा रहा हैं हवाला से अपने देश से डालर बाहर भेजा जा रहा रहा है क्या इससे देश की आर्थिक स्थिति पर असर नहीं पड़ेगा ?अब नई सरकार बनी है उसमे विदेशों में जमा काले धन को प्राथमिकता दे कर सरकार नें कमेटी का गठन किया है रामदेव जी की भावना की कद्र की गई है यदि वाकई इस दिशा में सरकार गम्भीर रही यह बहूत बड़ा कदम होगा |
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