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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत के प्रति विदेश नीति

Vichar Manthan
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पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत के प्रति विदेश नीति ने वैसी ही करवटें बदलीं जैसी पकिस्तान के हुक्मरानों की आदत रही है चुनावी भाषणों में उनका भारत के प्रति रुख आक्रामक था लेकिन चुनाव में जीत के बाद अपने भाषण में उन्होंने नर्म रुख का परिचय दिया देते हुए कहा आप एक कदम उठाओ हम दो उठाएंगे लेकिन अपना झुकाव पूरी तरह चीन की तरफ दर्शाया |पाकिस्तान के दो चेहरे हैं एक तरफ नव निर्वाचित प्रधान मंत्री ने पत्र भेज कर भारत को वार्ता के लिए आग्रह किया दोनों देशों के विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में भाग लेंगे वहाँ वह आपस में वार्ता द्वारा आपसी विवादों के महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार करें लेकिन इसी बीच बीएसएफ के जवान सीमा पर बढ़ी घास काटने गये थे उनमें से एक सैनिक श्री नरेंद्र जी को गोली ही नहीं मारी उनके शव को क्षत विक्षत किया उनकी गर्दन पर कट का निशान था एक आँख निकालने की भी कोशिश की गयी ऐसा बर्बरता पूर्वक व्यवहार मध्य युगीन भारत में हमलावर किया करते थे स्वर्गीय नरेंद्र का शव उनके घर पहुंचा देश में रोष फैल गया ऐसे में वार्ता का अर्थ ही क्या रह गया? भारत  ने फिर भी वार्ता से इंकार नहीं किया , कश्मीर के तीन पुलिस कर्मियों को घर से उठा कर उनकी हत्या कर दी गयी अब वार्ता का कोई अर्थ ही नहीं रहा न कुछ बदला न बदलने की उम्मीद ही है |

28 एवं 29 सितम्बर भारतीय सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राईक की दूसरी वर्षगाँठ मोदी सरकार द्वारा मनाई विपक्ष के कुछ महानुभाव सर्जिकल स्ट्राईक पर प्रश्न उठा रहे थे यदि नहीं मनाते सैनिकों की शौर्य गाथा को देश का आम नागरिक कैसे जानता ?चुनाव पास हैं सरकार का काम है अपनी बात रखना विपक्ष का काम विरोध करना |

न्यूयार्क में होने वाली दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क )सम्मेलन की मीटिंग में सुषमा स्वराज ने भारत का रुख स्पष्ट कर दिया पाकिस्तानी विदेश मंत्री महमूद कुरैशी से हमारी विदेश मंत्री जी ने न दुआ न सलाम की उन्हें पहले बोलना था उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर तीखे प्रहार किये उन्होंने पाकिस्तान में पलने वाले आतंकी समूहों का नाम गिना कर सभा में उपस्थित विदेश मंत्रियों को बताया पाकिस्तान में सरकार के समर्थन से आतंकी समूह फल फूल रहे हैं उन्हें पहले नष्ट करना आतंकवाद से लड़ने की दिशा में पहला कदम होगा उन पर सभी देशों को मिल कर कार्यवाही करनी चाहिए यह संगठन काले धन से पनपते हैं यदि इनकी आय का स्तोत्र खत्म कर ही उग्रवाद एवं आतंकवाद को खत्म किया जा सकेगा भाषण समाप्त कर कुरैशी का उत्तर सुने बिना वह वहां से चली गयी |कुरैशी भड़क गये उन्हें सुषमा जी का उनकी बात सुने बिना जाना नागवर गुजरा आखिर गाजी मानसिकता है उन्होंने कहा सार्क देश के सदस्यों को मिल कर साथ चलना है लेकिन भारत के विदेश मंत्री का यह रवैया पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए आवश्यक था पाकिस्तान के साथ ऐसा ही व्यवहार होना चाहिए बातचीत की पेशकश लेकिन उसके बाद घृणित व्यवहार | उन्होंने भारत पर इल्जाम लगाया यदि सार्क की प्रगति में कोई देश बाधक है तो वह है भारत , प्रेस कांफ्रेंस में उनकी खीझ साफ़ दिखाई दे रही थी |

इमरान खान जानते हैं उनके देश की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है उन्होंने विदेशों में बसे पाकिस्तानियों से अपील की वह कम से कम 1000 डालर की आर्थिक मदद अपने देश को आर्थिक संकट से उबारने एवं देश में बांधों के निर्माण के लिए अवश्य दे |पिछले दिनों प्रधान मंत्री हॉउस में काम आने वाली गाड़ियाँ बेचीं गयी पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ की भैंसों की बकायदा बोली लगी लेकिन टेरर फंडों में किसी तरह की कटौती नहीं की गयी | प्रधान मंत्री इमरान खान प्रजातंत्र का मुखोटा हैं उनके पीछे सेना एवं आईएसआई है उसी के बल पर वह चुनाव जीते है उन्हीं के हिसाब से राज चलेगा |

सुषमा जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 22 मिनट के भाषण में सात मिनट तक पाकिस्तान की असलियत उसकी करतूतों से विश्व समुदाय को रूबरू कराया , भारत के साथ दोहरी चालें चलना पाकिस्तान की पुरानी आदत है एक तरफ वार्ता का प्रस्ताव दूसरी तरफ बीएसएफ के जवान के शव के साथ अमानवीय व्यवहार, कश्मीर पुलिस के तीन निहत्थे जवानों को घर से ले गये फिर गोली मार दी उन्होने कहा अमेरिका में 9/11 के मास्टर माईंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में घुस कर मारा लेकिन हमारे देश में 26/11 का अपराधी हाफिज सईद पकिस्तान में खुला घूम कर रैलियों में भारत को धमकियां दे रहा है | यहाँ तक पाकिस्तान के चुनावों में उसने अपने उम्मीदवारों को भी उतारा  सरकार उसके विरुद्ध कुछ नहीं करती | पिछली बार पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने राईट टू रिप्लाई का उपयोग करते हुए कुछ तस्वीरे दिखा कर झूठे आरोप लगा कर मानवाधिकार के उलंघ्घन का भारत पर आरोप लगाया जबकि वह तस्वीरें अन्य देश की थीं मानवाधिकारों का उलंघ्घन पाकिस्तान द्वारा किया जाता है वह हत्यारों आतंकियों का महिमा मंडन करता है आतंकियों के डाक टिकट जारी कर आतंकियों को फ्रीडमफाईटर का तगमा दिया गया हैं|संयुक्त राष्ट्र संघ में उन्होंने कहा विश्व के देश एक तरफ आतंकवाद से लड़ना चाहते हैं लेकिन आज तक आतंकवाद को परिभाषित नहीं कर सके हमारा देश वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत में विश्वास रखता है हमें यूएन के सभी देशों को परिवार मान कर चलना चाहिए, परिवार सौहार्द से चलता है उन्होंने नाम लेकर पाकिस्तान की आलोचना की हमारे देश में आतंकवाद सीमा पार से निरंतर आ रहा है आतंक भी फैलाता है बचने की कोशिश भी करता है |

पाकिस्तान में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पंजाब के मंत्री श्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने क्रिकेटर मित्र के बुलावे पर पाकिस्तान पहुंचे  वह भारत सरकार के प्रतिनिधि नहीं थे लेकिन अति उत्साहित थे पाकिस्तान पहुंचने पर सिद्धू ने वक्तव्य दिया प्रधान मंत्री इमरान को दोनों देशों के बीच अमन की बहाली की पहल करनी चाहिए वह भारत से मुहब्बत का पैगाम लेकर सद्भावना दूत बन कर आये हैं ‘यहां राजनेता के रूप में नहीं बल्कि दोस्त के रूप में आया हूं. वह पाकिस्तानी सेना की करतूतों को भूल गए और प्रेस कांग्रेंस में उनकी जमकर तारीफ में  कसीदे पढ़े कि मैं एक मोहब्बत का पैगाम लेकर आया था , उससे 100 गुना ज्यादा मोहब्बत लेकर वापिस जा रहा हूँ वह इतने विभोर हो गये आर्मी चीफ जनरल कमर बाजवा से गले मिले उसके भारत में आकर भी कसीदे पढ़े शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें आजाद कश्मीर के राष्ट्रपति के पास बैठाया गया | श्री सिद्धू के कसीदे ‘न सुख बलख न बुखारे जो सुख छज्जू के चवारे’ वह पाकिस्तान की राजनीति के शिकार हुए अपनी तरफ से दलीलें दे कर अपने कदम को सही ठहराने की कोशिश की ‘बाजवा साहब गुरु नानक देव के 550 वें जन्म दिन मनाने के लिए करतार पुर साहब का मार्ग खोल देंगे वह शान्ति चाहते हैं’ पाकिस्तान और शान्ति उसकी नीति ही जन्म के साथ भारत विरोध रहा है भारत कब से उस मार्ग को खुलवाना चाहता है पाकिस्तान को भी लाभ था  |सुनील गावस्कर ,कपिल देव ,एक्टर अमीर खान को भी न्योता दिया गया था उनकी फिल्मों का पाकिस्तान बाजार है वह वहाँ लोकप्रिय हैं परन्तु नहीं गये| सिद्धू सोच रहे थे यदि उन्होंने करतार पुर साहब का मार्ग खुलवा दिया वह सिखों के लीडरों की पहली कतार में आ जायेंगे वह सिख कौम की देश के लिए दी गई कुर्बानियों को भूल गये पिछले दिनों शहीद संदीप सिंह का शव उनके गावं कोटला खुर्द पहुंचा माँ ने अपने बहादुर बेटे की शहादत पर गर्व करते हुए पुत्र को कंधा दिया उनके नन्हे बच्चे एवं पत्नी ने उनके शव को सल्यूट किया लेकिन इससे पहले श्री सिद्धू कसीदे पढ़ चुके थे  |वह पाकिस्तान की कूटनीतिक चाल में आकर गुरु गोविन्द सिंह जी की कुर्बानियों को भूल गये उनका संदेश भूल गये |

‘पहले मरण कबूल कर जीवन दी छड़ आस’

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