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क्या बीजेपी का विजय रथ लोकसभा उप चुनाव नतीजों से प्रभावित होगा

Vichar Manthan
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योगी जी का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया  उन्होंने 21वें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में 19 मार्च को शपथ ग्रहण की थी कार्यकाल का प्रथम वर्ष खत्म होने से पूर्व गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा उपचुनाव के निराशाजनक चुनाव नतीजे सुनने के बाद राजनीतिक पंडितों को हैरानी हुई सपा बसपा के मुरझाये चेहरे खिल उठे | हार मामूली नहीं है गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र है इससे पूर्व उनके गुरु चार बार चुनाव जीते यहाँ से योगी जी ने पांच बार चुनाव जीता था | उनको 2014 में 51.8 प्रतिशत वोट मिले | जीत से अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमों मायावती जी बहुत उत्साहित हैं पिछले विधान सभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायमसिंह यादव को जिस तरह बागी तेवर दिखाये इससे सपा परिवार बट गया था अब आपसी मनमुटाव खत्म सा हो गया | चाचा शिव पाल यादव की कांग्रेस में जाने की अटकलें चल रहीं थीं उन्होंने अखिलेश यादव को जीत की बधाई दी हाशिये पर चले गये या पहुंचा दिए गये मुलायम सिंह यादव अखिलेश के कूटनीतिक दावं से चमकृत है लगता है परिवार फिर से एक जुट हो रहा हैं |

सेवन सिस्टर में नागालैंड मेघालय और त्रिपुरा के चुनावों मे बीजेपी ने पैंठ बनाई उनके समर्थन से नागा लैंड और मेघालय में (यद्यपि कांग्रेस का बहुमत था) भाजपा समर्थित सरकारें बनीं| त्रिपुरा में 25 वर्ष से सत्ता पर आसीन माणिक सरकार धराशायी हो गयी जबकि पूर्व मुख्य मंत्री माणिक सरकार सही अर्थों में आदर्श कम्यूनिस्ट हैं उनके दामन पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं हैं उम्मीदवारी का पर्चा भरते समय उनके बैंक अकाउंट में दो हजार रूपये थे जैसे ही वह हारे उन्होंने मुख्यमंत्री आवास छोड़ दिया उनके पास अपना घर नहीं है वह कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में अपनी पत्नी सहित एक कमरे में रहने चले गये | भाजपा की जय-जय कार हो रही थी लगता था बढ़ता  विजय रथ अब नहीं रुकेगा |मीडिया में भाजपा छाई हुई थी अब मीडिया का हर चैनल उन पर ऊँगली उठा रहा हैं एनडीए के साथी दल उनकी लोकप्रियता पर टिप्पणी कर रहे हैं |स्वयं भाजपा के कुछ नेता योगी जी की लोकप्रियता पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं वह सत्ता आने के बाद बड़े लाभ के पद पाने के इच्छुक थे | कुछ इस उपचुनाव के रिजल्ट से आगामी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति का आंकलन कर रहे हैं | भाजपा सांसद हुक्म सिंह की 3 फरवरी को मृत्यू होने से कैराना संसदीय सीट खाली हो गयी हैं कैराना सीट पर उप चुनाव होगा यहाँ भी सपा बसपा साथ चुनाव लड़ेगी | भाजपा को यहाँ दम दिखाना है |

जिस तरह का राजनीतिक ध्रुवीकरण उत्तर प्रदेश में देखने में आया है ऐसा ही मोदी जी के विरुद्ध लोकसभा चुनावों के लिए ध्रुवीकरण बनाने की और विपक्ष बढ़ रहा है| सोनिया गांधी जी ने विपक्षी दलों को दस जन पथ पर डिनर का न्योता दिया इसमें लगभग 20 दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया कोशिश की जा रही है आगामी लोकसभा चुनावों में सभी मतभेद भुला कर एक साथ मिल कर चुनाव लड़ा जाये  कुछ दल कांग्रेस विहीन तीसरे मोर्चे के गठन के समर्थक हैं |’टीडीपी’ मुख्य मंत्री चन्द्रबाबू नायडू आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा चाह रहे थे उन्होंने एनडीए छोड़ दिया उनका रुख क्या होगा ?

भाजपा में आत्म मंथन चल रहा है आखिर हार के कारण क्या हैं योगीजी इसका कारण कार्यकर्ताओं में अति उत्साह को मान रहे हैं जबकि परीक्षा या चुनाव इसका रिजल्ट कुछ भी हो सकता है | मोदी जी चुनावों में सबका विकास के मूल मन्त्र को लेकर चले थे लेकिन उत्तर प्रदेश में जातिवाद राजनीति पर  बुरी तरह हावी है इसने चुनावी गणित उलटा कर दिया चुनाव में सपा ने निषाद जाति का उम्मीदवार खड़ा किया था जबकि योगी जी को निषाद भी वोट देते थे सपा के उम्मीदवार को गोरखनाथ मठ से भी अधिक वोट मिले | सपा और बसपा ने अपने-अपने प्रत्याक्षी खड़े किये थे लेकिन कुछ समय बाद आपसी समझौते से बसपा ने सपा उम्मीदवार को समर्थन दिया | गोरखपुर में शहरी क्षेत्रों का वोटर वोट के प्रति उदासीन था जिससे वोट प्रतिशत कम रहा |फूल पुर में भी बसपा के वोट सपा को मिले जीत से उत्साहित पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का खिला चेहरा देखने से लगता है वह भविष्य के प्रति आशावान हैं |जिस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 में से 71 सीटें जीती थीं जबकि उनके परिवार के कुल पांच सदस्य ,कांग्रेस परिवार के दो राहुल और सोनिया गांधी ने सीटें बचाई थीं बसपा का खाता भी नहीं खुला था |

सपा और बसपा  दोनों के आपस में सम्बन्ध अच्छे नहीं है मायावती जी को शिकायत है उनकी मुलायम सिंह जी के साथ सरकार थी उनके समर्थन वापिस लेने पर 2 जून 1995 में गेस्ट हाउस काण्ड हुआ उन्हें मारने की कोशिश की गयी थी इसलिए दोनों दल कभी एक नहीं हो सके अखिलेश यादव कहते हैं पिछला भुलाकर आगे बढना चाहिए माया वती जी ने भाजपा के कल्याण सिंह जी के साथ भी सरकार बनाई थी जिसमें ढाई वर्ष के कार्यकाल के बाद जब कल्याण सिंह का मुख्मंत्री बनने का नम्बर आया उनके दल को साम्प्रदायिक कह कर समर्थन वापिस ले लिया था वह चार बार मुख्य मंत्री बनीं तीन बार समर्थन से एक बार अपने दम पर सत्ता में रहीं |वह दलितों की नेता हैं पूरी तरह जातिवादी राजनीति करती हैं लेकिन सतीश मिश्रा के उनके खेमें आने से उन्हें ब्राह्मणों का साथ मिला था| एक वर्ष पूर्व के यूपी विधान सभा चुनावों में मुस्लिम वोटरों को भी लुभाने की कोशिश की| चंडी गढ़ में अपने गुरु स्वर्गीय कांशीराम के जन्म दिवस के अवसर पर उन्होंने पिछड़ों को साथ आने का न्योता दिया | माया वती अधिकतर मीडिया से दूर रहती हैं लिखा भाषण पढ़ती हैं मीडिया के प्रश्नों के उत्तर नहीं देती राजनीतिक मजबूरी ने उन्हें सपा के साथ आने के लिए बाध्य हुई  उनका अपना अस्तित्व संकट में पड़ रहा था | यूपी गठ्बन्धन का भविष्य क्या होगा क्या इसमें कांग्रेस को भी शामिल किया जाएगा ?कांग्रेस परेशान है यूपी के उप चुनाव में उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी |

योगी जी अपने दायित्वों के प्रति समर्पित हैं उन्होंने गोश्त के लिए नकली कट्टी खाने बंद कराए |उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुधारने की पूरी कोशिश की है बाहुबली में उनका भय व्याप्त है कई खूंखार इनामी अपराधियों का एनकाउंटर किया गया अपराधी जेल में हैं या उत्तर प्रदेश से बाहर भाग रहे हैं| रोजगार के अवसर तलाशे जा रहे हैं कानून व्यवस्था सुधरने के बाद निवेश बढ़ने की भी सम्भावनाएं बढ़ रही हैं| उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था बिगड़ रही थी शिक्षा का स्तर गिर रहा था डिग्री धारियों की भरमार थी लेकिन कितनी डिग्रियाँ वास्तव में पढ़ाई से प्राप्त की गयीं हैं ? नकल माफिया जोरों पर था उन्होंने नकल रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाये नकल पर नकेल कसने से 11 लाख परीक्षार्थी दसवीं और इंटरमीडिएट की परीक्षा छोड़ गये यदि योगी जी की सख्ती ऐसे ही रही वह छात्रों को पढ़ने के लिए विवश कर देंगें शिक्षा का स्तर पहले के समान ऊंचा हो जाएगा | मदरसों में कम्प्यूटर एवं विज्ञान की शिक्षा पर बल दिया | भ्रष्टाचार खत्म करने की कोशिश की गयी ब्योरोक्रेसी पर सख्ती बरती पुलिस प्रशासन को चुस्त दरुस्त किया उनका स्वाभिमान बढ़ाया, महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी योगी जी प्रयत्नशील हैं | योगी जी ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए 22 एवं 23 फरवरी को यूपी इन्वेस्टर्स समिट 2018 का आयोजन किया भारत एवं विदेशों से आये 6000 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया यदि योगी जी ने उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ा दिए पदेश के दिन सुधर जायेंगे |

अभी चुनावों में एक वर्ष का समय है उपचुनाव के रिजल्टों ने भाजपा के चुनाव नीतिकारों की आँखें खोल दीं| उनका भरोसा पहले भी बिहार और दिल्ली के विधान सभा चुनावों के नतीजों से टूटा था अब केवल मोदी जी के नाम पर या मोदी जी के सहारे चुनाव जीतना आसान नहीं रहा खुद भी मेहनत से अपने चुनाव क्षेत्री में काम करना पड़ेगा |जनता काम देखती है लोक लुभावन वायदे नहीं |

 

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