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जेएनयू के कुछ बुद्धिजीवियों को माँ दुर्गा के अपमान का अधिकार किसने दिया ?

Vichar Manthan
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जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी बुद्धिजीवीयों का गढ़ माना जाता था लोग अपने बच्चों को यहाँ पढ़ाने के लिए ललायित रहते थे हर विषयों पर डिस्कशन करना यहाँ की खूबी थी |हैरानी की बात है यहाँ देश के विरोध में नारे लगे क्या देश की बर्बादी का नारा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार है | यही नहीं स्मृति ईरानी ने जब संसद में बताया यहाँ पर 2011 से कुछ बुद्धिजीवी कहे जाने वाले छात्र महिषासुर का महिमा मंडन कर बलिदान दिवस मनाते हैं और महिषासुर मर्दिनी माँ दुर्गा के लिए अजब कथा सुनाते हैं | इन्हें हिन्दू धर्म के अपमान का अधिकार किसने दिया ? इनके अधिकार अधिकार हैं लेकिन समाज की भावना का कोई मोल नहीं | जब यह विषय राज्यसभा में स्मृति ईरानी जी ने प्रमाण सहित उठाया विरोधी पक्ष परेशान हो गया पश्चिम बंगाल के चुनाव होने वाले हैं कांग्रेस बामपंथियों के साथ समझौता कर तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती हैं| बिहार में महा गठ्बन्धन की सफलता के बाद कांग्रेस का उत्साह बढ़ा है | बंगाल के जनसमाज की माँ दुर्गा में बहुत आस्था हैं | दुर्गा पूजा के अवसर पर बामपंथी भी पंडालों में नजर आते हैं कम्युनिस्ट विचार धारा को मानते हैं परन्तु काली माँ का पूजन करते हैं |राज्यसभा में शोर मचने लगा कोशिश की जा रही थी किसी भी तरह विषय को ठंडा किया जाये प्रमाणित तथ्य होते हुए भी कोशिश की गयी किसी तरह से विषय को दबाया जाये |बाम पंथियों ने कुतर्क देकर विषय को उलझाने की कोशिश की लेकिन धर्म निरपेक्षता की दुहाई देने वाली सरकार परेशान दिखी |
भारत में वर्ष में दो बार नवरात्र का पर्व हिन्दू समाज में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है | मान्यता है रावण से युद्ध करने से पूर्व श्रीराम ने रामेश्वरम् में शिव लिंग की स्थापना के साथ विजय श्री पाने के लिए माँ भगवती की अराधना की थी | हिन्दू सात दिन या आठ दिन तक व्रत रखते हैं माँ दुर्गा का पूजन करते हैं | वातावरण भक्ति रस से सराबोर रहता है | मन्दिरों में जबर्दस्त भीड़ रहती हैं घंटों कतारों में खड़े रहने के बाद बड़ी मुश्किल से भगवती के दर्शन होते हैं | मुस्लिम समाज भी हिदुओं की भावना का ध्यान रखते हैं वह जानते हैं लोग इस अवसर पर शाका हारी भोजन करते उनके मशहूर रेस्टोरेंट में भी गोश्त न के बराबर पकाया जाता है | यह उनके लिए भी छुट्टी का अवसर है | माँ दुर्गा को शक्ति का स्वरूप माना जाता है कहते हैं भक्त प्रहलाद के बंश में दुर्गम राक्षस के अत्याचार से देव तत्व आहत हो कर त्राहि-त्राहि करने लगे सब ने एकत्रित हो कर अपनी शक्ति से देवी का आह्वान किया धरती पर मानवता की रक्षा के लिए शक्ति रूपा माँ दुर्गा प्रगट हुई उनको प्रणाम कर सभी देवताओं ने उन्हें भेंट स्वरूप अपने अस्त्र शस्त्र प्रदान अर्पित किये कर उनकी स्तुति की |देवी ने असुरों का अंत कर समाज को भय मुक्त किया |
महिषासुर के वध की भी यही कथा है अत्याचारों से आहत देवताओं और समाज ने देवी का आह्वान किया देवी दुर्गा का सृजन सभी की शक्तियों के मिलने से ही संभव था ताकि महिषासुर का वध किया जा सकें। माँ देवी प्रगट हुई ,दुर्गा का स्वेरूप, बेहद आकर्षक था उनके मुख पर सौम्यरता और स्ने ह झलक रहा था | उनके दस हाथों में विशेष शस्त्र थे भगवान शिव का त्रिशुल, भगवान विष्णुे का चक्र, भगवान वायु का धनुष आदि। महिषासुर अगर अन्याय, अत्याचार का प्रतीक है, तो माता दुर्गा शक्ति, न्याय और हर अन्याय के विरुद्ध विजय का प्रतीक हैं उनकी आँखों में स्नेह हैं लेकिन दुष्टों का दलन करने के लिए आँखों में क्रोध की अग्नि धधकती है | मान्यता है जिस घर में मां दुर्गा विराजित होती हैं वहाँ नकारात्मक तत्व कमजोर पड़तें हैं। वे नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित करती है। कठिनाईयाँ को भी उनके समक्ष खड़े होने में कठिनता अनुभव होती है|
ब्रिटिश राज में दुर्गा पूजा की ख्याति से हिन्दू धर्म सुधारकों ने दुर्गा माँ से भारत को पहचान दिलाई और इसे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों का प्रतीक भी बनाया। भगवती दुर्गा पर कहानियाँ गढ़ने वाले जेएनयू के छात्रों नें अपने पाठ्यक्रम में इतिहास नहीं पढ़ा | राजा युद्ध कल में देवी के चंडी रूप की पूजा करने के पश्चात युद्ध भूमि में जाते थे | शिवाजी की तलवार माँ भवानी के जय घोष के साथ मुगलों के खिलाफ लपलपाती थी | गुरु गोविद सिहं जी की तेग हुंकार उठी थी ‘कतरा –कतरा कट मरे कबहू न छाड़े खेत‘ के साथ माँ चंडी का जयघोष भी शामिल था |1857 में अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति बहादुर शाह जफर के नेतृत्व में लड़ी गई अल्लाह हो अकबर के साथ हर-हर- महादेव तथा जय भवानी का जय घोष क्रान्ति कारियों में शक्ति का संचार करता था | झांसी की रानी लक्ष्मी बाई अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहीं थी वह दोनों हाथों से तलबार चलाती हुई रण चंडी का रूप लग रही थीं | डोगरा रेजिमेंट ‘ जय भवानी ‘ के जय घोष से दुश्मन के खिलाफ लड़ती हैं |
जब भी हमारी जीवन मृत्यु की लड़ाई होती है हम अपनी सम्पूर्ण शक्ति से आत्म रक्षा करते हैं | महिलाएं सदैव से दबी घुटी रहीं हैं दुर्गा के नाम से उनमें साहस का संचार होता है | नारी ने अपनी शक्ति को पहचाना है नारी सशक्तिकरण का समय है | उसने हर क्षेत्र में अपनी मेहनत से प्रवेश किया दुर्गा माँ उसी नारी शक्ति का प्रतीक हैं यदि वह अन्नपूर्णा है समय पर काली बन कर भयंकर रूप धारण करती हैं | हिन्दू धर्म की विशेषता रही है उसमें स्त्री को समाज में पुरुषों के समान माना है कोई भी यज्ञ पत्नी के बिना पूरे नहीं होते |नवरात्र के व्रत पूरे होने के बाद अनुष्ठान में कन्या पूजन का विधान है | घर का मुखिया कन्या के पैर धो कर हाथ में कलावा बांधता है माथे पर टीका लगाता है उन्हें भोजन करा कर दक्षिणा भी दी जाती है | कन्या पूजनीय है देवी का रूप है आज कुछ राक्षस वृत्ति के लोगों की उस पर भी नजर पड़ गयी हैं
हिदू धर्म ने अनेक थपेड़े सहे हैं फिर भी कभी सहिष्णुता नहीं छोड़ी |आज अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के नाम पर हिन्दू धर्म की निंदा कर राजनीतिक राजनितिक रोटियाँ सेकना क्या मौलिक अधिकार मान लिया गया है ?
डॉ शोभा भारद्वाज

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