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नेपाल एवं भारत के सम्बन्ध त्रेता युग एवं 563 ईसा पूर्व से जुड़े हैं

Vichar Manthan
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मोदी जी प्रधानमंत्री का पद सम्भालने के बाद तीसरी बार नेपाल की यात्रा पर गये, भारत की विदेश नीति नेपाल के साथ सदैव सम्बन्ध बढ़ाने की रही है। नेपाल से सम्बंध त्रेता युग से जुड़े है, जनक पुर के राजा जनक की पालित पुत्री सीता का विवाह महाराज दशरथ पुत्र श्री राम के साथ हुआ था उनके अन्य तीन राजकुमार लक्ष्मण। भरत और शत्रूघन की वधुयें भी इसी राज वंश की थीं, गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल में कपिलवस्तु के निकट लुंबिनी में हुआ था। भारत से बुद्ध धर्म का प्रचार और उनकी शिक्षायें एशिया तक फैलीं, बुद्ध धर्म ईसाई एवं इस्लाम से प्राचीन धर्म है। सांस्कृतिक दृष्टि से भारत एवं नेपाल के प्रगाढ़ सम्बन्ध रहे हैं ,नेपाल एक मात्र हिन्दू राष्ट्र है। मोदी जी ने अपनी पहली नेपाल यात्रा में नेपाल को सीता और जनक की भूमि कहा आपसी सम्बन्धों को हिमालय और गंगा से भी अधिक पुराने बतलाया। अबकी बार उनकी यात्रा राजनीतिक कम धार्मिक अधिक रही। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत से सीधे जनक पुर गये उन्होंने मुक्तिनाथ धाम में भी पूजा अर्चना की यह मन्दिर हिन्दुओं एवं बौद्ध दोनों धर्मावलम्बियों के लिए पवित्र माना जाता है यहाँ मोदी जी ने पारम्परिक ढोल भी बजाया उन्होंने यात्रा द्वारा रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश की। वह दुबारा पशुपति नाथ मन्दिर भी पूजा अर्चना करने गये।

मोदी जी ने नेपाल की यात्रा ऐसे समय में की जब कर्नाटक में विधान सभा चुनाव हो रहे थे। विपक्ष ख़ास कर कांग्रेस ने यात्रा की निंदा करते हुए कहा मोदी जी नेपाल जाकर हिन्दू कार्ड खेल रहे हैं, वह इसे कूटनीतिक यात्रा मानते हैं कुछ विचारकों का मानना है कर्नाटक के चुनाव को वहाँ का लोकल मीडिया प्रभावित करता है मोदी जी की यात्रा के प्रचार का अधिक असर वोटर पर नहीं होगा।  मोदी जी ने जनक पुर से अयोध्या के लिए सीधे बस सेवा शुरू की जिसका उद्देश्य नेपाल को भारत में रामायण सर्किल से जोड़ना  है।

एशिया के दो विशाल राष्ट्रों चीन और भारत के बीच में स्थित तिब्बत और नेपाल दो राष्ट्र हिमालय की गोद में बसे हुए हैं, कभी तिब्बत स्वतंत्र राज्य था  1951 की संधि के अनुसार तिब्बत को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया था लेकिन धीरे – धीरे तिब्बत के धार्मिक गुरु द्लाई लामा के अधिकारों में हस्ताक्षेप कर अंत में चीन की सरकार नें तिब्बत पर बल प्रयोग कर उस पर अधिकार जमा लिया त्रस्त दलाई लामा देश छोड़ने के लिए विवश हो गये वह पहले नेपाल पहुचे अब वह भारत में धर्मशिला में रहते हैं चीन का तिब्बत पर पूर्ण अधिकार हो गया। भारत और चीन के बीच अब नेपाल ही स्वतंत्र राज्य है जिसकी भारत के बीच लम्बी सीमा है जो तीन और से भारत से घिरा हुआ  भारत का सम्मानित मित्र है लेकिन चीन की नेपाल पर नजर रही है नेपाल को अपने प्रभाव में लेने के लिए माउंट एवरेस्ट से रेल सेवा पहुंचाने की तैयारी कर रहा है एक बार रेल सेवा हिमालय को पार कर गई उसे नेपाल भारत की सीमा पर पहुचने में देर नहीं लगेगी नेपाल के साथ लम्बी मैदानी सीमा होते हुए भी हम रेल एवं सड़क का विस्तार नहीं कर पाए हैं, यदि ऐसे ही चलता रहा हम ड्रेगन से कैसे लड़ पायेंगे।

1950 में नेपाल की राणा सरकार की पहल पर भारत और नेपाल के बीच सन्धियाँ हुई जिस पर भारत और नेपाल दोनों ने हस्ताक्षर किये यह शांति एवं मित्रता संधि भारत नेपाल सम्बन्धों का मूल हैं।  संधि में वाणिज्य को बढ़ावा दिया गया नेपाल के नागरिक भारत में आ जा सकते हैं उन्हें भारतीय नागरिक के समान रोजगार के सुअवसर प्रदान किये जायेंगे। भारतीय व्यापारियों ने नेपाल में अपना व्यवसाय बढाया, भारत से कई उड़ानें नेपाल जाती है भारत के पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटक भी भारत से होकर जाते हैं। नेपाल में भारत द्वारा दो तिहाई निवेश किया जाता है, भारतीय सेना में नेपाली गोरखों की टुकड़ी शामिल रही है जो पर्वतीय क्षेत्रों में लड़ने लिए उत्तम लड़ाके माने जाते हैं।
2008 में नेपाल में राजशाही समाप्त हो गई नेपाल नरेश श्री वीरेंद्र का परिवार सहित हत्या हो गयी  और राजा ज्ञानेंद्र ने सत्ता पर कब्जा कर लिया वह भारत के साथ सम्बन्ध बढ़ाने और नेपाल में जनतांत्रिक व्यवस्था दोनों के विरोधी थे। नेपाल में माओ वाद का प्रभाव बढने लगा, माओवादियों नें भारत के बारे में भ्रमित कर भारत विरोधी प्रचार किया, कहा  भारत  में भगवान बुद्ध की जन्मस्थली को भारत की धरती बताया जाता है जबकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दुष्प्रचार की काट करते हुए नेपाल में दिए अपने भाषण में भगवान बुद्ध का जन्म स्थान बताया।

चीन नेपाली सेना में भीं अपना प्रभाव बढ़ा रहा है उसने सहायता राशि बढ़ा दी है चीन नेपाल में अपना निवेश बढाता जा रहा हैं नेपाल भी चतुरता से दोनों देशों की सहायता का लाभ उठाता है। नेपाल में भारत विरोधी प्रचार की भी कमी नहीं है “दरिद्र देश भारत का बंधुआ बाजार बन गया है “ नेपाल से आने अले राजनेता भारत आते हैं भारत की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हैं लेकिन देश वापिस जाते ही आलोचना शुरू हो जाती है मई 2008 से नेपाल अब संघीय गणराज्य है। लेकिन 2008 के चुनाव में माओवादियों को बहुमत के बाद भी सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत नहीं मिला अन्य के समर्थन से माओवादी प्रचंड प्रधान मंत्री बनाये गये थे। प्रचंड सबसे पहले चीन की यात्रा पर गये जबकि नेपाल में प्रधानमन्त्री की सबसे पहले भारत यात्रा की परम्परा रही हैं। भारत के राजनीतिक हलकों में इसे पसंद नहीं किया गया, काफी समय से नेपाल में अस्थिरता रही  बिना रोकटोक के यात्रा के अधिकार के कारण भारत विरोधी तत्व नेपाल से भारत विरोधी गतिविधियाँ चलाने लगे।  2000  में इंडियन एयरलाइन्स फ्लाइट 814 काठमांडू से चली राह में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन अपहरण कर कंधहार ले गये सात दिन तक सवार बंधक बने रहे सिविलियन को छुड़ाने के लिए भारत को तीन खतरनाक इस्लामिक आतंकी छोड़ने पड़े थे। 17 वर्षों के बाद शपथ ग्रहण समारोह के बाद नरेंद्र मोदी ने अपने पड़ोसी राज्यों के साथ फिर से सम्बन्ध घनिष्ट करने का प्रयत्न किया उन्होंने नेपाल की संयुक्त संसद को पहले नेपाली में सम्बोधित कर सबको विभोर कर दिया।

नेपाल की स्वतन्त्रता , सम्प्रभुता स्वाभिमान को सम्मान दिया नेपाल के साथ सहयोग , सम्पर्क ,संस्कृति और संविधान पर चर्चा की नेपाल को आर्थिक रूप से मजबूत करने पर बल दिया ,पनबिजली योजनाओं में पूरा सहयोग देने का वचन दिया और कहा नेपाल में मीठा जल और जंगलों में औषधियों को प्रचुरता है कमी केवल सही दिशा निर्देश की है यदि नेपाल की जल विद्युत क्षमता का प्रयोग किया जाए वह दक्षिणी एशिया का संपन्न देश बन जायेगा। भारत द्वारा नेपाल को एक अरब डालर की सहायता देने का आश्वासन दिया। इस यात्रा में वह राजनीतिक दलों और व्यवसायिक समुदायों से भी मिले थे।

नेपाल में आये भयंकर भूकम्प में भारत ने तुरंत सहायता भेजी भारत द्वारा राहत दल ,स्वास्थय सेवा ,भोजन, पानी, दवाईयों को भेजने में जरा भी देर नहीं लगाई जबकि चीन ने भी सौहार्द जताया था  मुश्किल की घड़ी में भारत नेपाल के इस कष्ट में बड़े भाई की तरह साथ रहा है नेपाल के पुनरुत्थान के लिए राहत दल भेजे थे। नेपाल को इस आपद स्थिति से उभरने में काफी समय लगा, भारत की नीति रही है नेपाल में प्रजातंत्रिक व्यवस्था मजबूत हो नेपाली अर्थ व्यवस्था भारत पर निर्भर है लाखो नेपाली भारत में काम करते हैं लेकिन नेपाल में विकास बहुत धीमी गति से हो रहा है। नेपाल में नया संविधान लागू किया गया जिसमें मधेसियों को दूसरे दर्जे का नागरिक मानने पर दोनों देशों के सम्बन्धों में कटुता आई भारत की मधेसियों के से सहानुभूति रही है क्योकि बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के निवासियों की उनके साथ नजदीकियां रही हैं उन्होंने अपनी कुछ मांगे मनवाने के लिए भारत नेपाल सीमा की कई स्थानों पर नाकाबंदी कर दी जिसका आरोप भारत पर लगाया गया। नाकेबंदी से हुई कठिनाईयों को पाकिस्तान और चीन ने भुनाया। चीन नेपाल के और भी नजदीक आ गया वहाँ के नौजवानों की चीन के प्रभावी प्रोपगंडे के कारण रूचि चीन की तरफ बढ़ रही है नेपाली मीडिया भी चीन की बोली बोलता है लेकिन पुराने नेपाली भारत के नजदीक हैं।

 

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