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बेल्जियम एवं राजधानी ब्रुसेल्स पर मंडराता आतंकवादी खतरा

Vichar Manthan
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बेल्जियम योरोप के उत्तर पश्चिम में स्थित ऐसा देश है जिसकी सीमायें फ्रांस जर्मनी लक्जमबर्ग और नीदरलैंड से घिरी हुई हैं |17वीं शताब्दी में बेल्जियम आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र था |बेल्जियम क्रान्ति तक योरोपियन शक्तियों के साथ इस प्रदेश में कई लड़ाईयाँ लड़ीं गयीं जिससे इसे युद्ध का मैदान भी कहा गया था| 4 अक्तूबर को नीदरलैंड से आजाद होकर बेल्जियम ने स्वतंत्र राष्ट्र के रूप अपनी पहचान बनायी | यहाँ भी अन्य योरोपियन देशों के समान औद्योगिक क्रान्ति भी हुई इस समय योरोपियन राष्ट्र ऐसे उपनिवेशों की तलाश कर रहे थे जहाँ से कच्चा माल सस्ते दामों में खरीदा जाये और इन्हीं क्षेत्रों में तैयार माल महंगे दामों पर बेचा जाये अंत में इसने अफ्रीका में कई उपनिवेशों पर भी अधिकार जमा लिया | विश्व में हुये दो विश्व युद्ध अधिक से अधिक उपनिवेश पाने की होड़ का ही नतीजा था |
प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी ने फ्रांस पर आक्रमण करने से पूर्व बेल्जियम और लग्जमबर्ग जैसे तटस्थ देशों पर अधिकार कर लिया जिससे ब्रिटेन ने जर्मनी के विरुद्ध युद्ध की घोषणा कर दी |द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने नीदरलैंड और बेल्जियम पर हवाई हमले कर इन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया हिटलर की अजेय सेनाओं के सामने योरोप के देश असमर्थ हो रहे थे ऐसे में बेल्जियम क्या कर सकता था? एक सितम्बर 1939 में पोलेंड पर हमला हुआ तब हिटलर के मंसूबे समझ में आये सबने संयुक्त रूप से हिटलर का विरोध करने की ठानी| हिटलर का पतन होने के बाद युद्ध की समाप्ति हो गयी | द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद उपनिवेशों में आजादी की लहर उठने लगी उन्हें अब गुलाम बनाये रखना असम्भव था | विश्व के आर्थिक उत्थान और नवनिर्माण के लिये योरोपियन संघ की स्थापना की गयी बेल्जियम योरोपियन संघ के संस्थापक देशों में से एक था उसने द्रढ़ता से खुली अर्थ व्यवस्था का समर्थन किया यही नहीं 28 योरोपियन संघ सदस्य देशों के एकीकरण और उसकी शक्ति का विस्तार करने का भी वह समर्थक था | 1832 से 2002 तक बेल्जियम की मुद्रा बेल्जियम फ्रेंक थी बाद में योरोपियन संघ का सदस्य बनने के बाद मुद्रा यूरो हो गयी लेकिन इन सिक्कों पर राजा अल्बर्ट द्वितीय का चित्र है |
बेल्जियम एक विकसित देश हैं | यहाँ संसदात्मक व्यवस्था है लेकिन ब्रिटेन के समान नाम मात्र की शक्ति के साथ कार्यपालिका अध्यक्ष राजा है | वह अपनी सहायता के लिए प्रधानमन्त्री सहित मंत्रियों की नियुक्ति करता है जिनके पास संघीय सरकार बनाने के लिए प्रतिनिधि मंडल में बहुमत होना चाहिए | बेल्जियम संसद के दो सदन हए 1. सीनेट 2. चेम्बर आफ रिप्रजेंटेटिव है| यह विश्व का ऐसा देश है यहाँ अनिवार्य रूप से मतदान करना पड़ता है | बेल्जियम में बोली जाने वाली मुख्य भाषायें डच ,फ्रेंच एवं जर्मन हैं | यह धर्म निरपेक्ष राष्ट्र है संविधान द्वारा नागरिकों को धार्मिक स्वतन्त्रता प्रदान की गयी है लेकिन बेल्जियम की राजनीति में रोमन कैथोलिक धर्म का विशेष महत्व रहा है, बड़ी संख्या भी रोमन कैथोलिक की है |दूसरे नम्बर पर इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है यहाँ बड़ी संख्या में सुन्नी मुसलमान रहते हैं यह मुस्लिम समुदाय एंटवर्प ब्रसेल्स और चारलेरोई बड़े शहरों में निवास करते हैं | बौद्ध धर्म को मानने वालों की काफी संख्या होने के कारण धर्म को क़ानूनी मान्यता प्राप्त है |हिन्दू और सिख धर्मावलम्बी भी रहते हैं इनकी संख्या आजकल 20.000 हैं |
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स है यह बेल्जियम का सबसे बड़ा शहर है यहाँ 19 महानगर पालिकाएं हैं| द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रुसेल्स अंतर्राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बिंदु रहा है यहाँ योरोपियन संघ की मुख्य इमारतें और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों राजनीतिज्ञों राजनयिकों और सिविल सर्वेंट के घर हैं यहीं नाटो का मुख्यालय भी है नाटो की स्थापना कम्युनिस्ट सोवियत रशिया के खिलाफ की गयी थी | ब्रुसेक्स में फ्लेमिश और फ्रेंच समुदाय के लोग मुख्य रूप से रहते हैं कुछ क्षेत्रों में जर्मन भाषी भी रहते हैं आपस में विवाद होने की स्थिति में विवाद बेल्जियम के संवैधानिक न्यायालयों द्वारा निपटाए जाते हैं जिससे विभिन्न संस्कृतियों को मानने वाले शान्ति पूर्वक रह सकें |
औद्योगिक विकास के कारण श्रमिकों की भारी कमी थी. इसलिए जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड इत्यादि ने यूरोप के नजदीकी मुस्लिम देशों से श्रमिक बुलाना शुरू किया। बेल्जियम में मुस्लिम समुदाय का आना 1960 से शुरू हुआ बेल्जियम ने पहले मोरक्को और तुर्की से और बाद में अल्जीरिया व ट्यूनीसिया से भी 1974 में प्रवासी श्रमिक बुलाये ।वर्तमान समय में पाकिस्तान ,ईरान और अफगानिस्तान से भी आ कर प्रवासी बसने लगे | समय के साथ उन्हें अपने परिवार भी बेल्जियम लाने की छूट दे दी गई।2008 तक मुस्लिम समाज में महिलायें हिजाब में नजर नहीं आती थी अब हिजाब का चलन भी बढ़ रहा है और नाम के साथ मुहम्मद लगा कर अलग पहचान बनाने लगे हैं | बेल्जियम में बढती धार्मिक कट्टरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है यहाँ 350 मस्जिदें मौजूद हैं पहली पीढ़ी मौलवियों से कुरान की व्याख्या सुनती थी अब कुरान पढने के लिए नौजवान अरबी सीख रहे हैं एक रिपोर्ट की माने तो बेल्जियम में मुस्लिम जनसंख्या इस कदर बढ़ रही है दसवां निवासी मुसलमान है| लगभग 500 जेहादी सीरिया जा कर इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ रहे हैं यह संख्या बेल्जियम की जनसंख्या को देखते हुए बहुत अधिक है |
. पेरिस में हुए हमले के बाद आतंकियों ने बेल्जियम में भी हमले की चेतावनी दी थी , बेल्जियम अब आईएस के केंद्र के रूप में स्थापित होता जा रहा है। आईएस चीफ बगदादी ने धमकी दी है आने वाले दिनों में यह पूरे यूरोप में मुस्लिमों की राजधानी बनेगी। इस वक़्त आईएस में फ्रांस और बेल्जियम के लोग ही सबसे ज्यादा संख्या में शामिल हुए हैं। बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स पर नजर डालें तो वह हमेशा यूरोपियन यूनियन की राजधानी कही जाती रही है। इसलिए आईएस का बढ़ता आतंक यहाँ यूरोप के लिए मुश्किल बढ़ाता रहा है। बेल्जियम में सरकार इस्लामी गुटों के साथ कई वर्षों से संघर्ष कर रही है। यहाँ के कई शहर इस्लामी चरमपंथियों के गढ़ माने जाते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा जनसंख्या ब्रसेल्स और उसका दक्षिण-पश्चिम का उपनगरीय इलाक़ा मोलेनकीक है। इस इलाके में मोरक्को के लोगों की बड़ी आबादी रहती है। पुलिस और पेरिस हमलों के जांचकर्ता मानते हैं कि पेरिस के कई हमलावर भी इसी इलाक़े के रहने वाले थे। पेरिस हमलों में 130 लोग मारे गए थे घायलों की संख्या भी बहुत बड़ी है| पेरिस के हमलों में कथित तौर पर शामिल सालेह अब्देसलाम छुप कर बेल्जियम लौट आया उसे 18 मार्च को मोलेनबीक से गिरफ़्तार किया गया तभी से ब्रुसेल्स पर आतंकवाद का खतरा मंडराने लगा| 22 मार्च को ब्रुसेल्स के जावेनतेमे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो आत्म घाती हमलों में हमलावरों ने अपने आप को फाड़ने से पहले अरबी में नारा दिया फिर अपने आप को उड़ा दिया | कुछ समय बाद एक आत्मघाती हमला मालबीक मेट्रो स्टेशन पर किया गया ,चौथा बम हवाई अड्डे पर मिला | यह शान्ति प्रिय बेल्जियम के इतिहास की दुःख दायी घटना थी ,तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया | ब्रुसेल्स के प्रधान मंत्री चार्ल्स मिशेल ने इस दिन को देश के लिए काला दिन बताते हुए कहा पहले हमने समझा बुझा कर मुस्लिम समुदाय को बदलने की कोशिश की परन्तु लगता अब सख्ती करनी पड़ेगी यहाँ की जनता सीरिया से आने वाली मुस्लिम शरणार्थियों का विरोध कर रही हैं यदि उन्हें रोका नहीं गया तो एक दिन ब्रुसेल्स मुस्लिमों का देश बन कर रह जायेगा| इन हमलों द्वारा आतंकवादियों ने संदेश दिया है कितना भी प्रयत्न कर लो उन्हें दबाया नहीं जा सकता| ख़ुफ़िया एजेंसियों ने जब योरोप में आतंक फैलाने वाले और पैरिस हमले के मास्टर माईंड सलाह अब्दे सलाम को गिरफ्तार किया था लेकिन आतंकवादी घटना को अंजाम देने वाले आतंकवादियों नें ब्रुसेल्स में बम धमाके कर जता दिया उनके इरादे मजबूत हैं |कितने भी सुरक्षा के प्रयत्न क्यों न किये जायें जेहादी उनसे अधिक मजबूत हैं इस्लामिक स्टेट की विचार धारा को सीरिया और इराक में सैनिक हमले कर कितना भी दबायें लेकिन जेहाद के इरादे पर असर नहीं पड़ेगा |
भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी आज 30 मार्च को ब्रुसेल्स में 13वें भारत योरोपियन संघ शिखर की वार्ता में हिस्सा लेने ब्रुसेल्स पहुंचे हैं |भारत और बेल्जियम दोनों ही आतंकवाद से पीड़ित मुल्क हैं | पहले पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को भारत झेलता था उसे हमारी समस्या समझा जाता था लेकिन अब योरोप इसकी गिरफ्त में आ चुका है |देश के आर्थिक विकास में आतंकवाद कितना बाधक है इसे हमसे अधिक कौन जानता है| बेल्जियम का एंटवर्प शहर हीरे के व्यापार का बहुत बड़ा केंद्र हैं भारत के अनेक हीरा व्यापारी यहाँ रहते हैं | मोदी जी उनसे भी मिलेंगे | द्वितीय युद्ध में हीरों को हिटलर के हाथ में जाने से बचाने के लिये ख़ुफ़िया स्थान पर ले जाया गया था यदि यह हिटलर के हाथ पड़ जाते यह उसके लिए बहुत बड़ी उपलब्धी होती |अब ब्रुसेल्स पर फिर से खतरा मंडरा रहा है इससे पूरा योरोप प्रभावित होगा यह सबसे अधिक चिंता का विषय होगा |
डॉ शोभा भारद्वाज

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