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साहित्यकारों का सम्मान लौटाना किसका विरोध सरकार का या साहित्य अकादमी का ?

Vichar Manthan
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साहित्यकारों का सम्मान लौटाना विरोध या राजनीति
1988 में सलमान रुश्दी की पुस्तक दी सैटनिक वर्सेज पर ईरान के आयतुल्ला खुमैनी ने फतवा जारी किया उन्हें अनेक ठिकाने बदलने पड़ें देश बदले जहाँ भी रहे वहाँ की सरकार ने उनके रहने और सुरक्षा का इंतजाम किया उन्होंने स्वयं भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखा भारत में उनकी किताब पर बैन लगा दिया गया जबकि भारत के लोग पुस्तक पढ़ना चाहते थे | सरकार को मुस्लिम की भावनाओं की कद्र थी | उनके भारत में आने पर विरोध के चलते बीजा देने से इंकार किया जाता है जबकि वह अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के हिमायती हैं साहित्य सम्मान लौटाने वाले साहित्यकारों की वह हिमायत कर रहें हैं|
तसलीमा नसरीन अपने प्रगतिशील विचारों के कारण इस्लामिक कट्टर पंथियों के निशाने पर थी विरोध के चलते बंगला देश छोड़ना पड़ा स्वीडन ने उन्हें नागरिकता दी लेकिन बंगाल की सरकार उन्हें स्थाई रूप से रहने देने की हिम्मत नहीं जुटा नहीं सकी उनहें दिल्ली भेजा गया वहाँ भी वह नजर बंद रहीं भारत में उनके खिलाफ पांच फतवे जारी किये गये भारत के बुद्धिजीवियों साहित्यकारों की जमात कुछ नहीं बोली वह भारत में रहना चाहती थी बंगला भाषी लेखिका हैं यहीं की धरती से सम्बन्धित समस्यायों और विषयों पर लिखती हैं |उनको पुस्तकों पर बैन लगाने की बात की गई थी |
देश में अधिकतर कांग्रेस की सरकार रही या कांग्रेस से असंतुष्टों की सरकार बनी | अटल बिहारी जी के नेतृत्व में बनी एन डी ए की सरकार अनेक दलों के समर्थन से बनी थी | 1984 में राजिव गांधी जी की बहुमत की सरकार के बाद पहली बार फिर से एनडीए की सरकार बनी जिसमें भाजपा का बहुमत है जिस समय नरेंद्र मोदी जी सत्ता में आये देश भ्रष्टाचार से त्रस्त था नौजवान नौकरी न मिलने के कारण परेशान और निराश थे अब मोदी जी की तरफ आशा से देख रहे हैं | वह भी भारत में अधिक से अधिक निवेश के अवसर पैदा कर रोजगार की समस्या सुलझाना चाहते हैं |
लेखक नरेंद्र दाभोलकर , पानसरे हाल ही में हुई कलबुर्गी जी जिनके विषय में कहते हैं मूर्ति पूजा के विरुद्ध लिखते थे की हत्या से लेखक व्यथित हैं |समझ नहीं आता हिन्दू समाज इतना असहिष्णु कैसे हो गया अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अंतर्गत सब को अपनी बात कहने का हक हैं | दादरी काण्ड में बकरीद के दिन कथित गोवध के आरोप में अख़लाक़ के घर पर भीड़ ने हमला कर दिया जिसमें अख़लाक़ की हत्या कर दी | लेखक बढती असहिष्णुता से भी दुखी हैं |सबसे पहले उदय जी ने साहित्य अकादमी द्वारा दिया गया सम्मान लौटा दिया इसके बाद अंग्रेजी में लिखने वाली साहित्यकार नयनतारा जी ने सम्मान लौटाया इसके बाद एक-एक- कर लेखक सम्मान लौटा रहे हैं उन्हें इस बात का भी कष्ट हैं साहित्य आकादमी ने कलबुर्गी जी की हत्या पर शोकसभा नहीं की न हत्या की आलोचना ही की |
मुनव्वर राणा ने एक चैनल में चल रहे साहित्यकार और सरकार विषय पर चर्चा चल रही थी उन्होंने साहित्य अकादमी द्वारा दिए गये पुरूस्कार और एक लाख रूपये का चेक लौटाते हुये कहा ‘ हम किसी बात का विरोध करते हैं आप हमें पाकिस्तान से जोड़ देते हैं मुझे 10 अक्तूबर को पाकिस्तान मुशायरे में जाना था मैं नहीं गया आप कह देंगे मैं वहाँ से सीख कर आया हूँ |’ उन्होंने कहा जब अख़लाक़ का कत्ल हुआ मैं दोहा में मुशायरे में गया था | मुझ से अनेक शायरों और पाकिस्तानी शायरों ने पूछा ऐसा क्यों हुआ मैने घर की बात कह कर शेर में बात खत्म कर दी | उन्होंने पूछा नहीं ऐ शायरों सीरिया , अफगानिस्तान और इराक से मुस्लिम शरणार्थी अपना सब कुछ गवां कर योरोप के दरवाजे पर शरणार्थी बन कर खड़े हैं मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश उन्हें पनाह क्यों नहीं देते | 125 करोड़ का भारत देश है वहाँ की दुर्घटना पर आपकी निगाह हैं | उन्होंने ने आतंकवाद की परिभाषा भी की प्रश्न उठाया आतंकी हमला क्या है आतंक के मायने क्या हैं जो अख़लाक़ के परिवार के साथ हुआ यह आतंक है |एक मुसलमान पटाका फोड़ दे वह आतंकी हो जाता है और भी बहुत कुछ कहा |राणा जी ऐसे तो नहीं थे ? उन्होंने भी मुस्लिम कार्ड खेला |
अजीब लगा पाकिस्तान से रोज आतंकी भारत भेजे जा रहे हैं बम्बई बम ब्लास्ट ,संसद पर हमला ,बम्बई पर फिर हमला ताज होटल में कई विदेशी मारे गये तीन दिन तक बम्बई आतंक के साये में रही दिवाली से पहले दिल्ली के सरोजनीनगर बाजार में बम काण्ड कई लोग जान से गये और भी कई हमले | अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता है कुछ भी कह सकते हैं काश राणा साहब पाकिस्तान के मुशायरे में जा कर अपनी शायरी की भाषा में वहाँ के लोगों से प्रश्न पूछते क्या आपने पाकिस्तान के हुक्मरानों से पूछा? बिलोचिस्तान के बाशिंदे हमारे अपने लोग हैं हिन्दुस्तान के मुहाजिर जिन्होंने पाकिस्तान बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था तुम्हारे अपने हैं आज भी मुहाजिर क्यों कहे जाते हैं ?पाकिस्तान पर पंजाबियों का वर्चस्व क्यों है ?पी ओ के पर जुल्म क्यों है? उनकी शिक्षा , रोजगार की चिंता नहीं है उनके हाथ में बंदूक पकड़ा देते हो | हाफिज सईद को क्यों खुला छोड़ रखा हैं परन्तु उनकी नजर में आतंक की परिभाषा ही अलग हो गयी है अब तक 28 साहित्यकार साहित्य अकादमी का पुरूस्कार लौटा चुके हैं केवल मुनव्वर साहब ने नाटकीय ढंग से लौटाया वह कहते हैं मैने पहले पुरूस्कार ढूंढा सम्मान चिन्ह उन्हें ढूंढना पड़ा में चैक सहित लौटा रहा हूँ इसे वह 23 अक्तूबर को होने वाली साहित्य अकादमी की बैठक में भी लौटा सकते थे|
आज हमारे साहित्यकारों का अचानक दम घुटने लगा उनको शिकायत है देश का माहौल ठीक नहीं है आज तक उन्हें कभी लगा ही नहीं पुरूस्कार लौटाना चाहिए |देश में की दंगे हुए आतंकी घटनायें हुई ,सिखों का कत्लेआम हुआ राजीव गांधी ने कहा था जब कोई बड़ा पेड़ गिरता हैं धरती हिलती हैं ,कश्मीरी ब्राह्मण कश्मीर घाटी से निकाल दिए गये | नयनतारा नेहरु परिवार से सम्बन्धित हैं कश्मीर से उनका सम्बन्ध रहा है वह अंग्रेजी में लिखती हैं उन्हें भी पुरूस्कार लौटाने के लिए यही समय उचित लगा | देश में इतने घोटाले हुए देश का पैसा देश से काले धन के रूप में विदेशी बैंकों में बाहर जा रहा था हमारे साहित्य कारों का बढ़ते भ्रष्टाचार से दम नहीं घुटा | सैनिको के सीमापार कर आये आतंकियों ने सिर काटे गये दो सैनिकों के सिर वह साथ ले गये | ,नौजवान अपने भविष्य की चिंता से परेशान हैं | साहित्यकारों को विरोध की सूझी हैं अख़लाक़ की हत्या दादरी कांड अखिलेश सरकार की व्यवस्था का प्रश्न हैं |लेखकों की हत्या भी राज्य सरकारों का विषय हैं वहां जा कर साहित्यकार प्रदर्शन करते परिवारों के आंसू पोछते अपने लेखन का विषय बना कर सरकारों पर दबाब डालते | साहित्य अकादमी सरकारी संस्था नहीं है | संस्कृति मंत्रालय द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त हैं |सरकार की तरफ से भी विरोध में समस्या का राजनीतिकरण करने की बात कही गई| साहित्यकार कितनी सफाई दें उनकी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर आघात लगाया जा रहा है | देश का अपना संविधान है जिसमें संशोधन की जटिल प्रक्रिया हैं | अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता मौलिक अधिकार हैं ,राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर भी जोर दिया गया है यदि अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता दी गई हैं दूसरों को भावनाओं का भी सम्मान करें | संविधान की रक्षा के सुप्रीम कोर्ट है एक दिन में प्रजातांत्रिक प्रणाली में न्याय नहीं मिलता इसकी एक न्यायिक प्रक्रिया हैं | राज्यों की सरकारें अपने अधिकार क्षेत्र में काम करती हैं | राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री जी दादरी कांड की निंदा कर चुके हैं | नौजवान भी पूछ रहे हैं | पुजारी की गोरक्षा करते हुए पीट – पीट कर हत्या कर दी गई उस पर प्रश्न क्यों नहीं उठा| तसलीमा नसरीन ने ने यहाँ तक कह दिया ज्यादातर धर्म निरपेक्ष हिन्दू विरोधी हैं | वह सवाल करती हैं केवल मुस्लिम वोट बैंक के लिये उनकी पुस्तकों पर बैन लगाया गया |
पिछले दिनों श्री रहमान जो भारत का गौरव हैं आस्कर पुरूस्कार विजेता हैं उन्होंने ईरानी फिल्म में संगीत दिया यह फिल्म इस्लाम धर्म से सम्बन्धित है ईरान में चल रही हैं ईरानी कवि ने उनको बोल दिए उन्होंने उन बोलों पर संगीत दिया फिल्म ईरान में चल रहीं है ईरान एक मुस्लिम मुल्क है वहाँ इस्लामिक सरकार है लेकिन उन पर भारत की एक इस्लामिक संस्था नें फतवा जारी किया | अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के सबसे बड़े समर्थक जावेद जी शबाना आजमी और श्री महेश भट्ट जी ने एक शब्द नहीं कहा | श्री सुधीर कुलकर्णी के न्योते पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी अपनी पुस्तक का विमोचन करने बम्बई आये उनका शिवसैनिकों ने विरोध किया सुधीर जी का मुहँ काला कर दिया इसे कोई उचित नहीं कहेगा | जावेद जी शबाना जी और महेश भट्ट बाहर निकल आये| साहित्यकारों की मरजी है वह सम्मान को रखें या लौटायें या अभी उन्हें विरोध का उचित अवसर मिला है लेकिन उनके पाठक इसे हजम नहीं कर पा रहे हैं |इतिहास उनसे प्रश्न करेगा और विश्लेष्ण करेगा |

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