जिस उम्र में लड़कियां अपनी सोच को नई उड़ान देती है उस उम्र में उड़ीसा के कंधमाल जिले के एक स्कूल की लड़की ने एक बच्चे को जन्म दिया है. यह लड़की अभी दसवीं कक्षा की छात्रा है.
खबर है कि महज 15 या 16 वर्ष की इस लड़की ने रात्री के समय बच्चे को जन्म दिया लेकिन सुबह होने तक यह बात सब जगह फैल गई. खबर की पुष्टि होते ही स्कूल के प्रधानाध्यापिका के साथ दो अन्य शिक्षकों को उनकी सेवा से निलंबित कर दिया गया.
यह कठोर कदम कंधमाल जिला प्रशासन द्वारा उठाया गया है. प्रशासन को जैसे ही लिंगागादा आवासीय बालिका उच्च विद्यालय में एक नाबालिक कन्या द्वारा बच्चे को जन्म देने की खबर मिली तो वे तुरंत हरकत में आए और स्कूल हॉस्टल में पहुंच गए.
गर्भावस्था से जुड़े ये भ्रम मात्र ‘भ्रम’ ही हैं
अपना कड़ा रूप दिखाते हुए प्रशासन ने स्कूल की प्रधानाध्यापिका आशा लता पाटी को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही दो शिक्षक, जो खासतौर पर लड़कियों के हॉस्टल की देख-रेख करते हैं, उन्हें भी निकाल दिया गया.
प्रशासन द्वारा यह निर्णय स्कूल प्रशासन एवं हॉस्टल मैनेजमेंट की लापरवाही को देखते हुए लिया गया है. प्रशासन का कहना है कि एक बच्ची के गर्भवती एवं बाद में बच्चे को जन्म देने जैसी बात पर स्कूल अधिकारी लापरवाह कैसे हो सकते हैं.
फिलहाल उस बच्ची और जन्म लिए शिशु से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की जानकारी स्कूल एवं जिला प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है. लेकिन सोचने वाली बात यह है कि क्या इस तरह के कदम के बाद भी उस नाबालिक मां के साथ समाज सलीके से पेश आएगी. Next…..
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