दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिक और चिकित्सक जानलेवा बीमारियों की दवा ढूंढने में जुटे हैं। दुनियाभर में इन दिनों कोरोना वायरस ने तबाही मचा रखी है। इस वायरस का अब तक सही इलाज चिकित्सक नहीं ढूंढ पाए हैं। इसी तरह कैंसर को भी खत्म करने में चिकित्सकों को उपचार ढूंढने में लंबा समय लगा। वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार कैंसर का उपचार उपलब्ध होने के बावजूद मात्र एक साल में ही 1 करोड़ लोग इस प्राणघातक बीमारी की चपेट में आकर मौत को गले लगा चुके हैं।
कैंसर डे पर WHO का खुलासा
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने कैंसर से लोगों को अवेयर करने के लिए 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे घोषित कर रखा है। इस दिन वैज्ञानिक, चिकित्सक, चिकित्सा संस्थान, मेडिकल काउंसिल और सामाजिक संगठन मिलकर कार्यक्रमों के जरिए कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं। कैंसर डे पर इस जानलेवा बीमारी से बचने के उपायों, इलाज और सुविधाओं के विस्तार पर विमर्श होते हैं। इस बार भी दुनियाभर में कैंसर डे के उपलक्ष्य में आयोजन किए जा रहे हैं।
डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैंसर मरीज
कैंसर डे पर WHO ने इस बीमारी से संबंधित रिपोर्ट जारी की है, जो बेहद शॉकिंग है। रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर के करीब दो करोड़ लोग कैंसर की बीमारी के शिकार हैं। रिपोर्ट में बताया गया है 1.8 करोड़ लोग कैंसर की बीमारी से ग्रसित हैं। 100 तरह के कैंसर में ज्यादातर पीडि़त मरीज लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ब्लड कैंसर और प्रोस्टेड कैंसर के शिकार हैं।WHO की यह रिपोर्ट 2018 में किए गए सर्वे पर आधारित है।
एक साल में एक करोड़ मरीज मरे
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में कैंसर से पीडि़त लोग बहुत जल्दी का मौत का शिकार बन रहे हैं। सिर्फ 2018 में 1 करोड़ लोग कैंसर से मर चुके हैं। बीमारी से होने वाली 6 मौतों में 1 मौत कैंसर की वजह से होती है। यह एक साल में कैंसर से मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है। चिकित्सकों के मुताबिक कैंसर का इलाज तो ढूंढ लिया गया है लेकिन इसकी लंबी प्रक्रिया होने के कारण यह बेहद खर्चीला है। इस वजह से ज्यादातर लोग इलाज अफोर्ड नहीं कर पाते हैं और वह मौत का शिकार बन जाते हैं।
View this post on InstagramIt's #WorldCancerDay DYK: In 2018, over 18 MILLION people around 🌏🌍🌎 had #cancer, and 10 MILLION people died from the disease. Let's beat cancer! Let's beat cancer! Let's beat cancer! Let's beat cancer! Let's beat cancer!
World Health Organization (@who) on
70 फीसदी मौतें गरीब देशों में
निम्न और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में 70 फीसदी मौतें कैंसर की वजह से होती हैं। चिकित्सकों ने प्राणघातक बीमारी कैंसर का इलाज करने के लिए जो प्रकिया ढूंढी वह 6 महीने से शुरू होकर पूरा होने में दो साल या इससे भी ज्यादा समय लेती है। इसके ट्रीटमेंट में कीमोथैरेपी, रेडियेशन थैरेपी और सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इन विधियों से क्रिकेटर युवराज सिंह, बॉलीवुड स्टार रिषी कपूर, मनीषा कोईराला समेत दुनियाभर की कई बड़ी हस्तियां ठीक हो चुकी हैं।…NEXT
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