दुनिया में आज भी कई देश और इलाके ऐसे हैं जो गृहयुद्ध झेल रहे हैं। ऐसे देशों में महिलाओं और बच्चों की हालत ज्यादा खराब है। बच्चों के जन्म और मृत्यु को लेकर आई यूनीसेफ की ताजा रिपोर्ट ने लोगों को विचलित कर दिया है।
महिलाओं और बच्चों की हालत बदतर
शिन्हुआ की रिपोर्ट में यूनीसेफ के डाटा का जिक्र करते हुए बताया गया है कि सीरिया में बच्चों और महिलाओं के हालत बदतर होती जा रही है। मिडिल ईस्ट के देश सीरिया को लेकर यूनीसेफ ने आंकड़े जारी किए हैं। इनमें बताया गया है कि पिछले 10 सालों से सीरिया में चल रहे युद्ध के दौरान करीब 50 लाख बच्चों ने जन्म लिया है। यह बच्चे बमबारी और गोलियों की आवाज सुनते हुए पैदा हुए।
हर 10 घंटे में एक बच्चे की मौत
यूनीसेफ के अनुसार गृहयुद्ध की चपेट में चल रहे सीरिया में हर 10 घंटे में एक बच्चे की मौत हो रही है। आंकड़ों के अनुसार 2014 से 2019 के बीच 5,427 बच्चों की युद्ध के कारण मौत हो चुकी है। जबकि 3,639 बच्चे बुरी तरह घायल होकर अपने शरीर का कोई न कोई अंग गवां चुके हैं। लगभग 7 साल के बच्चे किसी न किसी शारीरिक समस्या से जूझते पाए गए हैं।
युद्ध के हालात से खत्म हो रहा बचपन
यूनीसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनेरिटा फोरे पिछले सप्ताह सीरिया के दौरे पर थीं। उनके अनुसार युद्ध का बुरा असर बच्चों पर पड़ रहा है। यही कारण है कि सीरिया में बच्चों के लिए शिक्षा और भोजन की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। लगातार प्रयास के बावजूद इस समस्या को खत्म करने में पूरी कामयाबी नहीं हासिल हो पा रही है। यहां के ज्यादातर इलाकों में लगातार बमबाजी और गोलीबारी के कारण बचपन खत्म हो रहा है।
View this post on InstagramUNICEF works with partners in Syria & in neighbouring countries to provide aid to #ChildrenUnderAttack. Last year, UNICEF reached: – 3 million children with education.👩🏫👨🏫 – Over 5.3 million people with safe water🚰 – 2 million people with water & sanitation services🚿 #Syria9 #ForEveryChild
UNICEF MENA (@unicef_mena) on
5 लाख बच्चे सुरक्षित स्थान पर भेजे गए
रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2019 से अब तक सीरिया के युद्ध प्रभावित इलाकों से 575,000 बच्चों और उनके 960,000 परिजनों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। यूनीसेफ सीरिया में कई सालों से उसके पड़ोसी देशों के साथ मिलकर लोगों के जीवन को पटरी पर लाने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए बड़ी संख्या में यूनीसेफ, डब्ल्यूएचओ और यूनाइटेड नेशंस से फंड भी जारी किया जाता है।…NEXT
Read More:
टिड्डियों ने देखते देखते चट कर दी 3 देशों की फसल, 1 करोड़ किसानों की तबाही के बाद भारत पर नजर
Coronavirus: चीन ने अब 6 दिन में बना दी मास्क फैक्ट्री, पहले 8 दिन में बनाया था अस्पताल
3 हजार साल पुरानी दवा से ठीक हो रहा कोरोना वायरस, चीन का खुलासा
कोरोना वायरस : हेल्पलाइन नंबर पर तकलीफ बताइये तुरंत आएगी मेडिकल टीम
Read Comments