दशकों से सरकार के लिए मुसीबत बने नक्सलियों को रास्ते पर लाने में अहम भूमिका निभा रहे एक पुलिस कप्तान पर फिल्म बनाई जा रही है। नक्सली बने युवाओं को बंदूक छोड़ने के लिए प्रेरित करने में पुलिस कप्तान के विचार काम आ रहे हैं। लोग उनकी प्रशंसा में नक्सलियों पर जादू करने वाला पुलिस कप्तान भी कहते हैं। पुलिस कप्तान ने केवल 7 दिनों में 13 कुख्यात और इनामी नक्सलियों को सरेंडर कराया है।
देश के 80 से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित
देश के विभिन्न राज्यों के 80 से ज्यादा जिले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिने जाते हैं। इनमें छत्तीसगढ़ राज्य का दंतेवाड़ा जिला नक्सलियों के गढ़ के रूप में जाना जाता है। यहां दशकों से नक्सली स्थानीय प्रशासन और सुरक्षाबलों के लिए मुसीबत बने रहे हैं। लेकिन, हाल के दिनों में दंतेवाड़ा के नक्सलियों की कमर टूट गई है।
लोन वरातू प्रोग्राम से 60 दिन में 83 का सरेंडर
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार दंतेवाड़ा जिले के पुलिस कप्तान अभिषेक पल्लव नक्सलियों को सही रास्ते पर लौटने का मौका देने के लिए जून महीने से लोन वरातू प्रोग्राम चला रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत नक्सलियों को सरेंडर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जून और जुलाई में यानी करीब 60 दिनों में 83 नक्सलियों ने इस प्रोग्राम के तहत सरेंडर कर दिया है।
7 दिन में 13 नक्सलियों ने बंदूक छोड़ी
अगस्त के शुरुआती 10 दिनों में ही एसपी अभिषेक पल्लव को बड़ी कामयाबी तब हासिल हुई जब 13 नक्सली कमांडरों ने उनके आगे हथियार डाल दिए। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभिषेक पल्लव नक्सली इलाकों में जाकर बच्चों और महिलाओं से बात कर उनके पिता और पतियों को बंदूक छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। पुलिस कप्तान बनने से पहले अभिषेक डॉक्टर थे। शायद इसलिए उनके समझाने का अंदाज नक्सलियों के परिवारों पर असर कर रहा है।
नक्सलियों के परिजनों पर असरदार हैं एसपी की बातें
पुलिस कप्तान के समझाने का असर यह हुआ कि नक्सलियों का बड़ा कमांडर और 8 लाख का ईनामी नक्सली मल्ला ने रक्षाबंधन के दिन सरेंडर कर दिया। पुलिस कप्तान ने कुछ दिन पहले ही नक्सली मल्ला की बड़ी बहन को अपने भाई से गलत रास्ता छुड़वाने के लिए प्रेरित किया था। इसके नतीजे में नक्सली मल्ला ने रक्षाबंधन के मौके पर बहन से राखी बंधवाते हुए सरेंडर कर दिया था।
पुलिस कप्तान पर बनाई जा रही फिल्म
नई दुनिया के दंतेवाड़ा संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार नक्सलियों को सही रास्ते पर लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने स्थानीय प्रशासन को फिल्म बनाने की मंजूजरी दी है। फिल्म का मुख्य केंद्र दंतेवाड़ा पुलिस कप्तान अभिषेक पल्लव हैं। वह फिल्म में मुख्य भूमिका निभाएंगे और उनके साथ सरेंडर कर चुके नक्सली भी अदाकारी करेंगे। फिल्म को हिंदी, अंग्रेजी, तेलगू, छत्तीसगढ़ी समेत स्थानीय बोली गोंडी और हल्बी में बनाया जा रहा है।..NEXT
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