उसके नाम से ही दुनिया कांपती थी. कोई उससे भूलकर भी किसी बात पर बहस नहीं करता था क्योंकि छोटी-छोटी बातों पर जेब से पिस्तौल निकालना, उसका शौक बन चुका था. जुर्म की घिनौनी दुनिया के इस बादशाह का सपना सिर्फ दहशत पैदा करना था. लेकिन उसे कभी भी अपने इन कामों का पछतावा नहीं हुआ क्योंकि वो अपराध की दुनिया का बादशाह समाज की वजह से बना था. ये कहानी रोजर नाम के ऐसे शख्स की है जिसने समाज के तानों से तंग आकर अपराध की दुनिया का रूख कर लिया और नामी-गिरामी गैंग का हिस्सा बन गया.
दरअसल बचपन में रोजर का स्कूल जाते समय एक्सीडेंट हो गया था. उसके पैर को ट्रक ने इस कदर कुचल दिया था कि उसके पैर को काटना पड़ा. उसका पैर काटने से पहले डॉक्टर टीम ने 25,000 रु. में उसके पैर का इलाज करवाने की बात भी कही थी. लेकिन बेहद गरीब परिवार से होने के कारण इतनी रकम का उस वक्त बंदोबस्त कर पाना, किसी पहाड़ तोड़ने से कम नहीं था. इसके बाद पैर में फैक्चर हो गया और पैर को काटना पड़ा. इसके बाद रोजर अपनी कहानी बताते हैं कि ‘मैं अपने आस- पड़ोस में ‘लंगड़े’ के नाम से मशहूर हो गया. एक वक्त तो ऐसा था जब मैं अपना नाम ही भूल चुका था.
समाज ने किया बहिष्कार, परिवार ने भी नहीं दिया साथ लेकिन फिर भी इन दोनों ने पेश की एक नई मिसाल
धीरे-धीरे मुझे ये यकीन हो गया कि इस दुनिया में अच्छा बनकर रहना कितना मुश्किल है. इसलिए महज 15 साल की उम्र में, मैं घर से भाग गया. मुझे बस कैसे भी दौलत कमानी थी. एक दिन मेरी मुलाकात एक गैंग से हुई. जो हर तरह के अपराध करने में माहिर थी. फिर तो मैंने भी हाथ में चाकू रखकर दहशत फैलाना शुरू कर दिया. मैं तीन बार जेल गया. लेकिन हर बार वापसी पर दुबारा से अपराध की दुनिया में लौट जाता था. मेरे इन सब कामों की वजह से 1994 में मुझे देखते ही गोली मार देने का ऑर्डर दिया गया.
उस रात की कहानी
इससे आगे की दिलचस्प कहानी के बारे में रोजर कहते हैं ‘ वो दिन भी रोज की तरह ही था. जब मैं पुलिस से छुपते-छुपाते भाग रहा था. मेरे पिता को पुलिस ने पकड़कर जेल में डाल दिया था. लेकिन मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने मेरी मां को भी मारा. भागने के दौरान मैं एक अंधेरी जगह पर छुप गया तभी पीछे से किसी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा. मुझे एक पल को लगा अब मैं मरने वाला हूं, क्योंकि पुलिस ने मुझे पकड़ लिया है. लेकिन जब मैं मुड़ा तो वो 6 फुट लंबा कोई आदमी था. बेहद सुंदर, उसकी आंखों और चेहरे पर अजीब-सी चमक थी. वो मेरे करीब आया और मेरा हाथ थामते हुए बोला ‘क्यों भाग रहे हो. मेरे पास तुम्हारे लिए बहुत अच्छा प्लान है.’ इसके बाद उसने मुझे जिदंगी का नया मतलब समझाया. मेरे साथ ऐसा पहले किसी ने नहीं किया था. मेरे पिता ने भी नहीं. इसके बाद मुझे अपनी जेब में पड़े चाकू से घिन्न लगने लगी. मैंने उसे फेंककर पुलिस के हवाले कर दिया.
इनकी मौत पर नहीं था कोई रोने वाला, पैसे देकर बुलाई जाती थी रुदाली
ऐसे बदला जीवन
अपने नए जीवन के बारे में रोजर बताते हैं ‘मेरे पिता गुजर चुके थे और मैं वापस वहीं लौट चुका था जहां से चला था. इसके बाद मैंने हर वो काम किया जिसे दुनिया आज भी छोटा समझती है जैसे जुराब बेची. होटल में काम किया. मैंने एनजीओ में काम करके, अपने पापों का प्राश्यचित किया.’ लद्दाख में बाढ प्रभावित परिवारों के साथ रहकर काम किया. गरीब बच्चों में ‘सूप, सोप और साल्वेशन’ नाम का प्रोजेक्ट शुरू किया. आज मैं कई एनजीओ से जुड़ा हुआ हूं. ये मेरा पुर्नजन्म है. लेकिन वो फरिश्ता कौन था, ये बात मैं आज भी समझ नहीं पाया हूं’…Next
Read more :
जेल में भोजन करना है तो यहां आइए
ये हैं दुनिया की सबसे खूबसूरत जेलें जहां कैदियों की हर सहुलियत का रखा जाता है ख्याल
Read Comments