पूर्वी अफ्रीका में पिछले कई दिनों से लाखों टिड्डियों के दल ने तबाही मचा रखी है। टिड्डियों का यह दल जिस दिशा की ओर बढ़ता है वहां के खेतों को मैदान बना देता है। कई रिपोर्ट्स में सामने आ चुका है कि टिड्डियों की भारी संख्या जिस खेत से गुजरती है उस खेत की फसल पूरी तरह खत्म हो जाती है। इथोपिया, केन्या और सोमालिया में इन टिड्डियों के दल ने भारी नुकसान पहुंचाया है। टिड्डियों के निशाने पर कुवैत, ईरान, बहरीन के साथ पाकिस्तान और भारत भी है।
टिड्डियों के उड़ने पर काला हो जाता है आकाश
बीबीसी के अनुसार जनवरी माह के आसपास पूर्वी अफ्रीका के देशों में अचानक लाखों की संख्या में टिड्डियों का दल आ पहुंचा। इन टिड्डियों कि तादाद इतनी ज्यादा है कि जब यह उड़ती हैं तो आसमान में अंधेरा सा छा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इथोपिया और सोमालिया में फसल बर्बादी के हालात ने 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जबकि, केन्या में पिछले 70 सालों में यह सबसे खराब हालात बने हैं।
50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल चौपट
पिछले कई दिनों से पूर्वी अफ्रीका के कई देशों के लिए परेशानी का सबब बनी यह टिड्डियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इन टिड्डियों की वजह से तीन देशों की लगभग पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार इथोपिया में करीब 22550 हेक्टेयर फसल, केन्या में 20000 हेक्टेयर और सोमालिया में 15000 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है।
3 देशों के 1 करोड़ किसान बर्बादी की ओर
टिड्डियों के कारण इन तीनों देशों के 1 करोड़ से ज्यादा किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार इन देशों में अभी भी टिड्डियों का आतंक जारी है। यहां की सरकार कीटनाशक दवा के छिड़काव के बावजूद काबू नहीं पा सकी है। टिड्डियों की अधिक संख्या से निपटने के लिए इन सरकारों के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। यमन समेत कुछ खाड़ी देशों में भी टिड्डियों के दल ने बर्बादी मचाई है।
कांगों पहुंचीं टिड्डियां, भारत पर भी खतरा
यूएन बचाव अभियान के निदेशक कू डोंग्यू ने कहा है कि अगले कुछ सप्ताह में स्थिति और भी भयावह हो सकती है। ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि टिड्डियों का दल कांगो पहुंच चुका है। विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि टिड्डियों का दल ईरान के समुद्री किनारे से होते हुए कुवैत, बहरीन और कतर की ओर बढ़ रहा है। टिड्डियों से पाकिस्तान और भारत को भी खतरा बताया गया है।
मदद के लिए 100 करोड़ डॉलर की जरूरत
यूनाइटेड नेशंस के अनुसार प्रभावित देशों को तत्काल सहायता पहुंचाने के लिए 7.6 करोड़ अमरीकी डॉलर की ज़रूरत है। जबकि, हालात का अनुमान लगाएं तो बर्बाद फसल का मुआवजा, टिड्डियों को कंट्रोल करने के संसाधन खरीद समेत अन्य कार्यों के लिए 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर की जरूरत बन सकती है। टिड्डियों की तबाही को लेकर यूएन ने गहरी चिंता जताई है।…NEXT
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