दीवाली के आसपास हवा में अचानक प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसके बाद कुछ वक्त बाद धीरे-धीरे हवा फिर से सामान्य होने लगती है। जिसके बाद लोग इस समस्या को इतनी गंभीरता से नहीं लेते, जितनी दीवाली के ठीक बाद लेते हैं। जबकि हर दीवाली और रोजाना गाड़ियों के बढ़ते धुएं से हवा की क्वालिटी खराब होती जा रही है और यह फिर से सामान्य स्तर पर नहीं पहुंचती।
लेकिन हाल ही में हुए एक शोर्ध में खुलासा हुआ है कि एयर पॉल्यूशन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि इसका असर सेहत और उम्र दोनों पर पड़ा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि एयर पॉल्यूशन इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि इससे हर व्यक्ति की औसतन डेढ़ साल तक की उम्र कम हो चुकी है।
शोर्ध में सामने आई ये बातें
अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वायुमंडल में पाए जाने वाले pm 2.5 कण से वायु प्रदूषण का अध्ययन किया। ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं और इससे दिल का दौरा पड़ने, स्ट्रोक, श्वसन संबंधी बीमारियां और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। पीएम 2.5 प्रदूषण बिजली संयंत्रों, कारों और ट्रकों, आग, खेती और औद्योगिक उत्सर्जन से होता है।
‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी’ के डेटा के आधार पर सामने आई खास बातें
शोधकर्ताओं ने ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी के डेटा का इस्तेमाल कर pm 2.5 कण से वायु प्रदूषण का 185 देशों में क्या असर पड़ता है इस बारे में जांच की। इसके बाद हर देश में वायु प्रदूषण का वहां रहने वालों नागरिकों के अनुमानित जीवनकाल पर क्या असर पड़ता है इस बारे में जांच की। इसके अलावा शोधकर्ताओं का कहना है कि WHO की मानें तो वायु गुणवत्ता के लिहाज से अगर पीएम 2.5 के स्तर को 10 माइक्रोग्राम प्रति वर्ग घन मीटर रखा जाए तो दुनिया की औसत आयु 0.59 वर्ष बढ़ सकती है।
भारत में डेढ़ साल तो इन देशों में पड़ा इतना असर
भारत में 1.53 वर्ष तक उम्र कम हुई है। जबकि बांग्लादेश में 1.87 वर्ष, मिस्र में 1.85, पाकिस्तान में 1.56, सऊदी अरब में 1.48, नाइजीरिया में 1.28, चीन में 1.25 हैं…Next
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