डिजिटल युग में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए लोगों को सोशल मीडिया के नाम पर एक प्लेटफॉर्म मिल गया है। ऐसे में देश का कोई भी मुद्दा हो, हर व्यक्ति अपनी राय सोशल मीडिया पर रखता है। ऐसे में कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उनके पोस्ट और ट्वीट की वजह से हम उनके विचारों को जानने और उनके बारे में एक राय बनाने लग जाते हैं। वहीं, दूसरी तरफ आपके कुछ पोस्ट ऐसे होते हैं, जो बेशक आपने क्षणिक भावुकता या आवेश में आकर किया हो लेकिन इससे आपकी छवि को लेकर ज्यादातर लोग एक नजरिया बना लेते हैं इसलिए सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले एक नजर इस खबर पर जरूर डालें-
जातिभेद, लिंगभेदी या हिंसा वाले जोक्स
कहते हैं मजाक करने के लिए भी अक्ल चाहिए। यहां अक्ल का अर्थ है कि ऐसे विषयों का चुनाव करना जिससे कि किसी की भावनाएं आहत न हो। ऐसे में जातिभेद या लिंगभेद वाले चुटुकले शेयर करने से आपको बौद्धिक स्तर पर कमजोर या हिंसक समझा जा सकता है।
हर बार न शेयर करें रोमांटिक फोटो
जरूरी नहीं कि आप जितनी बार भी किस या हग करें, इस बारे में पूरी दुनिया को बताएं। ये सारी बातें आप दोनों के बीच ही रहें तो बेहतर होगा। हो सकता है कि आपका पार्टनर इसके लिए कंफर्टेबल न हो। हो सकता है कि उनके साथ कुछ ऐसे भी लोग जुड़े हों जिनके सामने वह अपनी पर्सनल बातें शेयर करने में असहज हों।
हर बार न करें इमोजी का इंतजार
किसी पोस्ट को लेकर जो फीलिंग आए उसे शब्दों में बयां करें, तो बेहतर होगा। हर बार हार्ट इमोजी से काम न चलाएं वर्ना हर पोस्ट पर सेम रिऐक्शन से उनको अलग फील नहीं होगा।
अपने पार्टनर की फोटो या पोस्ट पर तुंरत कमेंट न करें
अपने पार्टनर और उसके दोस्तों को यह न लगने दें कि आप उसके सोशल मीडिया पर हर समय नजर रखती रहती हैं। उनके कुछ पोस्ट करते ही झट से लाइक और कॉमेंट न करें।
किसी से जबर्दस्ती लाइक या कमेंट न कराएं
अपने पार्टनर या दोस्त से इस बात के लिए कभी जबरदस्ती न करें कि वह आपके हर पोस्ट को लाइक या कॉमेंट करें। आपको जो भी पोस्ट करना होकर दें और रिऐक्ट करना है या नहीं उन पर छोड़ दें…Next
Read More :
तम्बाकू से भी ज्यादा खतरनाक है प्रदूषण, हर 8 में से 1 मौत की वजह
20 मौतों में से एक की वजह शराब, WHO की 500 पन्नों की रिपोर्ट में सामने आई ये बातें
2,874 बाल आश्रय गृहों में से सिर्फ 54 के मिले पॉजिटिव रिव्यू, NCPCR की रिपोर्ट सामने आई ये बातें
Read Comments