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पतंजलि की कोरोना दवा मामले पर जानिए बाबा रामदेव का दावा, आयुष मंत्रालय के निर्देश और उत्तराखंड आयुर्वेद का नोटिस

बाबा रामदेव ने बीते मंगलवार को कोरोना की शर्तिया दवा लांच कर दी थी। मीडिया में खबरें आने के बाद आयुष मंत्रालय ने तत्काल दवा बिक्री पर रोक लगा दी थी। अब आयुष मंत्रालय पतंजलि को सख्त निर्देश दिए हैं। वहीं, उत्तराखंड सरकार ने मामले पर अपना पक्ष रखा है।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan24 Jun, 2020

 

 

 

 

बाबा रामदेव का दावा
कोरोना का इलाज करने वाली पतंजलि की दवा का ऐलान करते हुए बाबा रामदेव ने मंगलवार को प्रेस से कहा था कि पतंजलि की कोरोना किट का क्लीनिकल ट्रायल हो चुका है। क्लीनिकली कंट्रोल्ड, एविडेंस और रिसर्च आधारित यह दवाई पतं​जलि रिसर्च सेंटर और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस NIMS के संयुक्त प्रयास से तैयार की गई है। इस दवा के इस्तेमाल से सिर्फ ​3 दिन में ही 69 प्रतिशत और 7 दिन में 100% मरीज ठीक होने की बात उन्होंने कही थी।

 

 

 

आयुष मंत्रालय ने रोक लगाई, रिपोर्ट तलब
बाबा रामदेव की शर्तिया कोरोना की दवा की खबरें सामने आने पर आयुष मंत्रालय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए दवा की बिक्री पर रोक लगा दी थी। आयुष मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार के आयुर्वेद विभाग से तत्काल मामले की रिपोर्ट मांगी। उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग में लाइसेंस ऑफिसर वाईएस रावत ने एएनआई को बताया कि पतंजलि के कोरोना की दवा बनाने के दावे पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के रिपोर्ट मांगने के बाद आयुर्वेद विभाग ने पतंजलि के दावों को गलत बताते हुए नोटिस जारी किया है।

 

 

 

 

खांसी-बुखार की दवा का लिया था अप्रूवल
लाइसेंस ऑफिसर वाईएस रावत ने बताया कि पतंजलि को कोरोना की दवा बनाने का कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि 10 जून को पतंजलि की ओर से 3 प्रोडक्ट्स बनाने का आवेदन किया गया था। इसमें इम्युनिटी बूस्टर, खांसी और बुखार के प्रोडक्ट के लिए आवेदन दिया था। 12 जून को इस आवेदन का अप्रूवल दिया गया पर उसमें कहीं भी कोरोना इलाज की दवा का जिक्र नहीं था।

 

 

 

 

पतंजलि को नोटिस में पूछे गए सवाल
उत्तराखंड आयुर्वेद विभाग में लाइसेंस ऑफिसर वाईएस रावत ने बताया कि पतंजलि को नोटिस जारी करते हुए पूछा गया है कि कोरोना किट न्यूज चैनलों पर दिखाने की परमिशन कहां से ली गई। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 के नियम 170 के तहत उत्पाद का विज्ञापन करने के लिए लाइसेंस अथॉरिटी से परमिशन लेनी होती है। DMRI 1954 के अंतर्गत इस तरह के क्लेम करना वैधानिक नहीं है।

 

 

 

कोरोना किट के दाम थे सिर्फ 545 रुपये
कोरोना संकमित मरीज को 7 दिन में पूरी तरह ठीक करने का दावा करने वाली पतंजलि की आयुर्वेदिक कोरोना किट की की आनलाइन बिक्री के लिए पतंजलि एक एप लांच करने का भी ऐलान किया था। कोरोना किट में कुल तीन तरह की दवाएं शामिल थीं। कोरोना की दवा कोरोनिल की कीमत 400 रुपये रखी गई, जबकि श्वासारि रस बट्टी की कीमत 120 रुपये और अणनासिक तेल की कीमत 25 रुपये रखी गई है। यह एक महीने की दवा की कीमत सिर्फ 545 रुपये रखी गई है।..NEXT

 

 

 

 

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