एग्जाम आते ही बच्चों के मन में तरह-तरह की उलझनें आने लगती हैं। खासतौर पर बोर्ड एग्जाम देने वाले बच्चे मानसिक रूप से खुद को तैयार नहीं कर पाते। एग्जाम सेंटर में जाने से पहले ही उनके मन में कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। उन्हें लगता है कि वो पेपर देखते ही सबकुछ भूल जाएंगे। ऐसे में उन्हें सही काउंसलिंग की जरूरत होती है लेकिन सभी पैरेट्स काउंसलिंग अफोर्ड नहीं कर सकते। सीबीएसई ने बच्चों और उनके अभिभावकों की इस समस्या का समाधान भी कर दिया है।
हेल्पलाइन नम्बर पर कर सकते हैं कॉल
स्टूडेंट्स की मदद के लिए सीबीएसई सालाना साइकलॉजिकल काउंसलिंग सर्विस आज से शुरू करेगा। काउंसलिंग के लिए बोर्ड ने 87 प्रिंसिपल्स, सरकार और प्राइवेट स्कूलों के ट्रेंड काउंसलर्स, साइकॉलजिस्ट और स्पेशल एजुकेटर्स को रखा है। भारत में 65 काउंसलर्स, विदेश में 22 काउंसलर्स हैं और 2 स्पेशल एजुकेटर्स हैं। इस साल बोर्ड ने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800118004 पर आईवीआरएस की सुविधा भी रखी है।
ऐसे किया जा सकता है आवेदन
पहली बार सीबीएसई ने अपनी वेबसाइट में ‘Counselling’ लिंक पर ‘नोइंग चिल्ड्रन बेटर’ नाम का प्रेजेंटेशन भी दिया है। 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम 15 फरवरी से 4 अप्रैल तक चलेंगे। वहीं, 10वीं के स्टूडेंट्स 21 फरवरी से 29 मार्च तक एग्जाम देंगे। एग्जाम का टेंशन दूर भगाने के लिए 1 फरवरी से 4 अप्रैल तक स्टूडेंट्स काउंसलर्स की सलाह ले सकते हैं।
ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए counselling।cecbse@gmail।com पर कॉन्टेक्ट किया जा सकता है। www।cbse।nic।in पर एग्जाम से जुड़ी किसी भी दिक्कत के लिए मदद ले सकते हैं।
अभिभावकों की भी है ये जिम्मेदारी
बच्चों की बात को सुनें। वो क्या कहना चाहते हैं, उस पर ध्यान दें
शब्दों पर नहीं बल्कि उनके फिलिंग्स को समझें
अपनी उम्मीदें बच्चों पर ना डालें। बस उनके साथ रहें
घर में खुशी का माहौल रखें।
बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार करें, जिससे वो आपके ऊपर भरोसा करें।
परीक्षा में अंक पर नहीं बल्कि बच्चों के ज्ञान पर फोकस करें…Next
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