ओहियो के कोलंबस जू में पैदा हुए दो जुड़वां चीता के बच्चों में से एक पैदा होते ही गुर्रा उठा। इस दुनिया में आते ही उसके आक्रामक रुख को देखकर जू कीपर्स और जीवविज्ञानी चौंक गए। चिडि़याघर ने गुर्राते हुए चीता के बच्चे की तस्वीर जारी की तो यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कोलंबस जू ने चीता बच्चों के जन्म का एक वीडियो भी जारी किया है।
पैदा होते ही मच गई हलचल
पिछले दिनों ओहियो के कोलंबस जू में पहली बार सरोगेसी के जरिए जानवर पैदा करने में जीव विज्ञानियों को कामयाबी हासिल हुई। जहां अभी तक सरोगेसी विधि से मनुष्य के बच्चे को ही पैदा किया जाता रहा है। वहीं, कोलंबस जू के वैज्ञानिकों की उपलब्धि से अब जानवरों को पैदा करने का रास्ता भी साफ हो गया। सरोगेसी के जरिए दो चीता बच्चों को सफलतापूर्वक जन्म दिए जाने के बाद से जीवविज्ञान के क्षेत्र में हलचल मची हुई है।
नन्हा चीता गुर्राया तो चौंके जीवविज्ञान
सीएनएन के अनुसार यूनाइटेड स्टेट के ओहियो में कोलंबस चिडि़याघर में पिछले तीन महीने से सरोगेसी के जरिए गर्भधारण करने वाली मादा चीता को निगरानी में रखा गया था। 19 फरवरी को मादा चीता ने दो बच्चों को सफलतापूर्वक जन्म दिया। इनमें से एक बच्चे ने पैदा होते ही गुर्राना शुरू कर दिया। नन्हे चीते का उसका आक्रामक रुख देख जू कीपर्स और जीवविज्ञानी चौंक गए। जू प्रशासन ने गुर्राते हुए नन्हे चीते की तस्वीर क्लिक कर ली जो बेहद खूबसूरत है।
कैसे बना भ्रूण
स्मिथसोनियन कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट और कोलंबस जू के वैज्ञानिकों ने टेक्सास के वाइल्ड लाइफ सेंटर में रहने वाले एक नर चीता के शुक्राणु संग्रहित किए थे। नवंबर 2019 में आईवीएफ विधि से शुक्राणुओं को साढे़ 6 साल उम्र की मादा चीता किबीबी के अंडाणुओं में फर्टिलाइज किया गया। फर्टिलाइजेशन के बाद बने भ्रूण को 3 साल उम्र की सरोगेट मादा चीता इज्जी के गर्भाशय में ट्रांसफर कर दिया गया।
चीता बच्चों के जन्म की प्रक्रिया
जीव वैज्ञानिकों ने प्रकिया को आगे बढ़ाते हुए इज्जी को कोलंबस जू में रखा और उसकी 3 माह तक निगरानी की। 3 माह गर्भधारण के बाद 19 फरवरी 2020 को इज्जी ने दो चीता बच्चों को जन्म दिया। दोनों चीता बच्चे, सरोगेट मदर चीता और बायोलॉजिकल मदर चीता पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। कोलंबस जू के वैज्ञानिकों के अनुसार यह पहली बार है जब किसी जानवर को सरोगेसी के जरिए पैदा किया गया है। तीन बार असफल कोशिश के बाद उन्हें सफलता हाथ लगी है।
विलुप्त होते जीवों को बचाने में क्रांति आएगी
स्मिथसोनियन नेशनल जू के वैज्ञानिकों के अनुसार सरोगेसी के जरिए चीता के दो बच्चों को पैदा करने में कामयाबी मिलना बड़ी उपलब्धि है। यह विलुप्त हो रहे जीवों को बचाने की दिशा में बहुत बड़ा कारनामा है। इसे जीवों को बचाने के लिए एक नई क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है। …NEXT
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