गर्मी इस वक्त अपनी चरम सीमा पर है, ऐसे में जाहिर है की गर घर में ऐसी,कूलर जैसी चीजें का उपयोग सबसे ज्यादा होता है और लोग इन्हें मार्केट से खरीदतें भी हैं। ऐसे में जाहिर है जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल्स की डिमांड भी बढ़ रही है, डिमांड बढ़ने का असर अक्सर कीमतों पर पड़ता ही है। लेकिन इस बार अन्य वजहों से इन जरूरी चीजों समेत अधिकांश होम अप्लायंसेस (कंज्यूमर ड्यूरेबल्स) की कीमतों में इजाफा होने जा रहा है। क्रूड की कीमतें बढ़ते जाने से चीजों की आवाजाही के साथ ही कुछ सामान का उत्पादन भी महंगा हो गया है। इसी तरह रुपए की तुलना में डॉलर के महंगा होने से आयात महंगा हो गया है, जबकि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में बड़ी संख्या में आयातित सामान का यूज होता है। ऐस में चलिए जानते हैं कितने महंगे हो सकते हैं ये सामान।
इतनी बढ़ सकती हैं कीमतें
उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी, महंगा कच्चा तेल और स्टील व कॉपर जैसे कच्चे माल के दाम बढ़ने से इन उत्पादों के दाम बढ़ेंगे। यह बढ़ोतरी कम से कम 400 रुपये तक होगी, कुछ प्रीमियम मॉडल्स 1,500 रुपये से अधिक महंगे हो सकते हैं।
कच्चे तेल के बढ़ते दाम और गिरता रुपया
दरअसल पिछले कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें काफी ज्यादा स्तर पर पहुंच गई है इसके साथ ही देश में बई तेज की कीमते तेजी से बढ़ रह है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपया भी बेहद कमजोर रहा है। इन्ही वजहों से कंपनियों को उन सामानों के लिए ज्यादा पैसे चुकानें पड़ रहे हैं, जिनके लिए वे पुर्जे या रॉ मटीरियल आयात करते हैं।
टीवी, फ्रिज समेत कई सामानों की कीमतें बढ़ सकती हैं
कंपनियों का कहना है कि रॉ मटीरियल, स्टील और तांबे की कीमतें भी लगातार बढ़ रही हैं। इसका सीधा असर कंपनियों की लागत पर दिख रही है। ऐसे में कंपनियां यह भार सामान की कीमतें बढ़ाकर ग्राहकों तक पहुंचा सकती हैं। कंपनियों का कहना है कि इन हालातों की वजह से टीवी, फ्रिज समेत अन्य इलेक्ट्रोनिक सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं। बता दें कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स फर्म व्हर्लपूल इंडिया और गोदरेज अप्लायंसेज पहले ये बात कह चुकी हैं।
गिरावट का असर कंपनी के उत्पादों पर भी पड़ेगा
इन कंपनियों ने मई की शुरुआत में ही कह दिया था कि वे जून में अपने कई सामान की कीमतें बढ़ा सकती हैं। व्हर्लपूल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील डीसूजा ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और रुपये में गिरावट का प्रभाव तमाम चीजों पर पड़ता है। कच्चे माल के आयात की कीमत का कंपनी के खर्च पर काफी प्रभाव होता है। ऐसे में रुपये में डॉलर के मुकाबले लगातार जारी गिरावट का असर कंपनी के उत्पादों पर भी पड़ेगा। इस वजह से दाम बढ़ने के लिए यह भी एक अहम फैक्टर होगा।
जून के बाद से बढ़ेंगे दाम
प्रोडक्ट की कीमतों में बढ़ोत्तरी जून के बाद से लागू होगी। जब नई इन्वेंटरी के लिए ऑर्डर आएंगे, तब कीमतें बढ़ सकती हैं। तैयार प्रोडक्ट में इम्पोर्टेड कम्पोनेंट 10-15 फीसदी से लेकर 50-60 फीसदी तक हो सकते हैं। चूंकि आयातित चीजें महंगी होती जा रही हैं, ऐसे में उसका असर कंज्यूमर ड्यूरेबल्स पर पड़ना लाजिमी है। इसीलिए जून से ऐसे प्रोडक्ट का महंगा होना लगभग तय माना जा रहा है।…Next
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