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कोरोना मरीज को कब होती है सबसे ज्यादा दिक्कत, कितना होना चाहिए आक्सीजन का स्तर, जानें सबकुछ

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan26 Jun, 2020

 

देश में कोरोना मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर सबसे पहले हमला करता है। इस वजह से मरीज को सांस लेने में मुश्किल होने लगती है। कई रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर कोरोना मरीजों की मौत भी सांस नहीं मिल पाने की वजह से ही होती है।

 

 

 

 

दिल्ली में 24 घंटे में 4 हजार के करीब नए केस
देश के महाराष्ट्र और दिल्ली में सबसे ज्यादा तेजी से कोरोना ने पैर पसारे हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 3390 नए पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि, 64 लोगों की मौत हुई है। राजधानी में अब कुल मरीजों की संख्या 73780 हजार हो चुकी है। राजधानी में बढ़ती मरीजों की संख्या पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है।

 

 

 

ऑक्सीजन लेवल कम होने पर होती है दिक्कत
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कोरोना के बढ़ते संक्रमण और मरीजों के लिए उपलब्ध सुविधाओं पर बात कर रहे थे। उन्होंने बाताया कि कोरोना मरीज को सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब उसका ऑक्सीजन लेवल अचानक कम हो जाता है। ऐसे में उसे सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इस स्थिति में पहुंचने वाले संक्रमितों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए दिल्ली में पर्याप्त संख्या में बेड और आक्सीजन है।

 

 

 

 

95 होना चाहिए ऑक्सीजन लेवल
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल 95 होना चाहिए। अगर यह स्तर 90 से कम हो जाए तो इसे खतरा मानें। उन्होंने कहा कि यदि ऑक्सीजन का स्तर 85 से नीचे हो जाए तो यह बहुत गंभीर स्थित होती है। अगर यह 90 या 85 हो जाए तो संक्रमित या आम व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई शुरू हो जाती है।

 

 

 

 

ऑक्सीजन स्तर चेक करने को ऑक्सोमीटर दिए
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कुछ मरीज ऐसे होते हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो जाता है लेकिन उनमें कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है, यह अचानक से कम हो जाता और उनकी अचानक मृत्यु हो जाती है। इसलिए हमने होम आइसोलेशन में रह रहे सभी मरीजों (जिनमें कोई लक्षण नहीं हैं) तक को ऑक्सोमीटर पहुंचा दिया है। इसके माध्यम से लोग अपना शरीर में कंज्यूम होने वाली ऑक्सीजन के स्तर को खुद मॉनीटर कर सकते हैं।

 

 

 

 

 

प्लाज्मा थैरेपी मरीज के लिए मददगार
उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना मामले अधिक हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है और चिंता करने की कोई बात नहीं है। हमने परीक्षण तीन गुना बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि हमें LNJP और राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में प्लाज्मा थेरेपी करने की अनुमति मिली है। LNJP अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत के बाद से पहले की तुलना में मौतों की संख्या आधे से भी कम हो गई है।

 

 

 

 

कोरोना मरीजों के लिए 13 हजार बेड तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में हमारे पास 13,500 बेड तैयार हैं, इसमें से 7500 बेड खाली है और केवल 6000 बेड पर मरीज हैं। पिछले एक सप्ताह में कुल बेड की संख्या 6000 (जो बेड मरीज़ो से भरे हुए हैं) है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जितने लोगों को कोरोना हो रहा है वो माइल्ड कोरोना हो रहा है।..NEXT

 

 

 

 

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