COVID 19 complicate treatment for HIV patients: कोरोना महामारी के चलते अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज में रुकावट आ रही है। इस कारण महामारी से जूझ रहे 50 से ज्यादा अफ्रीकी देशों के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। इलाज में रुकावट आने से यहां के 2.5 करोड़ एचआईवी मरीजों की जान दांव पर लग गई है।
कोरोना महामारी से इलाज में रुकावट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि सब सहारा अफ्रीका के 2.5 करोड़ लोग एचआईवी—एड्स जनित बीमारियों से जूझ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठनों की ओर से उनका इलाज चल रहा है। लेकिन, कोरोना महामारी के चलते इलाज या तो रुक गया है या उसमें रुकावट आ रही है।
50 से ज्यादा देशों के लोगों की जान खतरे में
सब सहारा अफ्रीका रीजन में करीब 50 से ज्यादा देश आते हैं। यहां के एचआईवी मरीजों को मिल रहे ट्रीटमेंट में बाधा आने पर होने वाले प्रभावों को जानने के लिए काम कर रहे यूएनएड्स के समूहों ने बड़ी आशंका जताते हुए जल्द नए तरीकों पर विचार करने का सुझाव दिया है।
दो साल से चल रहा है इलाज
रिपोर्ट के अनुसार सब सहारा अफ्रीका के लगभग सभी देशों में करीब 25.7 मिलियन यानी 25,700,000 लोग एचआईवी जनित बीमारियों से ग्रसित हैं। इनमें से ज्यादातर मरीजों को 2018 से एंटीरेट्रोवायरल थैरेपी दी जा रही है। इसके अलावा अन्य तरीके से भी ट्रीटमेंट किया जा रहा है।
6 लाख लोगों के मरने की आशंका
कोरोना महामारी की वजह से थैरेपी और इलाज में रुकावट आने से इन सभी मरीजों की जान को खतरा बढ़ गया है। निगरानी समूहों के अनुमान के अनुसार एचआईवी मरीजों की मृत्युदर बढ़ने की आशंका है। मरने वालों की संख्या 471000 से 673000 तक हो सकती है। 2018 में यहां के करीब 470000 लोग एचआईवी के कारण मर चुके हैं।..NEXT
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