‘क्या है और क्या नहीं है, मत पड़ इस फेर में तू, खोलकर आंखें तू देख मजबूरियों के ओर भी अफसाने हैं’
अगर हम इस शायरी की गहराई को समझ लें तो शायद जिदंगी से आधे से ज्यादा शिकवे-शिकायतें दूर हो जाएंगे. इंसान जिदंगी भर हमेशा कुछ न कुछ पाने की इच्छा रखता है. ऐसा होना स्वभाविक भी है लेकिन जरूरतों के इस खेल में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी रोज की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा देते हैं.
जैसे बात करें शिक्षा की तो, शिक्षा पाना हर बच्चे का अधिकार है. जिसके लिए देश की सरकार को कुछ कर्तव्यों और बुनियादी सुविधाओं का निर्वाह करना चाहिए. लेकिन बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि दुनिया में आज भी ऐसी बहुत-सी जगहें हैं जहां बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिए अपने रास्ते खुद बनाने पड़ते हैं.
दक्षिण-पश्चिम चीन में क्लिफ विलेज में बच्चे हर रोज पहाड़ों पर लकड़ी की सीढियां लगाकर स्कूल जाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि उनका स्कूल 2,624 फुट की ऊंचाई पार करने के बाद सड़क के उस पार है.
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उल्लेखनीय है कि यहां 14-15 बच्चे लगभग 2 घंटे की चढ़ाई करने के बाद स्कूल पहुंच पाते हैं जिसके लिए वो रोजाना 17 लकड़ियों की सीढ़ी का इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान उनकी पीठ पर भारी-भरकम बैग भी लदा रहता है.
यहां पर 72 परिवार रहते हैं. जिन्हें अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसे ही रास्ते अपनाने पड़ते हैं. बच्चे अपनी जान को रोजाना हथेली पर रखकर 2,624 फुट की ऊंचाई को पार करते हुए अपने भविष्य की तलाश में जाते हैं…Next
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