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दुनिया के लिए मिसाल बने बुजुर्ग मुख्तार अहमद, 106 साल की उम्र में कोरोना को हराकर चर्चा में आए

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan8 Jul, 2020

 

 

दिल्ली में रहने वाले 106 उम्र के बुजुर्ग मुख्तार अहमद ने कोरोना को मात देकर चर्चा में हैं। उन्होंने दुनिया के तमाम चिकित्सा विशेषज्ञों को चकित कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि वह कोरोना को हराने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। अहमद अली 17 दिन तक अस्पताल में रहे। उन्हें कोरोना से पूरी तरह ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया।

 

 

 

 

बेटे से मुख्तार को मिला कोरोना वायरस
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के नवाबगंज इलाके के रहने वाले मुख्तार अहमद के घर वालों ने बताया कि उनकी उम्र 106 साल है। मुख्तार अहमद कोरोना संक्रमित अपने बेटे से वायरस की चपेट में आए थे। उनके बेटे का इलाज अभी चल रहा है। मुख्तार अहमद कोरोना से ठीक होकर घर आ चुके हैं।

 

 

 

कोरोना से लड़ाई में दिखाया गजब जज्बा
राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर एसबी शेरवाल ने बताया कि मुख्तार अहमद का कोरोना से रिकवर हमारे लिए गर्व की बात है। 106 साल की उम्र में उनका ठीक होना प्रोत्साहित करने वाला है। उन्होंने बताया कि इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मुख्तार ने बड़ा साहस दिखाया है।

 

 

 

 

 

14 अप्रैल को एडमिट किए गए
रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार अहमद को अप्रैल माह में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। उन्हें 14 अप्रैल को राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। यहां वह 31 अप्रैल तक चिकित्सकों की निगरानी में उपचार कराते रहे। 1 मई को उन्हें कोरोना फ्री बताया गया और डिस्चार्ज कर दिया गया।

 

 

 

106 साल की उम्र में ठीक होने पहले शख्स
डॉक्टर शेरवाल ने कहा कि मुख्तार अहमद ने एक उदाहरण सेट कर दिया है​ कि 100 साल की उम्र में भी व्यक्ति कोरोना को हराकर ठीक हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 106 साल की उम्र में कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मुख्तार पहले व्यक्ति हैं।

 

 

 

 

घुटनों के बल चलने को मजबूर थे
106 साल के बुजुर्ग मुख्तार अहमद ने एएनआई को बताया कि वह कोरोना बीमारी के कारण काफी कमजोर हो गए थे। उनके पैरों ने काम करना लगभग बंद कर दिया था। वह घुटनों के चलते थे। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बचने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही थी, लेकिन अच्छा इलाज मिलने के कारण वह ठीक हो गए।

 

 

 

बुजुर्गों के लिए सबसे खतरनाक है कोरोना
अब तक सबसे जानलेवा बीमारी कही जाने वाली कोरोना बुजुर्गों और बच्चों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक बताया गया है। इस बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी एडवाइजरी जारी कर चुका है। कोरोना महामारी शरीर के इम्यून सिस्टम को डैमेज कर श्वसन तंत्र पर हमला करता है। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों की इम्यूनिटी युवाओं की अपेक्षा कम होती है। इसलिए उन्हें ही ज्यादा खतरा होता है।..NEXT

 

 

 

 

 

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