दुनियाभर में जीवों की अनोखी प्रजातियों का लगातार खत्म होते जाना हमेशा से जीवविज्ञानियों के लिए चिंता का विषय रहा है। इसी तरह 100 साल पहले जन्मे एक दुर्लभ प्रजाति के अकेले कछुए को बचाने की चिंता भी जीवनविज्ञानियों को रही। वैज्ञानिकों का प्रयास सफल रहा और यह कछुआ 800 बच्चों का पिता बन चुका है।
इक्वाडोर में मिला था दुर्लभ कछुआ
दुनियाभर की दुर्लभ प्रजातियों का घर कहे जाने वाले इक्वाडोर के गालापगोस आइलैंड पर वैज्ञानिकों को कुछ साल पहले मिले दुर्लभ प्रजाति के कछुए डिएगो को बचाने का मिशन शुरू किया गया था। उस वक्त पर इस प्रजाति के दुनियाभर में केवल दो नर कछुए और 12 मादा कछुए ही शेष बचे थे। गालापगोस नेशनल पार्क के जीव वैज्ञानिकों की टीम ने ब्रीडिंग मिशन के तहत कछुए को अपने पास रखा और उसका परीक्षण किया।
800 बच्चों का पिता बना
डिएगो कछुए की दुर्लभ प्रजाति को बढ़ाने के इरादे से उसे नेशनल पार्क के वैज्ञानिकों ने मादा कछुओं के साथ रखा। अब यह कछुआ 100 साल की उम्र पूरी कर चुका है और 800 बच्चों का पिता भी बन चुका है। डिएगो कछुए को उम्र के बाकी बचे वर्षों को स्वतंत्र रूप से जीने के लिए गालापगोस आइलैंड में छोड़ने की तैयारी की गई है।
ब्रीडिंग प्रोगाम से संख्या 2000 पहुंची
ब्रीडिंग मिशन के तहत शुरू किए गए प्रोगाम के जरिए अब तक इस दुर्लभ प्रजाति के कछुओं की संख्या 2000 पार कर चुकी है। नेशनल पार्क के निदेशक जॉर्ज कैरियन के मुताबिक कछुए ने अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं। डिएगो ने मादा कछुओं के साथ रहकर उन्हें प्रजनन करने के लिए तैयार किया है।
स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ा जाएगा
पार्क के डायरेक्टर एक इंटरव्यू में कहा कि ब्रीडिंग प्रोग्राम के लिए डिएगो के साथ अन्य 14 कछुओं को रखा गया था। डिएगो से पैदा हुए कछुओं से हमें पता चला है कि यह प्रजाति जीवित रहने और आगे बढ़ने के लिए तैयार है। अब डिएगो को सामान्य तरीके से स्वतंत्र विचरण करने का मौका देने के लिए उसे आइलैंड में छोड़ा जाएगा।…NEXT
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