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अब जेब में लाइसेंस लेकर नहीं करनी पड़ेगी ड्राइविंग, मोबाइल से हो जाएगा आपका काम

सोचिए, आप ऑफिस के लिए जल्दबाजी में निकलते हैं और ट्रैफिक जाम में फंस जाते हैं. ऐसे में एक ट्रैफिक पुलिसवाला आता है और आपको ड्राइविंग लाइसेंस दिखाने के लिए कहता है लेकिन आप जेब में हाथ डालते हैं, तो आपको पता चलता है कि जल्दबाजी में आपका पर्स घर पर ही छूट गया है और उसमें था आपका ड्राइविंग लाइसेंस. ऐसे में आपके पास चालान कटवाने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता.
अब से पहले कुछ ऐसा ही होता था लेकिन अब केंद्र ने राज्यों के परिवहन विभागों और ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिया है कि वे वेरिफिकेशन के लिए दस्तावेजों की ऑरिजिनल कॉपी न लें।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal10 Aug, 2018

 

 

 

इसके लिए आपके मोबाइल में मौजूद दस्तावेजों की ई-कॉपी ही काफी है।आईटी एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए परिवहन मंत्रालय ने ट्रैफिक पुलिस और राज्यों के परिवहन विभागों से कहा है कि ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस पेपर जैसे दस्तावेजों की ऑरिजनल कॉपी वेरिफिकेशन के लिए न ली जाए। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि डिजिलॉकर या एम परिवहन ऐप पर मौजूद दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक कॉपी इसके लिए मान्य होगी। इसका मतलब यह हुआ कि ट्रैफिक पुलिस अब अपने पास मौजूद मोबाइल से ड्राइवर या वाहन की जानकारी डेटाबेस से निकालकर इस्तेमाल कर सकती है। उसे ऑरिजनल दस्तावेज लेने की जरूरत नहीं होगी।

 

मोबाइल में ऐसे रखें ई-कॉपी

अपने मोबाइल में डिजिलॉकर या एमपरिवहन ऐप डाउनलोड कर अपने आधार नंबर से ऑथेन्टिकेट करें। मान लीजिए, आपने डिजिलॉकर ऐप को डाउनलोड किया। इसके बाद आपको साइन अप करना होगा। साइनअप के लिए आप अपने मोबाइल नंबर को एंटर करेंगे, जिसके बाद आपके नंबर पर ओटीपी आएगा। ओटीपी को एंटर कर अपनी पहचान वेरिफाई करेंगे। दूसरे स्टेप में आपको लॉगइन के लिए अपना यूजर नेम और पासवर्ड सेट करना होगा। ऐसा करते ही आपका डिजिलॉकर अकाउंट क्रिएट हो जाएगा। इसके बाद आपको अपने आधार नंबर से अकाउंट को वैध करना होगा। अब आप अपने 12 अंकों वाले आधार नंबर को एंटर करेंगे। फिर आधार डेटाबेस में आपका जो मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड होगा, उस पर ओटीपी आएगा। उस ओटीपी को एंटर करने के बाद आधार ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद आप डिजिलॉकर में अपने डॉक्युमेंट्स को सहेज सकेंगे।

 

 

वर्तमान में डिजिलॉकर ऐप सभी फोनों के लिए उपलब्ध है लेकिन एमपरिवहन अभी केवल एंड्रॉयड फोन में ही है। मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि 7 से 10 दिन के भीतर यह ऐपल के आईओएस प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हो जाएगा। अडवाइजरी में कहा गया है कि बहुत सारे लोगों ने आरटीआई के माध्यम से भी सवाल किया है कि सरकार द्वारा चलाए गए डिजिटल फॉर्मेट को मान्य क्यों नहीं किया जा रहा है ….Next

 

 

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