ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने आई और इसके बाद अंग्रेजों ने धीरे-धीरे पूरे भारत को गुलाम बना लिया. बचपन से लेकर अभी तक हमने ईस्ट इंडिया से जुड़े हुए कई किस्से पढ़े हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं जिस वक्त ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में छाने की तैयारी कर रही थी, उस वक्त एक व्यक्ति ऐसा था जिसने ब्रिटेन में पहली भारतीय कंपनी की शुरूआत की.
लंदन की कामा एंड कंपनी में पार्टनर बन गए. वहां कुछ दिन काम किया. फिर कंपनी की मजबूरियों और गड़बड़ियों के चलते इस्तीफा दे दिया. फिर खुद की कॉटन ट्रेडिंग कंपनी बनाई. और लोकल राजनीति में शामिल हो गए. अब बात कर रहे हैं ब्रिटिश संसद में पहले भारतीय सांसद दादाभाई नौरोजी की. जिन्होंने अंग्रेजी संसद में रहते हुए अंग्रेजों की नाक में दम कर रखा था.
दादाभाई की ड्रेन थ्योरी
शुरूआत में जब अंग्रेज आए थे तो उन्होंने भारतीय व्यापारियों को बहला-फुसलाकर उनका माल खरीदना शुरू किया था. वो भारतीयों को यकीन दिला चुके थे कि वो भारतीयों के शुभचिंतक हैं. दादाभाई नौरोजी ने अंग्रेजों की पोल-पट्टी खोल के रख दी. उन्होंने साफ कर दिया कि बस भारत से कच्चा माल ले जाया जा रहा है और वहां की फैक्ट्री में बना के इंडिया में ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं. इसी वजह से वो भारत में कोई फैक्ट्री नहीं लगने दे रहे हैं …Next
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