नवरात्रि कई स्थानों पर मनायी जा रही है. लेकिन वाराणसी के अस्सी घाट पर इसे मनाने का तरीक़ा अलग है. अस्सी घाट पर रायपुर के कथावाचक 23 मार्च से ही कथा वाचन करते आ रहे हैं. उनकी कथाओं में पशुओं के जीवन की रक्षा का संदेश है.
रायपुर के फ़ैज़ खान इन दिनों वाराणसी के असी घाट पर लोगों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इसका कारण यह है कि उनकी कथाओं को सुनने लोगों की अच्छी भीड़ जमा होती रही है. स्वयं को गौ भक्त बताने वाले फ़ैज़ लोगों को गाय की कथायें सुनाते हैं. ये कथायें वो सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि समूचे देश में सुनाते हैं. गौ कथा बाँचने वाले खान पूरे भारतवर्ष में गौ- हत्या पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं.
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गायों को इंसानों के लिये महत्तवपूर्ण मानने वाले खान उसे किसी पंथ-विशेष से जोड़कर नहीं देखते. गौ हत्या के लिये वो सबको समान रूप से जिम्मेदार मानते हैं. समूचे देश में अब तक कई गौ कथायें सुना चुके फ़ैज़ ने रायपुर में व्याख्याता की नौकरी छोड़ लोगों में गौ-हत्या के विरूद्ध जागरूक करने का संकल्प लिया था.
वो चाहते हैं कि केंद्र सरकार गौ-हत्या पर सख़्त कानून बनाये जिसमें उस कानून को तोड़ने वालों के विरूद्ध कठोर सज़ा का प्रावधान किया जाये. इसके अलावा गाय के माँस के निर्यात पर तत्काल रोक लगायी जाये जिसे वो गौ-हत्या की मूल जड़ मानते हैं. गंगा-यमुना तहज़ीब की प्रतीक वाराणसी एक बार फिर मनुष्यों के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द बढ़ाने का प्रयास करती दिख रही है. इस बार एक कथावाचक इसका प्रतिनिधित्व करता दिख रहा है.Next….
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