Menu
blogid : 316 postid : 810032

इस परिवार में हैं 50 से अधिक डॉक्टर और सिलसिला अभी जारी है

डॉक्टर दुनिया के सबसे कठिन पेशे में से एक माना जाता है. भारत में हर सरकार डॉक्टरों की कमी का रोना रोती है, पर इस परिवार की तरह देश में कुछ और परिवार हो जांए तो शायद देश से डॉक्टरों की कमी की समस्या खत्म हो जाए. मिलिए जयपुर के ‘डॉक्टर परिवार’ से जिसका 32वां सदस्य जल्द ही डॉक्टर बनने जा रहा है.  इस वर्ष के राजस्थान पीएमटी में 107 स्थान प्राप्त करने वाली विनम्रता पाटनी अपने परिवार की 32वीं सदस्य हैं जो एमबीबीएस करेंगी. अगर विनम्रता की बुआ और कुछ और रिश्तेदारों के परिवारों को मिला दिया जाये तो पूरे कुनबे में डॉक्टरों की संख्या 50 को पार कर जाती है.


117145762


इस फैमिली के करीब 20 मेंबर जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में काम कर रहे हैं. यह परिवार राजस्थान में ‘जयपुर के डॉक्टर परिवार’ के नाम से विख्यात है. शहर के पुराने बाशिंदों में माने जाने वाले इस परिवार में समाज सेवा की भावना कूट-कूटकर भरी है. परिवार के सदस्यों का मानना है कि इसी नजरिये की वजह से उन्होंने डॉक्टरी के पेशे को चुना. शायद यही कारण है कि पेशे से जुड़ी तमाम व्यस्तताओं और पारिवारिक परेशानियों के बावजूद परिवार की दूसरी पीढ़ी में भी डॉक्टर बनने की धुन बरकरार है.


Read: कुछ इस तरह किसानों ने सिखाया रिश्वतखोरों को सबक

vina


खास बात यह है कि हाल ही डॉक्टर बनी विनाम्रता पाटनी एक अच्छी बास्केटबॉल खिलाड़ी भी हैं विनम्रता पाटनी अंडर 19 गर्ल्स टीम की बेस्ट बॉस्केटबॉल प्लेयर चुनी गईं थी लेकिन फिर भी उन्होंने मेडिकल प्रोफेशन को ही चुना. उनके अनुसार उनपर यह प्रोफेशन ज्वॉइन करने के लिए कोई पारिवारिक दबाव भी नहीं था. विनम्रता बताती हैं कि बास्केटबॉल के खेल में रुचि लेने के बावजूद उन्होंने इसे महज हॉबी के तौर पर देखा है. बचपन से उनकी डॉक्टरी के पेशे के प्रति रुचि ही उनको इस ओर खींच लायी.

Read: इन फिल्मों को राजनीतिक विवादों ने बनाया सफल, जानिए बॉलिवुड की ऐसी फिल्मों के विवाद जिनके कारण इन पर लगाया गया प्रतिबंध


jaipr


परिवार में डॉक्टरी के पेशे को अपनाने की शुरुआत उस वक्त हुई थी, जब विनप्रता के पिता डॉ तरुण पाटनी की बड़ी बहन ने साठ के दशक के अंत में मेडिकल की प्रवेश परीक्षा पास की थी. बाद में अपने वकील पिता की इच्छा पूरी करने के लिए बाकी के सात भाई-बहनों ने भी इसी पेशे को चुना. इस तरह परिवार में डॉक्टर बनने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह आज भी जारी है. पूरे परिवार में सात फिजीशियन, पांच स्त्री रोग विशेषज्ञ, तीन नेत्रचिकित्सक और तीन नाक-कान विशेषज्ञ हैं. इसके अलावा कई सदस्य स्नायुविज्ञानी, यूरोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, ऑर्थोपैडिक सर्जन और साइक्याइट्रिस्ट के तौर पर भी राजस्थान के विभिन्न अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

Next…

क्यों सभी धर्मोंं में जलाया जाता है अगरबत्ती और कपूर…जानिए क्या है इसका रहस्य

हिरोशिमा और नागासाकी से भी पहले हुआ था परमाणु अस्त्रों का प्रयोग. जाने कहां और कैसे…

एक ऐसा गांव जहां हर आदमी कमाता है 80 लाख रुपए

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh