पिता की नजर
‘क्या हुआ अगर पापा कह नहीं पाते पर मुझे पता है, वो मुझसे बहुत प्यार करते है’
‘कहते हैं कि मां का प्यार नजर आता है पर पिता का प्यार नजर नहीं आता है क्योंकि पिता का प्यार इतना गहरा होता है कि उस प्यार को देखने के लिए नजरों की जरूरत नहीं होती है केवल दिल से ही पिता के प्यार को महसूस किया जा सकता है’. याद होगा आपको जब बचपन में आपकी मां बड़े प्यार से आपके सिर पर हाथ फेरकर आप से प्यार करने का अहसास कराती होंगी पर आपके पिता बस आपकी तरफ देखकर केवल यही पूछ्ते होंगे कि “मेरे बेटे को किसी चीज की जरूरत तो नहीं है ना.” सोचिए जरा पिता का यह सब पूछ्ना, उनकी बातों और आंखों में कितना प्यार दिखाता है पर पिता कभी भी अपना प्यार जता नहीं पाता है.
भारतीय मूल के एक अनुसंधानकर्ता ने दावा किया है कि जिन बच्चों के सम्बन्ध अपने पिता के साथ कम उम्र से ही अच्छे होते हैं, वे एक वर्ष की उम्र के बाद ज्यादा खुश होते हैं. ‘डेली मेल’ की खबर के अनुसार, विशेष तौर पर लड़कों पर अभिभावकों के व्यवहार का असर ज्यादा होता है और यहां तक कि वे तीन माह के होते हैं तब भी उन पर असर होता है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में किए गए एक शोध में डॉक्टर पॉल रामचंदानी ने कहा कि बचपन में व्यवहार में आने वाली समस्याएं बड़े होने पर स्वास्थ्य और मानसिक परेशानियों में बदल सकती हैं जिनसे पार पाना बहुत मुश्किल होता है. इस अध्ययन के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 192 परिवारों का अध्ययन और विश्लेषण किया है.
पिता या मां, क्या चाहिए ?
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उनसे अधिकतर यह पूछा जाता है कि उन्हें ज्यादा प्यार कौन करता है मम्मी या पापा तो अधिकांश बच्चे मां का नाम ही लेते हैं क्योंकि वो मां के साथ ही ज्यादा समय व्यतीत करते हैं और उन्हें पता ही नहीं होता है कि पिता का प्यार क्या होता है. कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो माता-पिता दोनों के साथ एक जैसा समय व्यतीत करते हैं और उनसे पूछे जाने पर वो बच्चे यही कहते हैं कि पिता ज्यादा प्यार करते हैं और साथ ही उन बच्चों को ज्यादा खुश देखा गया जो पिता के साथ ज्यादा समय व्यतीत करते हैं.
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