हर बार की तरह इस बार भी 12 साल की योगिता अपने परिवार के लिए स्कूल की छुट्टियों में घर से लगभग 400 मीटर की दूरी पर बने एक हैंडपंप से पानी भरने गई. उसने एक चक्कर लगाकर 10 लीटर पानी भर भी लिया था लेकिन जब वह दूसरी बार पानी भरने गई तो वह वापस नहीं लौट पाई.
यह खबर है पांचवीं में पढ़ने वाली एक लड़की की, जिसकी मौत हैंडपंप से पानी भरने की वजह से हो गई. गांव के कुछ लोगों ने बताया कि योगिता हैंडपंप के पास बेहोश पड़ी है. उसे अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई.
मराठवाड़ा (महाराष्ट्र) के बीड़ इलाके में हुई यह घटना पानी की कमी की समस्या को एक बार फिर उजागर कर रही है. आज देश का अधिकतर हिस्सा पानी की कमी से जूझ रहा है. महाराष्ट्र सूखे से ग्रसित रहने वाले राज्यों में अग्रणी राज्य है. यहां सूखे या पानी की कमी ने कई लोगों की जान ले ली है. योगिता उसी की शिकार हुई है.
डॉक्टरों के मुताबिक योगिता की मौत हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की भारी कमी की वजह से हुई. उसके दिल और फेफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था. इस स्थिति में भी योगिता दिन में अपना समय 8 से 10 बार घर से हैंडपंप तक केवल पानी भरने में लगा देती थी. वह हर चक्कर में 10 लीटर पानी भरती थी.
योगिता के चाचा के मुताबिक हैंडपंप में बहुत कम पानी आता है और लंबी कतार लगी रहती है, इसलिए पानी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. पिछले महीने कुछ इसी तरह की घटना बीड़ के पिंपल गांव में घटी, जब 10 साल की एक लड़की पानी भरते समय कुएं में गिर गई.
आपको बता दें मराठवाड़ा का नाम सूखे से ग्रसित रहने वाले क्षेत्रों में सबसे उपर आता है. यहां महिलाएं और बच्चे कई मील दूर केवल पानी भरने के लिए जाते हैं. यहां की औरतों के सभी काम में पानी भरना एक मुख्य काम है. राहत एवं पुनर्वास विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र में 4356 टैंकरों से प्रभावित इलाकों में पानी की सप्लाई की जा रही है जिसमें मराठवाड़ा क्षेत्र प्रमुख है…Next
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