GST काउंसिल की 27वीं बैठक 4 मई को होने वाली है, GST की इस बैठक में कई बड़े बदलाव होने की संभावना है। बैठक में जीएसटी रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने तथा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था नियमों में जरूरी संशोधन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसमें पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने पर भी चर्चा हो सकती है। परिषद की 27वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये होगी। इसमें राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। बैठक में जीएसटीएन को सरकारी कंपनी में तब्दील करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा।
पेट्रोल, डीजल पर फैसला
हाल ही में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के कारण पेट्रोल और डीजल के भाव आसमान पर चले गए हैं। लंबे समय से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात चल रही है। 4 मई की बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में शामिल करने को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। सरकार कर्नाटक चुनाव और आगामी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के चुनावों को लेकर कोई जोखिम नहीं चाहती है। अगर पेट्रोल, डीजल जीएसटी में आता है तो इसकी कीमत घट सकती है। अभी इन पर कई तरह के टैक्स लगते हैं।
डिजिटल लेनदेन पर छूट
हाल ही में नोटबंदी के बाद एक बार फिर नकदी का संकट खड़ा हो गया था। लोगों की डिजिटल लेनदेन में दिलचस्पी घटती जा रही है। ऐसे में सरकरा डिजिटल ट्रांजैक्शन पर व्यापारियों को कैशबैक देने पर विचार कर रही है। साथ ही ग्राहकों को MRP पर भी छूट देने के प्रस्ताव पर विचार हो रहा है। इस पर 4 मई की जीएसटी काउंसिल की बैठक में प्रस्ताव रखा जा सकता है। खबर के मुताबिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वालों को MRP पर डिस्काउंट दिया जा सकता है। ये डिस्काउंट 100 रुपए तक हो सकता है। इस पर पीएमओ में हुई एक बैठक में विचार हुआ है। ये काम राजस्व विभाग को सौंपा जा सकता है।
चीनी महंगी हो सकती है
4 मई की जीएसटी काउंसिल की बैठक में चीनी पर सेस लगाने का फैसला भी हो सकता है। गन्ना किसानों का करीब 19,780 करोड़ रुपए का बकाया है। इसको चुकाने के लिए सरकार चीनी पर सेस लगा सकती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में हाल में जानकारी दी थी। इस सेस से एक फंड बनेगा और उससे ही गन्ना किसानों का पैसा चुकाया जाएगा। खबरों के मुताबिक चीनी पर 1 से 1.5 रुपए प्रति किलो सेस लगाया जा सकता है। इस कारण चीनी के भाव बढ़ सकते हैं।
रिटर्न फॉर्म सरल बनाया जाएगा
जीएसटी रिटर्न को सरल बनाने का प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल की बैठक के एंजेंडे में टॉप पर है। इसमें नए रिटर्न फॉर्म पर चर्चा हो सकती है। मार्च में जीएसटी रिटर्न के 2 फॉर्म पर चर्चा हुई थी। इसको सरल बनाने का काम मंत्रियों के एक समूह को दिया गया था। एफई की खबर के मुताबिक मंत्रियों के समूह ने एक नए मॉडल को मंजूरी दी है। इसमें करदाता को रिटर्न फाइल करने की जरुरत नहीं होगी। आईटी सिस्टम सप्लाई डेटा और इनवर्ड सप्लाइ के आधार पर मासिक रिटर्न जनरेट करेगा। डिफॉल्ट करने वालों की लिस्ट भी जारी होगी।
जीएसटीए सरकारी कंपनी बनेगी
जीएसटी काउंसिल 4 मई को जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बनाने पर भी फैसला कर सकती है। GSTN जीएसटी का पूरा आईटी नेटवर्क देख रही है। अभी इसमें एचडीएफसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एनएसई स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टमेंट कंपनी और एलआईसी हाउसिंग की 51 फीसदी हिस्सेदारी है। 49 फीसदी हिस्सा केंद्र और राज्य सरकार का है। अब इसको सरकारी कंपनी बनाया जा सकता है।…Next
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