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एक अविश्वसनीय सच, मिलिए गर्भ धारण कर बच्चा पैदा करने वाले दुनिया के पहले पुरुष से

कभी अगर गर्भवती मां के पेट में पलने वाले बच्चे की स्कैन तस्वीर आपने देखी हो तो आप समझ सकते हैं कि अपने गर्भनाल से जुड़े बच्चे को किस प्रकार हर मां अपनी जान पर खेलकर गर्भ में पालती और उसे दुनिया में आ सकने लायक बनाकर जन्म देती है. सदियों से यह होता आया है इसलिए असाधारण होते हुए भी यह हर किसी के लिए साधारण है. हर औरत मां बनती है और हर मां अपने गर्भ में बच्चे को पालती ही है, इसमें नया कुछ भी नहीं. हालांकि विज्ञान हर चीज में आधुनिकता और नयापन ढूंढ़ता है. पर मां को विज्ञान कैसे नया बना सकता है. आगे हम आपको दुनिया की कुछ नायाब मांओं के विषय में बता रहे हैं जिन्हें नायाब बनाने में विज्ञान का बड़ा योगदान रहा है. पर आप खुद तय कीजिए कि क्या नाम कमाने के लिए किसी की जान पर आफत लाने वाला विज्ञान का यह तरीका सही है?


राजो देवी लोहान

दुनिया की इस सबसे ज्यादा उम्र में मां बनने वाली महिला का रिकॉर्ड राजो देवी के नाम है. 70 वर्ष की उम्र में आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद से गर्भ धारण कर बेटी को जन्म देने वाली राजो देवी अब 75 साल की हो चुकी हैं, बुढ़ापे और इतनी बड़ी उम्र में गर्भवती होने के कारण कई बड़ी स्वास्थ्य परेशानियों से जूझ रही राजो देवी बेटी की शादी करने तक जिंदा रहना चाहती हैं.


हिसार, हरियाणा के एक छोटे से गांव की रहने वाली राजो देवी लोहान की 5 साल की बेटी का नाम नवीन है. एक वक्त था जब मां न बन पाने के कारण गांव वालों के बहकावे और तानों के दबाव में राजो के पति ने उनकी ही छोटी बहन से बच्चे के लिए शादी कर ली.



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एक कंट्रोवर्शियल क्लिनिक में आईवीएफ ट्रीटमेंट के माध्यम से गर्भ धारण करने वाली राजो देवी ने बेटी नवीन को जन्म दिया. दंपत्ति बच्चे के लिए इतने अधीर थे कि ट्रीटमेंट में लगने वाले 2000 डॉलर के लिए उन्होंने लोन लिया. राजो को यह बच्चा ऑपरेशन से हुआ था. ऑपरेशन के बाद वह लगभग मौत की कगार पर पहुंच गई. शरीर में अंदरूनी खून का रिसाव शुरू हो गया जो बंद नहीं हो रहा था. इसके अलावे भी कई दिक्कतें शुरू हो गईं. 2008 में ओवरी सिस्ट को निकालने के लिए उनका एक दूसरा ऑपरेशन भी करना पड़ा. ऐसे में राजो का बचना मुश्किल लग रहा था. उनकी मानें तो डॉक्टरों ने इतनी कम उम्र में गर्भवती होने से किसी नुकसान के विषय में कोई बात नहीं बताई. हालांकि इस कंट्रोवर्शियल क्लिनिक के डॉक्टर का कहना है कि बेटे की चाह पूरी कर उन्होंने दंपत्ति की मदद की है. कहना मुश्किल है कि अपनी बेटी के लिए जीने की चाह के कारण या भगवान का कोई आशीर्वाद था उन पर कि राजो देवी बच गईं. 2014 में उनकी बेटी 6 साल की हो गई है और वह अपनी बेटी के साथ खुश भी हैं. अपने गांव में वह पति, उनकी दूसरी पत्नी (जो उनकी छोटी बहन भी हैं) और बेटी के साथ रह रही हैं. राजो का मानना है कि जब तक उसकी बेटी 15 साल की नहीं हो जाती और उसकी शादी कर उसे सेटल नहीं कर देतीं, वह जीना चाहती हैं.


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भारती देवी (तीन जुड़वां बच्चों की सबसे अधिक उम्र में मां बनने वाली महिला)

भारती देवी भी हिसार, हरियाणा की ही हैं. राजो देवी की तरह भारती देवी भी सबसे अधिक उम्र में तीन जुड़वां बच्चों की मां बनने वाली दुनिया की पहली महिला हैं. इनका बच्चा भी उसी क्लिनिक में आईवीफ ट्रीटमेंट की मदद से हुआ है जहां राजो देवी ने ट्रीटमेंट कराया था. डॉक्टरों के अनुसार भारती देवी 66 साल की हैं. 44 साल की शादी के बाद भी जब वह मां नहीं बन सकीं तो आईवीएफ के बारे में जानकारी मिलने पर इस ट्रीटमेंट के लिए तैयार हो गईं. डॉक्टरों को इसके लिए तीन प्रयास करने पड़े. पहले दो प्रयासों में भारती के यूट्रस में 2-2 एंब्रियोज डाले गए थे. इनके फेल होने पर तीसरी बार तीन एंब्रियोज डाले गए जो सेट हो गए. इस तरह भारती एक साथ तीन बच्चों (2 बेटे, एक बेटी) की मां बनने वाली सबसे अधिक उम्र की महिला बन गईं.






लीना मेदिना: (दुनिया की सबसे कम उम्र की मां)

5 साल की उम्र में एक बच्चे को मां के अलावा दुनिया में कुछ और समझ नहीं आता. 5 साल की उम्र में किसी बच्ची का मां बनना असंभव है. पर दुनिया के अजूबों में एक अजूबा लीना मेदिनी भी हैं जो मात्र पांच साल की उम्र में मां बन गई थीं. आज भी दुनिया की सबसे कम उम्र की मां बनने का रिकॉर्ड लीना के नाम दर्ज है.

पांच वर्ष की उम्र में मां बनने वाली लीना की रहस्यमय दास्तां



नताली डेनिसे सुलेमान

एक साथ 8 बच्चों की मां बनने वाली नटाली डेनिसे सुलेमान दुनिया की पहली ऐसी महिला हैं. 2009 में आठ जीवित बच्चों को जन्म देनेवाली नटाली, नाद्या सुलेमान के नाम से भी जानी जाती हैं. नटाली को ये 8 बच्चे विट्रो फर्टिलाइजेशन विधि से हुए थे. बाद में नटाली को गर्भधारण और डिलीवरी करवाने वाले डॉक्टर का लाइसेंस रद्द कर दिया गया क्योंकि पता चला कि उसने जानबूझकर इनके यूट्रस में 12 एब्रियोज इंप्लांट किए थे. हालांकि बाद में जब पता चला कि नटाली के पहले से 6 बच्चे हैं और वह सिंगल मॉम हैं तो इन्हें भी लोगों का गुस्सा झेलना पड़ा.


1996 में नटाली की शादी मार्को गुटीरेज से हुई थी लेकिन वर्ष 2000 में उनका तलाक हो गया. मार्को के अनुसार नटालो को मां बनने का इतना शौक था कि उसने टेस्ट ट्यूब बेबी प्लान कर लिया जिसके लिए वह बिल्कुल भी तैयार नहीं था. अंतत: उनका तलाक हो गया.


थॉमस बीटी (गर्भ धारण करने और बच्चे पैदा करने वाला दुनिया का पहला आदमी)

मांओं की दुनिया में थॉमस एरिजोना एक अजूबा पुरुष मां है. वह अपनी पत्नी नैंसी और तीन बच्चों के साथ रहता था. वह मां कैसे बना इसकी कहानी भी बड़ी अनोखी है.


थॉमस जन्मजात लड़का नहीं बल्कि एक लड़की था. 1974 में लड़की के रूप में पैदा हुए ट्रेसी लैगोंडिनो को हमेशा से लड़का बनने का शौक था. बाद में उसने सर्जरी के माध्यम से अपना सेक्स बदल लिया और थॉमस बन गया. थॉमस के चेहरे पर दाढ़ी-मूंछें भी सामान्य आदमियों की तरह ही हैं (वह इसके लिए स्टेरॉयड्स लेता है) और उसे देखकर कहीं से पहचान पाना संभव नहीं है कि कभी वह लड़की था. अपनी पत्नी के साथ वह एक सामान्य आदमी की तरह ही जिंदगी बिता रहा है. कानूनन भी वह अब एक आदमी है लेकिन जन्मजात लड़की होने के कारण लड़कियों के ऑर्गंस भी थॉमस में बने रहे. थॉमस की पत्नी मां नहीं सकती थी. इसलिए थॉमस ने अपने फीमेल ऑर्गंस के जरिए बच्चे पैदा करने का फैसला किया.


ओंकारी पवार ( जुड़वा बच्चे पैदा करने वाली सबसे अधिक उम्र की मां)

ओंकारी पवार भी भारत की ही (उत्तर प्रदेश) हैं. 70 साल की उम्र में जुड़वा बच्चों (एक लड़का और एक लड़की) को जन्म देने के लिए ओंकारी पवार का नाम गिनीज बुक में दर्ज है. ओंकारी और उनके 77 साल के पति को पहले से दो बेटियां हैं लेकिन उन्हें और उनके पति को वर्षों से एक बेटे की चाह थी. इसलिए आईवीएफ ट्रीटमेंट से 70 साल की उम्र में भी मां सकने की जानकारी मिलने पर उन्होंने अपनी जमीनें और बैल बेचकर 350,000 रु. इसके लिए जमा किए. तब जाकर कहीं वे इसकी मदद से जुड़वा बच्चे ला पाए जिसमें एक बेटा भी है.



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कैरोल हॉरलॉक (सबसे ज्यादा बार अपनी कोख किराए पर देने वाली मां)

सरोगेट मदर के रूप में कैरोल के नाम सबसे अधिक बच्चे जन्म देने का रिकॉर्ड है. 13 साल में कैरोल ने 12 बार सरोगेसी से बच्चे पैदा किए हैं जिनमें एक बार जुड़वा और एक बार इसने तीन बच्चे पैदा किए.


स्टेसी हेरॉल्ड

स्टेसी हेरॉल्ड दुनिया की सबसे छोटे कद की मां हैं. स्टेसी मात्र 2 फीट 4 इंच लंबी हैं. 2000 में एक सुपरमार्केट के लिए काम करते हुए स्टेसी 5 फुट 9 इंच लंबे विल से मिलीं. वहीं इन दोनों में प्यार हुआ और 2004 में ये दोनों शादी कर पति- पत्नी बन गए. शादी के बाद दोनों जब फैमिली प्लान कर रहे थे तो डॉक्टर्स ने उन्हें चेतावनी दी कि इतनी कम शारीरिक लंबाई में स्टेसी के पेट में पलने वाला बच्चा उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है और उनकी मौत भी हो सकती है. इसके बावजूद स्टेसी ने मां बनने का फैसला किया और आज उनके 3 बच्चे हैं. दो बच्चे सामान्य लंबाई से बढ़ रहे हैं, एक की लंबाई थोड़ी छोटी है.

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