गुरमीत राम रहीम सिंह के कारण इन दिनों हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा सुर्खियों में है। डेरे में गुरमीत सिंह के अनैतिक कारनामों के खुलासे हो रहे हैं। मगर क्या आपको पता है, जो डेरा इन दिनों गुरमीत राम रहीम सिंह के गलत कार्यों की वजह से चर्चा में है, उसकी स्थापना सर्वधर्म समभाव की भावना के साथ और सामाजिक कार्यों के लिए हुई थी। डेरा एक ऐसा शब्द है, जिसमें घर का भाव आता है। डेरे का सीधा मतलब होता है ‘रहने का स्थान’ या ‘जहां मैं रहता हूं’। शायद इसी भाव से डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की गई थी कि यहां जाति-धर्म और ऊंच-नीच का कोई बंधन नहीं होगा। मगर समय के साथ गुरमीत सिंह ने डेरे की स्थापना के उद्देश्य को ही बदल दिया।
1948 में हुई स्थापना
इन दिनों जो डेरा सच्चा सौदा विवादों में है, वह एक सामाजिक कल्याण एवं आध्यात्मिक संगठन है। इसकी स्थापना मस्ताना बलूचिस्तानी नामक एक साधु ने 29 अप्रैल 1948 को एक आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र के रूप में की थी। इसकी शुरुआत एक झोपड़ी से आध्यात्मिक कार्यक्रमों और सत्संगों का आयोजन करके हुई थी। समय के साथ डेरा सच्चा के अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई। बाबा मस्ताना बलूचिस्तानी को उनके समर्थक बेपरवाह मस्तानाजी महाराज के नाम से बुलाते थे। बाबा मस्ताना बलूचिस्तानी का 18 अप्रैल 1960 को निधन हो गया, जिसके बाद 1960 से 1990 तक शाह सतनाम जी महाराज डेरा प्रमुख रहे। उन्होंने ही वर्ष 1990 में गुरमीत राम रहीम सिंह को डेरा प्रमुख बनाया।
कई देशों तक फैला है साम्राज्य
हरियाणा के सिरसा जिले में डेरा सच्चा सौदा का आश्रम 69 वर्षों से चल रहा है। इसका साम्राज्य अमेरिका, कनाडा व इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया और यूएई तक फैला है। इस संगठन के अनुयायियों में सिख धर्म, हिंदू धर्म व पिछड़े और दलित वर्ग के लोग शामिल हैं। डेरा सच्चा सौदा के पास कई राज्यों में ज़मीन है। इस जमीन पर खेती से होने वाली आय से संगठन चलाने और समाज सेवा के कार्य किए जाते हैं। डेरा सभी धर्मों-वर्गों के लोगों का अपने बीच स्वागत करता है। डेरा समर्थकों का कहना है कि डेरा सभी धर्मों का आदर-सम्मान करता है और सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोगों का वहां स्वागत है। विशेषज्ञ मानते हैं कि शायद यही कारण है कि दलित और पिछड़े वर्ग के अनेक लोग डेरे के ऊंच-नीच, जात-पात और गरीब-अमीर के फर्क से ऊपर उठने के वादे से प्रभावित होकर डेरे की ओर खिंचे चले आते हैं। डेरा के समर्थक इसे सच्चा धार्मिक आश्रम कहते हैं। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों को मांस खाने और शराब पीने पर प्रतिबंध है।
समाज सेवा के उद्देश्य से स्थापना
डेरा सच्चा सौदा की स्थापना का उद्देश्य समाज सेवा था। डेरे की ओर से समय-समय पर रक्तदान और नेत्र जांच शिविर जैसे आयोजन किए जाते हैं। साथ ही किसी प्राकृतिक आपदा आने पर उससे प्रभावित लोगों की मदद भी डेरा करता है। मगर इसकी आड़ में गुरमीत राम रहीम सिंह ने रेप जैसे अपराध शुरू कर दिए। डेरे का दावा है कि दुनिया भर में उसके करीब पांच करोड़ और हरियाणा में 25 लाख अनुयायी हैं।
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