20 अप्रैल, 1943 को अपने 54वें जन्मदिन के मौके पर हिटलर ने बेहद मंहगी शराब की बोतल मंगवाई थी. विशेषतौर पर रेड वाइन की वो बोतल हिटलर के लिए लाई गई थी जिसका नाम था ‘फ्यूहररवीन’ अथवा फ्यूहररवाइन यानि नेताओं की शराब. 1.5 लीटर रेड वाइन की इस बोतल पर उसने अपनी तस्वीर भी छपवाई थी लेकिन जब पीने का मौका आया तो उसने बेहद महंगी इस शराब को पीने से मना कर दिया क्योंकि दुनिया को अपनी ताकत तले रौंदने वाला हिटलर कभी शराब नहीं पीता था. वह शौकीन था, उसे हर चीज का शौक था लेकिन उसने कसम खाई थी कि वह कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाएगा.
इतने सालों बाद खासतौर पर नाजी सम्राट हिटलर के लिए बनाई गई रेड वाइन की इस बोतल को नीलामी के लिए रखा जा रहा है और ऐसी उम्मीद है कि यह करीब 2,000 पाउंड में बिकेगी और वो भी तब जब यह पीने लायक नहीं बची.
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नाजी पार्टी के बदनाम चिह्न, नाजियों को सामग्री पहुंचाने वाले ऑफिस की स्टैंप और चील के निशान वाली इस वाइन की बोतल को खरीदने की होड़ अभी से लग गई है जबकि सब यह जानते हैं कि इतनी पुरानी वाइन अब पीने योग्य नहीं बची.
जर्मन सैनिक ने इस बोतल को हंगरी के सैनिक को तोहफे में दी थी और तब से यह रेड वाइन की बोतल हंगरी के उस सैनिक के परिवार के पास है. वर्ष 1943 का वो साल उस शराब की बोतल के लिए तो अच्छा था क्योंकि उसे विशेषतौर पर हिटलर के लिए बनाया जा रहा था लेकिन हिटलर के लिए वो साल मनहूस था क्योंकि उसकी सभी सहयोगी ताकतें उससे दूर हो गई थीं.
अपने स्टाफ को तोहफे में देने के लिए हिटलर ने खास तरीके से बनाई गई इस शराब की बोतल को बनवाया था लेकिन स्वयं से वह इतना प्रेम करता था कि इस बोतल पर भी उसने अपनी तस्वीर छपवा दी.
शराब बनने के दो वर्ष पश्चात हिटलर की मौत हो गई और यह बोतल कभी नहीं खुली. आज इसे नीलाम किया जा रहा है लेकिन यह मनहूस बोतल किसके नसीब में होगी यह वक्त बताएगा.
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