बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में रात को नींद न आने की समस्या बढ़ती जा रही है। लंबे समय तक नींद नहीं आने से यह बीमारी का रूप ले लेती है और शारीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। मेडिकल लैंग्वेज में इस समस्या को इंसोमनिया बीमारी के नाम से जाना जाता है। इससे जूझ रहे लोगों को सिर में दर्द, सोचने और याद रखने की क्षमता में कमी समेत तमाम तरह की गंभीर दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं। अगर आप इन घरेलू तरीकों को अपनाएंगे तो बिना दवा खाए ही ठीक हो जाएंगे।
गलत आदतों परिणाम इंसोमनिया
कुछ शोध में यह बात सामने आई है कि इंसोमनिया, अनिद्रा यानी रात में नींद न आने की समस्या कोई बीमारी नहीं बल्कि गलत आदतों का परिणाम है। इसे दिनचर्या में बदलाव कर बिना दवा के ठीक किया जा सकता है और दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट से भी बचा जा सकता है। हालांकि, गंभीर स्थिति में चिकित्सक इसके लिए मेडिसिन ही अंतिम उपाय मानते हैं।
मेंटली और फिजिकली कमजोरी
इंसोमनिया यानी अनिद्रा से जूझ रहे लोगों को रात में नींद नहीं आती है और सारी रात जगा करते हैं। ऐसे लोग दिन में कुछ घंटों के लिए ही सोते हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त नहीं मिल पाती है। ऐसे पेशेंट अवसाद में जाने लगते हैं और चिड़चिड़े हो जाते हैं। ऐसे लोगों को बॉडी पेन, माइग्रेन, ब्लड प्रेशर, कार्डियक समेत मेंटल और न्यूरोलॉजी संबंधी गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। जो उनके जीवन के लिए घातक साबित होने लगती हैं।
खराब जीवनशैली और भोजन वजह
जानकार बताते हैं कि इंसोमनिया यानी अनिद्रा कई तरह के कारणों से हो जाती है। तनाव, शरीर में हार्मोंस के बदलाव, अनियमित जीवनशैली, खराब भोजन और उल्टी पुल्टी दिनचर्या की वजह से यह समस्या हो जाती है। यह समस्या लापरवाही से शुरू होती और धीरे धीरे आदत बन जाती है। चिकित्सक मानते हैं कि इसे ठीक करने के लिए समय पर इलाज शुरू करना जरूरी है, जबकि जानकार इसे घरेलू उपायों से ठीक करने की बात करते हैं जो कई शोध में भी सामने आ चुकी है।
डाइट में बदलाव और वसा-प्रोटीन से दूरी
इंसोमनिया यानी अनिद्रा से परेशान लोगों के लिए घरेलू उपायों में सबसे पहले दिनचर्या में बदलाव की बात शामिल है। इसके तहत तड़के सुबह उठना, व्यायाम करना और रात में तय समय पर बिस्तर पर पहुंचना। हालांकि, इस बीच कई ऐसी चीजें हैं जो करने से अनिद्रा पूरी तरह खत्म हो जाती है। इसमें सबसे पहली चीज है भोजन। ऐसे लोग भोजन में वसा की मात्रा बेहद कम लें और ज्यादा प्रोटीनयुक्त भोजन न करें। खासकर शाम के वक्त हल्का भोजन उचित है।
योगासन, सूर्य की किरणें और आउटडोर गेम
रोजाना तड़के सुबह उठें और नित्यक्रिया के बाद व्यायाम शुरू करें। इस दौरान शरीर को लचीला बनाने वाले और ध्यान केंद्रित करने वाले योगासन करें। इसके बाद कम से कम आधे घंटे तक सुबह सूरज की किरणों के सामने जरूर बैठें। इससे मिलने वाली विटामिन से शरीर ऊर्जावान बनता है। दिन में कम एक आउटडोर गेम जरूर खेलें या फिर नियमित दौड़ शुरू कर दें। अगर आप इस दौरान शुद्ध वातावरण यानी नेचर के नजदीक रहते हैं तो आप बहुत तेजी से रिकवर कर पाएंगे।
बेडरूम की साफ-सफाई और मोबाइल
होटल के बेड पर अक्सर जाते ही नींद और सुकून मिल जाताा है। क्योंकि वहां सफाई अच्छे से होती है और मुलायम होते हैं। लिहाजा बेडरूप की सफाई करें और बेड शीट तकिए का कवर साफ रखें। बिस्तर का मुलायम होना भी नींद के लिए जरूरी है। सोने से पहले बिस्तर और तकिये पर लैवेंडर ऑइल का छिड़काव करना चाहिए। इसकी खुशबू मन को शांत करती है और नींद आने में आसानी हो जाती है। ध्यान रहे सोने जाते समय मोबाइल साइलेंट मोड पर करें या स्विच ऑफ भी कर सकते हैं।…Next
Read More:
हैंगओवर की दवा बनाने के लिए 1338 दुर्लभ काले गेंडों का शिकार, तस्करी से दुनियाभर में खलबली
3 करोड़ से ज्यादा लोग एचआईवी पॉजिटिव, झारखंड में 23 हजार लोग इस जानलेवा बीमारी के शिकार
सर्दियों में इन दो वस्तुओं को खाया तो जा सकती है जान, आपके लिए ये बातें जानना जरूरी
Read Comments