बंद है भई! बंद है भारत बंद है। इस साल भारत को अभी तक तीन बार भारत बंद देखने को मिले। आज पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ने और रुपये की कीमत कम होने के विरोध में कांग्रेस ने भारत बंद का आवाह्न किया है। भारत बंद को 20 राजनीतिक पार्टियों का समर्थन है। आज भारत बंद पर देश भर से विरोध प्रदर्शन की खबर आ रही है। मुंबई में बसों को जलाने की खबर है, वहीं बिहार में ट्रैफिक जाम में फंसी बीमार बच्ची की मौत की खबर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन वक्त रहते जाम न खुल पाने के चलते बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस साल देश को तीसरी बार ‘भारत बंद’ का सामना करना पड़ा है। आइए, जानते हैं कब-कब हुआ भारत बंद।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एससी/एसटी एक्टी में बदलाव
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के बदलाव करते हुए कहा था कि मामलों में तुरंत गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा था कि शिकायत मिलने पर तुरंत मुकदमा भी दर्ज नहीं किया जाएगा। शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि शिकायत मिलने के बाद डीएसपी स्तर के पुलिस अफसर द्वारा शुरुआती जांच की जाएगी और जांच किसी भी सूरत में 7 दिन से ज्यादा समय तक नहीं होगी। डीएसपी शुरुआती जांच कर नतीजा निकालेंगे कि शिकायत के मुताबिक क्या कोई मामला बनता है या फिर किसी तरीके से झूठे आरोप लगाकर फंसाया जा रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल की बात को मानते हुए कहा था कि इस मामले में सरकारी कर्मचारी अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं।
केंद्र सरकार कानून में कर सकती है संशोधन
एससी\एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A जोड़ी जाएगी। इसके जरिए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा। इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए प्रावधान रद्द हो जाएंगे। मामले में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है। इसके अलावा आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिल सकेगी। आरोपी को हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी। मामले में जांच इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर करेंगे। जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा। एससी/एसटी मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी। सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत नहीं लेनी होगी।
एससी/एसटी एक्ट के समर्थन में भारत बंद
केंद्र सरकार एससी\एसटी संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18A जोड़ेगी। इसके समर्थन में ‘भारत बंद’ का आह्वान किया गया। समर्थन करने वालों की मांग थी कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अलग केंद्र सरकार पुराने एससी/एसटी एक्ट को ही बहाल कर दे। इस फैसले पर सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए ‘भारत बंद’ का ऐलान किया गया।
एससी/एसटी एक्ट के विरोध में ‘भारत बंद’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार द्वारा SC/ST एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने के विरोध में 6 सितंबर को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया। विरोध करने वालों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानते हुए इस एक्ट में सरकार की ओर से कोई संशोधन नहीं होना चाहिए। पुराने कानून को फिर से बहाल करने के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए और ‘भारत बंद’ का समर्थन किया।
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम को लेकर कांग्रेस का भारत बंद
कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में भारत बंद का ऐलान किया। रविवार को पेट्रोल और डीजल के दाम नई ऊंचाई पर पहुंच गए। पेट्रोल के दामों में 12 पैसे प्रति लीटर और डीजल के दाम में 10 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। दिल्ली में रविवार को पेट्रोल की कीमत 80।50 रुपये और डीजल की कीमत 72।61 रुपये प्रति लीटर हो गई। यह ईंधन की कीमत का नया उच्च स्तर है। सभी मेट्रो शहरों और अधिकतर राज्यों की राजधानी के मुकाबले दिल्ली में ईंधन की कीमत सबसे कम है।
28 सितम्बर को फिर से हो सकता है ‘ भारत बंद’
वहीं व्यापारियों के बड़े संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने 28 सितंबर को देश बंद का ऐलान किया है। वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे और खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के विरोध में अपने आंदोलन को तेज करते हुए कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आगामी 28 सितंबर को भारत व्यापार बंद का आह्वान किया है…Next
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