जीवन में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में आप चाहें कितने भी सकरात्मक रहें लेकिन कहीं न कहीं आपके साथ दुर्घटनाएं हो ही जाती हैं।
ऐसे में आपको आपकी सूझबूझ और जानकारी ही आपको परेशानियों से निकालने का काम करती है। हमें सकरात्मक रहने के साथ जीवन की हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। इमर्जेंसी हॉस्पिटलाइजेशन की स्थिति में आपको कैशलेस क्लेम कैसे करना चाहिए, आइए, जानते हैं।
अपनी बीमा कंपनी की कस्टमर सर्विस डेस्क या टीपीए को कॉल करें और पॉलिसी के तहत आने वाले अस्पतालों की सूची का पता लगाएं।
मरीज के भर्ती होने के बाद तय समय में हॉस्पिटल से कैशलेस क्लेम की प्रक्रिया शुरू करने को कहें।
हॉस्पिटल में मरीज का बीमा आईडी या टीपीए आईडी कार्ड साथ रखें। इसके अलावा अड्रेस प्रूफ भी साथ रखना जरूरी है।
इसके बाद कैशलेस क्लेम के लिए हॉस्पिटल मरीज के सारे आवश्यक डीटेल्स एक फॉर्म में दर्ज कर बीमा कंपनी या टीपीए को भेजेगा।
हॉस्पिटल द्वारा फॉर्म भेजे जाने के बाद बीमा कंपनी या टीपीए कवरेज डीटेल्स के साथ एक अनुमति पत्र हॉस्पिटल को भेजेगा।
इसके बाद मरीज के इलाज में बीमा कवरेज के तहत आने वाला जो भी खर्चा होगा, उसका भुगतान बीमा कंपनी सीधे हॉस्पिटल को करेगी।
भरोसे के साथ रखिए जानकारी
हर किसी के अलग-अलग व्यक्तित्व होता है। ऐसे में कोई मुश्किल की घड़ी में बेहद घबरा जाता है तो कोई और भी मजबूत बन जाता है।
ऐसे में जानकारी और स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी ही आपको बचा सकती है।
आपको पहले से ही कैशलेस स्कीम की जानकारी रखने के साथ अपने पास कुछ सेविग्स भी जरूर रखनी चाहिए…Next
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