हम में से कई लोग ऐसे हैं जो किसी के कहने से हेल्थ इंश्योरेंस ले तो लेते हैं लेकिन बाद में उन्हें लगता है कि उन्हें कोई दूसरी पॉलिसी लेनी चाहिए थी। ऐसे में आगे का क्या कदम हो सकता है। आपको या तो कोई दूसरी पॉलिसी लेनी पड़ेगी या आप खुद को दिलासा देंगे। लेकिन अगर हम आपसे कहें कि आप अपनी सिम की तरह अपनी पॉलिसी भी पोर्ट करा सकते हैं तो शायद आपको यकीन न हो लेकिन ये बात सच है।
ऐसे कराएं पॉलिसी पोर्ट
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पोर्ट करवाने के लिए जरूरी है कि आपकी मौजूदा पॉलिसी के खत्मर होने में 45 दिन का समय बचा हो। अवधि समाप्तए होने के 45 दिनों पहले आप दूसरी जनरल या हेल्थे इंश्योइरेंस कंपनी के पास एप्लामई कर सकते हैं।
नई पॉलिसी के लिए कंपनी के पास जाकर आपको प्रपोजल फॉर्म भरना होगा। साथ ही पोर्टेबिलिटी का फॉर्म भी भरना होगा।
नई कंपनी आईआरडीए के पोर्टल की मदद से पुरानी कंपनी से आपकी सभी जानकारियां हांसिल कर लेगी। इसमें पॉलिसी घारक की मेडिकल हिस्ट्रीी के साथ ही क्लेरम हिस्ट्री भी शामिल होगी।
नई कंपनी पॉलिसी धारक की हेल्थ् और क्लेकम हिस्ट्री के आधार पर आपका आवेदन रिजेक्टं भी कर सकती है।
यदि कंपनी प्रपोजल फॉर्म भरने के 15 दिनों के भीतर रिस्पॉण्डक नहीं करती है, तो पॉलिसी अपने आप अस्वींकृत मानी जाएगी।
पॉलिसी पोर्ट करवाने के नुकसान भी जान लें
इंश्यो रेंस पोर्ट करवाने के फायदों के साथ कुछ नुकसान भी हैं। यदि आप नई कंपनी में स्विच करते हैं तो आपको अपना नो क्ले म बोनस गंवाना पड़ेगा। नई कंपनी आपके मौजूदा सम एश्योीर्ड के आधार पर प्रीमियम तय करेगी। जबकि आपकी पुरानी कंपनी आपको प्रीमियम में डिस्का उंट या एडिशनल बेनिफिट जैसे फायदे दे सकती थी। इसके अलावा नई पॉलिसी के वक्त् आपका हेल्थ चैकअप होगा, ऐसे में यदि पिछले दो तीन साल में आपको डायबिटीज या ब्लॉड प्रैशर जैसी बीमारी हो गई है, तो इससे आपका प्रीमियम भी बढ़ जाएगा।
पॉलिसी पोर्ट करवाने की शर्तें
आप अपनी पॉलिसी को तब पोर्ट करा सकते हैं जब इसके रिन्यूअल का समय करीब आ रहा हो। इससे नया इंश्योरेंस पिरीयड नई इंश्योरेंस कंपनी के साथ होगा।
वेटिंग पिरियड क्रेडिट के अवाला नई पॉलिसी की अन्य शर्तें जिसमें प्रिमियम भी शामिल होता है ये सब कुछ नई इंश्योरेंस कंपनी अपने हिसाब से तय करती है।
अपने रिन्यूअल के 45 दिन पूर्व अपनी पुरानी कंपनी को शिफ्ट करने के लिए आवेदन करें। जिस कंपनी में आप पॉलिसी शिफ्ट करना चाहते है उसका नाम बताएं। बिना किसी रुकावट के अपनी पॉलिसी को रिन्यू कराएं।…Next
Read More :
आयकर रिटर्न के लिए पैन कार्ड के साथ आधार लिंक होना जरूरी, ऐसे करा सकते हैं लिंक
CBSE ने एग्जाम पैटर्न में किए ये 2 बदलाव, इस बार आसान आएंगे पेपर
रोजमर्रा की ये आदतें बना सकती हैं हेपेटाइटिस का मरीज, ऐसा करना आज से ही बंद कर दीजिए
Read Comments