विभिन्नताओं से भरे भारत देश में किसी भी बात पर विरोध जताने के तरीके भी काफी दिलचस्प है. कुछ तो किसी बात को पंसद न आने की सूरत में विरोध करने का ऐसा तरीका खोज निकालते हैं जिसे सुनकर हंसी भी आती है और गुस्सा भी. लेकिन क्या करें अलग-अलग रोज रखने वाले इंसानों के विरोध जताने के तरीके भी गजब के हो सकते हैं. लेकिन विरोध जताने के चक्कर में कुछ लोग अपने नैतिक मूल्यों का इस कदर पतन कर लेते हैं कि किसी को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते.
ऐसा ही विरोध का अनोखा तरीका अपनाया अहमदाबाद में रहने वाले एक आदमी ने. पृथ्वी प्रजापति नाम के एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को भरण-पोषण के तौर पर 10,000 की रकम सिक्कों के रूप में फैमिली कोर्ट में अदा की. सिक्कों से भरा बैग देखकर एक पल के लिए वहां खड़े वकील और जज हैरानी में पड़ गए जबकि अपने पति की ये अजीब हरकत देखकर पत्नी रामिलाबेन के होश उड़ गए. दरअसल पत्नी रामिलाबेन और पति पृथ्वी प्रजापति साल 2011 से अलग रह रहे हैं. इसके बाद पत्नी ने भरण-पोषण के तौर पर पैसों की मांग रखते हुए फैमिली कोर्ट में याचिका दायर की. कोर्ट ने पत्नी की याचिका स्वीकार करते हुए पति को भरण-पोषण के तौर पर हर महीने 1500 रुपए देने का आदेश दिया.
पत्नी का कहना था कि उसका पति एक शोरूम का मालिक है जबकि ये रकम बहुत कम है. तो दूसरी ओर अपनी पत्नी की बात का विरोध करते हुए पति ने खुद को शोरूम का कर्मचारी बताया. इसके बाद दोनों के बीच याचिकाओं का न खत्म होने वाला सिलसिला चल पड़ा. मुआवजे की रकम देने से बचने के लिए पति ने सुलह की शर्त भी रखी लेकिन पत्नी ने इंकार कर दिया. इसके बाद पति ने कुंठित होकर मुआवजे की रकम चिल्लर के रूप में देने का शर्मनाक कदम उठाया. पत्नी ने सिक्कों से भरा बैग बिना गिने ले तो लिया लेकिन इस हरकत पर उनका कहना था कि ‘मुझे इस कदम से गहरी चोट पहुंची है’ मैं इस बारे में अपने वकील से बात करने के बाद ही कुछ कह सकती हूं..Next
Read more :
Read Comments