कोरोना मरीजों की लगातार भारत में बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने रेमेडिसिविर दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस दवा को इमर्जेंसी केस में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। बता दें कि इस दवा को अमेरिका और जापान में पहले से ही इस्तेमाल किया जा रहा है।
अमेरिका, जापान में हो रहा इस्तेमाल
अमेरिकी बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी गिलियड साइंसेस ने कोरोना वायरस का उपचार करने वाली एंटीवायरल मेडिसिन मई माह में बनाई थी। इसे वेकलरी Veklury नाम दिया गया था। मानव परीक्षण में दवा के पास होने पर अमेरिकी सरकार ने सबसे पहले इसे इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। इसके अलावा जापान में भी इस्तेमाल की अनुमति दी थी। इन दोनों देशों में दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है।
भारत ने भी इस्तेमाल की मंजूरी दी
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार अब भारत सरकार ने कोरोना मरीजों को ठीक करने के लिए इस दवा के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। भारत में इस दवा को इमर्जेंसी केस में इस्तेमाल किया जाएगा। मरीज को इस दवा के 5 डोज दिए जाएंगे। ऐसे में यह साफ हो गया है कि इस दवा के जरिए और मरीजों को ठीक करने में मदद मिलेगी।
दवा के अच्छे रिजल्ट सामने आए
रिपोर्ट के अनुसार इस दवा के तय डोज नियमित रूप से मरीज को देने से वायरस को काबू करने में कामयाबी हासिल होगी। अमेरिका और जापान करीब एक महीने से इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों में दवा के अच्छे परिणाम सामने आए हैं।
अमेरिका ने कहा कोरोना की एकमात्र दवा
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार गिलियड साइंसेस की दवा को लेकर अमेरिका के वरिष्ठ संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथोनी फॉसी ने मई में ही कहा था कि यह कोरोना वायरस को खत्म करने वाली एकमात्र दवा है। इस दवा को कठिन परीक्षण के बाद इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है।
दवा का प्रोडक्शन बढ़ाया गया
दवा निर्माता कंपनी गिलियड साइंसेस के अनुसार मई में यह दवा दुनियाभर के 2 लाख लोगों के लिए ही थी। हालांकि, भारत, पाकिस्तान समेत कई देशों के साथ मिलकर इसकी मात्रा बढ़ाने में कामयाबी हासिल हुई है। गिलियड साइंसेस के चीफ मेडिकल आफिसर मेरदाद पारसे ने अमेरिका और जापान सरकार को शुक्रिया कह चुके हैं।..NEXT
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