समुद्रतट पर लोग गंदगी जिस असानी से फैलाते हैं उसे साफ करना उतना ही मुश्किल होता है. पत्थरों और चट्टानों से भरी उबड़-खाबड़ जमीन, रेत और दरारों में से कचड़ा चुनना एक चुनौती भरा काम होता है. खैर 7 जून 2015 को तमिलनाडु में लगभग 5000 लोगों ने इस चुनौती को स्वीकार किया. अंतराष्ट्रीय सागर दिवस पर इन वॉलिंटियर्स का मकसद था समुद्रतट से लगभग 50 टन कूड़ा करकट साफ करना.
चेन्नई ट्रेकिंग कल्ब द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के तहत सुबह तड़के ही चेन्नई, मदुरई, पोंडिचेरी आदि शहरों के समुद्रतटों पर सैकड़ों की संख्या में स्वयंसेवी पहुंचे और चट्टानों के बीच में यहां-वहां फैले कूड़े–कबाड़ को बटोरने लगे. ऐसा ही अभियान तंजावुर, धर्मपुरी, विशाखापट्टनम, कन्याकुमारी और हैदराबाद शहर में भी चलाया गया. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और 8 जून को विश्व सागर दिवस के अवसर पर यह कार्यक्रम इंडिया क्लीन स्वीप 2015 के बैनर तले चलाया गया.
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इस वर्ष इस अभियान का छठा संस्करण मनाया गया. इसके तहत आयोजनकर्ताओं ने चेन्नई की मरीना बीच से लेकर कोवलम तक के 20 किलोमीटर लंबे समुद्र तट से 50 टन कूड़ा एकत्रित करने का लक्ष्य रखा था. इस दौरान न सिर्फ कूड़ा एकत्रित किया गया बल्कि कूड़े को अलग-अलग श्रेणी में बांटा गया ताकि उनका आसानी से रिसाइकलिंग किया जा सके.
चेन्नई ट्रेकिंग क्लब 2008 में अस्तित्व में आई थी और तब से सलाना आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले लोगों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. इस दौरान आयोजनकर्ताओं ने लोगों को इकोफ्रेंडली जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. इस कार्यक्रम के तहत न सिर्फ समुद्रतटों की सफाई का अभियान चलाया गया बल्कि क्वीज, फ्लैश मॉब, नो प्लास्टिक चैलेंज आदि कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को पर्यावरण संबंधी मुद्दों के प्रति सचेत भी करने की कोशिश की गई.
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साफ-सुथरे समुद्र तट कई समुद्री जीवों के जीवन के लिए बेहद आवश्यक हैं. साथ ही सुंदर समुद्रतट ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित कर सकते हैं जो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है. गौरतलब है कि सागर प्रदूषण विश्वभर के वैज्ञानिकों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. Next…
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