कोरोना महामारी के खात्मे के लिए भारत सरकार कोवैक्सीन विकसित कर रही है। वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल के फेज में है। परीक्षण के लिए तय किए गए 12 में से दो सेंटर्स के करीब 26 लोगों को वैक्सीन दी गई है। जबकि, अभी इसका और भी लोगों पर परीक्षण किया जाएगा। वहीं, दुनियाभर में करीब 150 वैक्सीन विकसित की जा रही हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीन की 5 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल फेज में पहुंच चुकी हैं।
देश के 12 सेंटर्स पर हो रहे हैं मानव परीक्षण
भारत में बन रही कोरोना वैक्सीन को फार्मा कंपनी भारत बायोटेक आईसीएमआर के सहयोग से बना रहा है। वैक्सीन के हृयूमन ट्रायल की अनुमति जून में मिलने के बाद पहले चरण के तहत हरियाणा और बिहार के मेडिकल सेंटर्स पर इसका परीक्षण शुरू किया जा चुका है। वहीं, दिल्ली के एम्स समेत 10 और सेंटर्स को परीक्षण के लिए चुना गया है।
हरियाणा में 16 लोगों को दिया वैक्सीन डोज
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक 22 जुलाई तक हरियाणा के रोहतक पीजीआई में कुल 16 लोगों को कोवैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि अभी PGI रोहतक में 16 लोगों पर कोरोना वैक्सीन का ट्राएल किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी 4 और लोगों पर ट्रायल किया जाएगा।
वैक्सीन के अब तक के परिणाम सुखद
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने एएनआई को बताया कि कोवैक्सीन के अब तक किए गए परीक्षण के सुखद परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक किसी में भी वैक्सीन का बुरा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। ट्रायल एक लंबी प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि कोवैक्सीन के ह्यून ट्रायल एम्स, पटना समेत अन्य दूसरी जगहों पर भी हो रहे हैं।
अब तक दो सेंटर्स के 26 लोगों पर परीक्षण
इससे पहले 17 जुलाई तक हरियाणा में ट्रायल के तहत वैक्सीन की डोज 3 लोगों को दी गई थी। अब यह संख्या बढ़कर 16 हो गई है। इसी तरह पटना में 10 लोगों पर परीक्षण के लिए वैक्सीन की डोज दी गई थी। इस तरह अब तक कुल 26 लोगों पर कोवैक्सीन का परीक्षण किया गया है।
सबसे ज्यादा चीन की वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल फेज में
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनियाभर में कोरोना की करीब 155 वैक्सीन बनाई जा रही हैं। इनमें से करीब 13 वैक्सीन मानव ट्रायल फेज में पहुंच चुकी हैं। चीन की सबसे ज्यादा 5 वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल फेज में हैं। जबकि, अमेरिका की तीन, ब्रिटेन की दो, रूस, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की एक एक वैक्सीन मानव परीक्षण स्तर से गुजर रही है। इनमें से ब्रिटेन के आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी आस्ट्राजेनेका की वैक्सीन अंतिम चरण में है।..NEXT
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