क्या आप किसी हेल्थ पॉलिसी की वजह से ठगे गए हैं या आपको कभी किसी हेल्थ कंपनी ने बड़े-बड़े वादे करके ऐसी पॉलिसी दी है, जो जरूरत के वक्त आपके काम नहीं आ सकी! अगर आप इन चीजों से गुजर चुके हैं तो आपको अंदाजा होगा कि इन कंपनी के झूठ का क्या असर होता है। झूठ के ऐसे ही मामलों को बढ़ता देखकर बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के माननीकरण हेतु एक नया ड्राफ्ट एक्सपोजर जारी किया है, ताकि बीमा कंपनियों की पेशकश में समानता लाई जा सके। प्रस्तावित बदलावों के तहत बेसिक कवर के साथ एड-ऑन तथा वैकल्पिक कवर पेश करने की अनुमति नहीं होगी। जानकारों का मानना है कि इन नियमों के लागू होने का बाद स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ग्राहकों को बेवकूफ नहीं बना पाएंगी।
प्रिंसिपल सम एश्योर्ड के लिए न्यूनतम आयु 18 और अधिकतम 65 वर्ष
स्टैंडर्ड प्रोडक्ट की पेशकश सिर्फ इन्डेम्निटी आधार पर होगी और इसमें कोई कटौती शामिल नहीं होगी। हालांकि, उक्त प्रोडक्ट पर 5% के एक स्टैंडर्ड को-पे पर विचार किया जा सकता है। इस ड्राफ्ट एक्सपोजर में कहा गया है कि पेश की जाने वाली बेसिक इन्डेम्निटी हेल्थ कवर पॉलिसी में न्यूनतम 50000 रुपए और अधिकतम 10 रुपए लाख का सम एश्योर्ड होना चाहिए। स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को किसी भी क्रिटिकल इलनेस कवर या अन्य लाभ आधारित कवर के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। कोई भी स्टैंडर्ड प्रोडक्ट एक फैमली फ्लोटर प्लान के रूप में पेश किया जा सकता है और इसके अंदर 0 से 25 वर्ष तक के बच्चे भी कवर किये जा सकेंगे। प्रिंसिपल सम एश्योर्ड के लिए न्यूनतम प्रवेश आयु 18 वर्ष और अधिकतम प्रवेश आयु 65 वर्ष होगी और इस पॉलिसी को जीवन भर तक रिन्यु कराया जा सकेगा। इसमें कोई भी अधिकतम एक्ज़िट उम्र नहीं होगी।
स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट में शामिल होंगे कुछ अन्य कवर
ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव है कि स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स के बेस कवर के साथ कोई भी एड-ऑन और वैकल्पिक कवर देने या जोड़ने की अनुमति नहीं होगी, जैसा कि वर्तमान में कई बीमा कंपनियां अपने अलग-अलग प्रकार के बेसिक प्रोडक्ट के साथ एड-ऑन और वैकल्पिक कवर दे रही हैं। इस कारण हर बीमा कंपनी का प्रीमियम अलग होता है और किसी को भी इस बात की वास्तविक जानकारी नहीं होती कि उपभोक्ता के लिए बेसिक कवर में क्या-क्या शामिल है। ड्राफ्ट में यह भी बताया गया है कि स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट में कुछ अनिवार्य कवर शामिल किए जाने चाहिए, जैसे अस्पताल भर्ती खर्च (रूम, बोर्डिंग, नर्सिंग खर्च, डेंटल उपचार आदि), आयुष उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के पहले और बाद का खर्च, वेलनेस इन्सेंटिव।…Next
Read More :
3000 रुपए की पेंशन के लिए 15 फरवरी से कर सकेंगे आवेदन, ये हैं नियम और शर्ते
राशन की चोरी रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने शुरू किया अभियान, सेल्फी से ऐसे रखा जाएगा हिसाब
Read Comments