सरकार जल्द उन लोगों का राहत देने वाली है जो लोग अक्सर हवाई यात्रा करते हैं, लेकिन उनका घर एयरपोर्ट से काफी दूरी पर है। दरअसल दिल्ली से गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर में बन रहा एयरपोर्ट मार्च 2023 तक उड़ानों के लिए चालू हो जाएगा। शुरुआत में इस एयरपोर्ट से सालाना 60 लाख यात्री उड़ान भर सकेंगे और साल-दर-साल इस आंकड़े में इजाफा होता जाएगा। 2050 तक इस एयरपोर्ट की क्षमता सालाना 10 करोड़ यात्रियों तक हो जाएगी। ऐसे में चलिए एक नजर ड़ालते हैं कि जेवर एयरपोर्ट से कैसे दिल्ली-एनसीआर के हवाई यात्रियों को क्या सहूलियतें मिलेगी।
यात्रियों को जानें क्या होंगे फायदे
1. साल 2022-23 में दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के जेवर में शुरू होगा एक और इंटरनैशनल एयरपोर्ट। इससे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर दबाव में कमी आएगी। इस एयरपोर्ट की शुरुआती क्षमता 60 लाख पैसेंजर होगी।
2. जेवर एयरपोर्ट प्रॉजेक्ट के कारण करीब एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। यमुना सिटी में 80 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा। होटल, मोटल, लेजर प्लाजा, शॉपिंग सेंटर और कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए स्कीम निकालने की तैयारी।
3. इस एयरपोर्ट के करीब 2,3,5,7 स्टार होटल, लेजर प्लाजा, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, कन्वेंशन सेंटर और विश्वस्तरीय मंडी चेन बनाने की योजना है। इसके जरिए किसान और व्यापारी अपने उत्पाद देश-विदेश में भेज सकेंगे।
4. एयरपोर्ट निर्माण की कुल लागत 19 हजार करोड़ रुपये होगी, इसमें से 4000 करोड़ जमीन अधिग्रहण पर खर्च होंगे। 8 गांवों की 1327 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करने का प्रस्ताव डीएम को भेजा जा चुका है। जेवर एयरपोर्ट से टूरिज्म इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां से देसी-विदेशी यात्री आगरा, मथुरा, वृंदावन समेत दूसरे पर्यटन स्थलों पर जा सकेंगे।
5. जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली-एनसीआर से जोड़ने के लिए 4 रूट बनाए जाएंगे। पहला रूट सराय काले खां से जेवर के लिए होगा। इस रूट पर रैपिड रेल चलाई जाएगी। दूसरा रूट नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से जेवर एयरपोर्ट के लिए होगा। यहां 180 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से रैपिड रेल चलाने की तैयारी है। इसके अलावा पालम एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी के लिए ऐसा नेटवर्क बनाया जाएगा। इसके अलावा चौथा रूट एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा के परी चौक तक का होगा। यहां मेट्रो चलाई जाएगी।
6. जेवर एयरपोर्ट से 2022-23 में 8 घरेलू और 6 विदेशी डेस्टिनेशंस के लिए उड़ानें शुरू हो सकती हैं। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की 2012 में यात्री क्षमता 3.4 करोड़ रुपये थी, जो 2017 तक बढ़कर 6.3 करोड़ तक पहुंच सकती है।
7. इस एयरपोर्ट से एनसीआर क्षेत्र को सामाजिक-आर्थिक लाभ होने के साथ ही दिल्ली एयरपोर्ट पर दबाव में भी कमी आएगी। दिल्ली एयरपोर्ट के कुछ ही दिनों में यात्रियों की अपनी अधिकतम सीमा तक पहुंचने की संभावना है।…Next
Read More:
दूसरे बैंक का ATM यूज करना पड़ सकता है महंगा, जानें क्या है वजह
कैश की किल्लत से हैं परेशान, तो इन 4 तरीकों से मिल सकती है राहत
गाड़ियों पर छाए सिंदूरी हनुमान के स्टीकर, जानें क्या है राज!
Read Comments