हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे का जासूसी नेटवर्क इतना मजबूत था कि उसे पुलिस की मूवमेंट से पहले ही पता चल गया था कि घर पर छापेमारी होने वाली है। इसी वजह से उसने पहले ही अपना किला मजबूत करते हुए अपने गुर्गों को घर पर बुला लिया था। पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तो उसने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था।
कई जिलों में फैला है खुफिया नेटवर्क
कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव निवासी कुख्यात अपराधी विकास दुबे पर कई थानों में हत्या, रंगदारी, लूट और हत्या के प्रयास समेत तमाम संगीन मामले दर्ज हैं। वह इतना शातिर अपराधी था कि उसका जासूसी नेटवर्क कानपुर नगर से लेकर कानपुर देहात समेत अन्य जनपदों तक फैला हुआ था। यही वजह थी कि पुलिस की छापेमारी से पहले ही उसे मूवमेंट का पता चल गया था।
पुलिस स्टेशन से विकास को गया था फोन
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस से मुठभेड़ के बाद पकड़े गए विकास दुबे के साथी दयाशंकर ने कल्यानपुर थाने की पुलिस को रविवार को बताया कि विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से एक फोन आया था। उसे पुलिस के मूवमेंट से पहले ही पता चल गया था कि उसके घर दबिश के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स आ रहा है।
मुठभेड़ से पहले ही विकास ने बुलाए थे 30 गुर्गे
विकास दुबे को पता चल गया था कि इलाके में नाकेबंदी हो चुकी है और उसका अपने घर से बचकर निकलना मुश्किल है। उसके साथी दयाशंकर ने पुलिस को आगे बताया कि फोन आने के बाद विकास दुबे ने लगभग 25-30 लोगों को घर पर बुला लिया। उसने पुलिस कर्मियों पर गोलियां चलाईं। दयाशंकर ने बताया कि मुठभेड़ के समय वह घर के अंदर बंद था और इसलिए वह कुछ देखा नहीं सका।
चौबेपुर पुलिस स्टेशन जांच के घेरे में आया
एएनआई के मुताबिक कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा है कि इसकी जांच की जा रही है कि किस तरह से विकास दुबे को पुलिस की मूवमेंट की जानकारी मिली। स्थानीय पुलिस स्टेशन के सभी कर्मचारी जांच के दायरे में हैं। जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, उन्हें हत्या का दोषी माना जाएगा।
नेपाल सीमा पर अलर्ट, एमपी और राजस्थान भागने की आशंका
एक लाख के ईनामी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को तलाशने में जुटी पुलिस को घटना के 60 घंटे बाद भी कोई खबर नहीं मिल सकी है। पुलिस की सौ टीमों समेत नेपाल सीमा पर एसएसबी को अलर्ट किया गया है। इसके अलावा बहराइच, गोंडा, लखीमपुर खीरी के साथ ही महराजगंज तथा उत्तराखंड की सीमा पर खोजबीन चल रही है। ऐसी आशंका भी जताई जा रही है कि वह इटावा के रास्ते मध्यप्रदेश और राजस्थान भी भाग सकता है। जबकि, पूर्वांचल के गोरखपुर, बलिया और गोंडा जिलों में उसके लिंक खोजे जा रहे हैं।
सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार
बता दें कि कानपुर के चौबेपुर के बिकरु गांव में गुरुवार-शुक्रवार की रात चौबेपुर पुलिस विकास दुबे के यहां रेड डालने पहुंची थी। इस दौरान पुलिस और विकास के गिरोह के बीच खूनी मुठभेड़ हुई थी। इसमें सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस घटना के बाद पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था। मुख्य आरोपी विकास दुबे अभी तक पुलिस की गिरफ्त से फरार है।..NEXT
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