Menu
blogid : 316 postid : 1390357

तीन तलाक बिल लोकसभा में पास, जानें क्या है ‘इंस्टेट ट्रिपल तलाक’ और इससे जुड़े दांव-पेच

तीन तलाक बिल (2018) को लोकसभा ने पारित कर दिया है। अब इसे राज्यसभा में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। इसके बाद ही यह कानून की शक्ल ले सकेगा। सदन में मौजूद 256 सांसदों में से 245 सदस्यों ने इसके पक्ष में मतदान किया, जबकि 11 सदस्यों ने इसका खिलाफ अपना वोट दिया। इसके साथ ही सदन में असदुद्दीन ओवैसी के तीन संशोधन प्रस्ताव भी गिर गए। कई अन्य संशोधन प्रस्तावों को भी मंजूरी नहीं मिली।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal28 Dec, 2018

 

 

क्या है इंस्टेट ट्रिपल तलाक
तलाक़-ए-बिद्दत या इंस्टेंट तलाक दुनिया के बहुत कम देशों में चलन में है, भारत उन्हीं देशों में से एक है। एक झटके में तीन बार तलाक़ कहकर शादी तोड़ने को तलाक़-ए-बिद्दत कहते हैं। ट्रिपल तलाक़ लोग बोलकर, टेक्स्ट मैसेज के ज़रिए या व्हॉट्सऐप से भी देने लगे हैं। एक झटके में तीन बार तलाक़ बोलकर शादी तोड़ने का चलन देश भर में सुन्नी मुसलमानों में है लेकिन सुन्नी मुसलमानों के तीन समुदायों ने तीन तलाक़ की मान्यता ख़त्म कर दी है। हालांकि देवबंद के दारूल उलूम को मानने वाले मुसलमानों में तलाक़-ए-बिद्दत अब भी चलन में है और वे इसे सही मानते हैं। इस तरीक़े से कितनी मुसलमान महिलाओं को तलाक़ दिया गया इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है।

क्या हैं कानून प्रावधान
तीन तलाक़ कानून में तीन साल जेल का प्रावधान किया गया है।
इसके तहत तीन तलाक़ गैरज़मानती होगा और अभियुक्त को ज़मानत थाने में नहीं दी जा सकती। सुनवाई से पहले ज़मानत के लिए उसे मजिस्ट्रेट के पास जाना होगा। यहां पत्नी की सुनवाई के बाद ही पति को ज़मानत मिल सकेगी।
मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि ज़मानत तभी दी जाए जब पति विधेयक के अनुसार पत्नी को मुआवज़ा देने पर सहमत हो।
विधेयक के अनुसार मुआवज़े की राशि मजिस्ट्रेट द्वारा तय की जाएगी।

 

 

लोकसभा में पास होने के बाद भी क्या है पेच
अब पहली समस्या यह है कि मौजूदा संसद सत्र 8 जनवरी तक ही चलना है और अगर इस बार भी बिल राज्यसभा में अटक जाता है तो सरकार को दोबारा अध्यादेश लाना पड़ेगा। क्योंकि, यह अंतिम सत्र है लिहाजा नई सरकार और नई संसद के समक्ष ही इस बिल को दोबारा लाया जा सकेगा। जिसमें काफी वक्त लग सकता है…Next 

 

 

Read More :

सोशल मीडिया पर झूठे प्यार में फंसने के खिलाफ पुलिस ने छेड़ा अभियान, जानें क्या है रोमांस स्कैम

20 मौतों में से एक की वजह शराब, WHO की 500 पन्नों की रिपोर्ट में सामने आई ये बातें

2,874 बाल आश्रय गृहों में से सिर्फ 54 के मिले पॉजिटिव रिव्यू, NCPCR की रिपोर्ट सामने आई ये बातें

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh